कोई प्रोफेसर तो कोई वकील... क्या करती हैं मनमोहन सिंह की तीनों बेटियां? पढ़ें डिटेल में

Manmohan Singh Daughters: देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह अब इस दुनिया में नहीं हैं. वे अब पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. उनका 28 दिसंबर को अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान उनकी पत्नी और बेटियां भी मौजूद रहीं. आइए, जानते हैं कि मनमोहन सिंह की कितनी बेटियां हैं, उनके नाम क्या हैं और वे क्या काम करती हैं...;

By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 28 Dec 2024 3:33 PM IST

Manmohan Singh Daughters: देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 28 दिसंबर को दिल्ली के निगम बोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर और उनकी तीनों बेटियां उपिंदर, दमन और अमृत समेत परिवार के सदस्य भी शामिल हुए.

मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर एक प्रोफेसर, लेखिका और कीर्तन गायिका हैं. उनकी तीनों बेटियां भी विभिन्न क्षेत्रों में काम कर अपने परिवार का नाम रोशन कर रही हैं. आइए, उनके बारे में विस्तार से जानते हैं...

1- उपिंदर सिंह

मनमोहन सिंह की सबसे बड़ी बेटी का नाम उपिंदर सिंह है. वे एक लोकप्रिय इतिहासकार हैं. इसके साथ ही, वे अशोका यूनिवर्सिटी की डीन भी हैं. उन्होंने भारतीय इतिहास पर कई किताबें लिखी हैं. इनमें प्राचीन और प्रारंभिक मध्यकालीन भारत का इतिहास और प्राचीन भारत का विचार शामिल हैं. उन्हें 2009 में सामाजिक विज्ञान के लिए इन्फोसिस पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है. उपिंदर की शादी फेमस राइटर विजय तन्खा से हुई है, जिन्होंने प्राचीन यूनानी दर्शन पर विस्तार से लिखा है.


2- दमन सिंह

पूर्व प्रधानमंत्री की दूसरी बेटी का नाम दमन सिंह हैं. वे लेखिका हैं. उन्होंने कई किताबें लिखी हैं. इससे स्ट्रिक्टली पर्सनल भी शामिल है, जो उनके माता-पिता की जीवनी है. दमन ने वन संरक्षण जैसे मुद्दों पर द लास्ट फ्रंटियर पीपल एंड फॉरेस्ट इन मिजोरम में विस्तार से लिखा है. उनकी शादी आईपीएस अधिकारी और भारत के राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड यानी NATGRID के पूर्व सीईओ अशोक पटनायक से हुई है.

3- अमृत सिंह

अमृत सिंह अपनी बहनों में सबसे छोटी हैं. वे अमेरिका में मानवाधिकार वकील और स्टैनफोर्ड लॉ स्कूल में कानून की प्रोफेसर हैं. ने ओपन सोसाइटी जस्टिस इनिशिएटिव के साथ अपने काम के जरिए वैश्विक मानवाधिकार मुद्दों की प्रमुख वकील रही हैं.अमृत के पास येल लॉ स्कूल, ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज सहित लोकप्रिय संस्थानों की डिग्रियां है.


सात दिन का राजकीय शोक

पूर्व पीएम का निधन 26 दिसंबर को रात 9 बजकर 51 मिनट पर हुआ. उनके निधन पर देश में सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है. केंद्रीय कैबिनेट ने उन्हें एक ऐसा विलक्षण राजनेता और अर्थशास्त्री बताया है, जिन्होंने राष्ट्रीय जीवन में गहरी छाप छोड़ी है.

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