सांसद और PA का जिक्र, रेप फिर आत्महत्या... हाथेली में नोट लिखने वाली महिला डॉक्टर के सुसाइड मामले में चौंकाने वाले खुलासे
सतारा की महिला डॉक्टर ने चार पन्नों के सुसाइड नोट में पुलिस अधिकारी पर चार बार रेप और उत्पीड़न का आरोप लगाया. उन्होंने सांसद और उनके निजी सहायक (PA) का भी नाम लिए बिना दबाव और धमकियों का जिक्र किया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने और पुलिस उत्पीड़न के चलते डॉक्टर ने बीते रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. आरोपी PSI को सस्पेंड कर जांच टीम तैनात की गई है.;
महाराष्ट्र के सतारा जिले से सामने आई एक चौंकाने वाली घटना ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है. यहां एक 26 वर्षीय महिला डॉक्टर, जिन्होंने स्थानीय उप जिला अस्पताल, फलटण में तैयाना थी, उसने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. उनके पीछे चार पन्नों का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने पुलिस अधिकारियों और एक सांसद के सहयोगियों द्वारा लगातार उत्पीड़न और धमकियों का आरोप लगाया है. जिसके बाद बवाल मच चुका है.
NDTV में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, पड़ताल में सामने आए लेडी डॉक्टर के इस लेटर में कई चौंकाने वाले राज लिखे हैं. मृत डॉक्टर द्वारा लिखे गए चार पेज के लेटर में एक सांसद (MP) और उनके निजी सचिव (PA) का उल्लेख है. हालांकि सांसद और उसके सचिव का नाम नहीं लिखा है. फिर एक-एक कर कड़िया जुड़ती गई. पता चला कि पुलिस वाले डॉक्टर पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने का आरोप बना रहे थे. इस कारण उसका विवाद चल रहा था. इस मामले को लेकर वो लंबे समय से तनाव में थी. डॉक्टर ने अपने सुसाइड में पुलिस अधिकारी गोपाल बदने पर 4 बार रेप का आरोप लगाया है.
डॉक्टर ने अपने सुसाइड नोट में खुलासा किया कि उन्हें कई आरोपियों के लिए फर्जी फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए दबाव डाला गया. जब उन्होंने ऐसा करने से मना किया, तो उन्हें उप निरीक्षक गोपाल बदने और अन्य लोगों द्वारा मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा. यह घटना डॉक्टर की नियुक्ति की अवधि पूरी होने से केवल एक महीने पहले घटित हुई.
पुलिस अधिकारियों और सांसद के सहयोगियों द्वारा उत्पीड़न
डॉक्टर ने अपने नोट में लिखा कि कई आरोपियों को मेडिकल जांच के लिए लाया तक नहीं गया, फिर भी उन्हें सर्टिफिकेट जारी करने के लिए दबाया गया. एक विशेष घटना में, जब उन्होंने सर्टिफिकेट जारी करने से मना किया, तो एक सांसद के दो निजी सहायक अस्पताल में आए और डॉक्टर को सांसद से फोन पर बात करने के लिए मजबूर किया. उन्होंने कहा कि सांसद ने अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें धमकाया. उनके चचरे भाई ने भी कहा, “उसने दो-तीन बार शिकायतें की थीं. एसपी और डीएसपी को पत्र लिखे गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. नोट में डॉक्टर ने लिखा कि अगर कुछ होता है तो जिम्मेदार कौन होगा.”
मकान मालिक द्वारा भी हुआ उत्पीड़न
सुसाइड नोट में डॉक्टर ने यह भी उल्लेख किया कि उनके मकान मालिक प्रशांत बंकर द्वारा भी उन्हें परेशान किया गया. इस मामले में पुलिस अधिकारी बदने और बंकर के खिलाफ बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.
कोल्हापुर डिवीजन के आईजीपी सुनील फुलारी ने बताया, “हम अब तक जुटाए गए सबूतों के आधार पर मामले की जांच कर रहे हैं. सतारा जिले में मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में शामिल पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है.”
राजनीतिक विवाद और आरोप-प्रत्यारोप
घटना ने राजनीतिक रूप भी ले लिया है. कांग्रेस ने राज्य में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार पर पुलिस को ढाल देने का आरोप लगाया. कांग्रेस नेता विजय नामदेवराव वडेट्टीवार ने कहा, “जब जो सुरक्षा देने वाला होता है, वही शोषक बन जाए तो न्याय कैसे मिलेगा? इस लड़की ने पहले शिकायत की थी, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.”
वहीं, भाजपा ने मामले में पूरी जांच कराने का आश्वासन दिया. भाजपा नेता चित्रा वाघ ने कहा, “यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. सतारा एसपी से बात की गई है. यह ध्यान में आया कि डॉक्टर ने शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. सभी पहलुओं की जांच की जाएगी. महिलाओं से अपील है कि इस तरह का कदम उठाने की जरूरत नहीं है, हमारी सरकार मदद के लिए तैयार है.”