बढ़ गया खतरा! पुलिस स्टेशन में घुसकर लूटे हथियार, मणिपुर के उखरुल में हिंसा के दौरान बेकाबू हुई भीड़

Manipur violence: मणिपुर के उखरुल कस्बे में नागा समुदाय के समूहों के बीच झड़प में 3 लोगों की मौत हो गई. इस दौरान भीड़ ने पुलिस थाने से हथियार भी लूट लिए. यह पहली बार है जब नागा बहुल क्षेत्र में किसी पुलिस स्टेशन पर हमला किया गया है. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त बल भी जिले में भेजा गया.;

Manipur violence
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 3 Oct 2024 6:40 PM IST

Manipur violence: मणिपुर में हिंसा का दौर कब खत्म होगा? ये सवाल देश के हर नागरिक के मन में है. लेकिन इस सवाल के बीच लगातार मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है. ताजा मामलों में राज्य के उखरुल कस्बे में दो समूहों के बीच झड़प के दौरान भीड़ ने उखरुल पुलिस थाने (Ukhrul police station) पर हमला बोल दिया और हथियार लूट लिए. 'स्वच्छता अभियान' के तहत कस्बे में एक विवादित भूमि की सफाई को लेकर बुधवार को दो समूहों के बीच हुई गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए.

पुलिस ने बताया कि गंभीर रूप से घायल 10 लोगों को इम्फाल के एक अस्पताल में रेफर किया गया है, जबकि अन्य का इलाज उखरूल जिला अस्पताल में चल रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जब हिंसा चल रही थी तब पुलिस स्टेशन पर हमला किया गया. नागा समुदाय के दो समूहों के बीच झड़प के बाद शहर में BNS की धारा 163, 2023 की उप-धारा 1 के तहत इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई.

युवाओं ने लूटे हथियार

एक अधिकारी ने बताया, 'उखरूल कस्बे में हिंसा भड़कने के बाद अधिकतर युवाओं की भीड़ ने विनो बाजार स्थित पुलिस थाने पर धावा बोल दिया और सरकारी हथियार लूटकर भाग गए.'मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस के सूत्रों ने बताया कि लूटे गए हथियार में आठ 9 एमएम पिस्तौल, छह इंसास राइफल, तीन एके-47 राइफल, दो 9 एमएम कार्बाइन, एक एसएलआर, एक स्टेन गन, 340 इंसास राउंड, 250 कार्बाइन राउंड, 9 एमएम के 201 राउंड, एके-47 के 180 राउंड और एसएलआर के 10 राउंड शामिल है.

एके-47 लूटे जाने की खबर

अन-ऑफिशियल सूत्रों ने दावा किया है कि लूटे गए हथियारों में एके-47 और इंसास राइफलें शामिल हैं. जातीय संघर्ष से ग्रस्त पूर्वोत्तर राज्य में पहले भी विभिन्न पुलिस थानों से हथियारों की लूट की खबरें आई थीं, लेकिन उन सभी मामलों में या तो मैतेई या कुकी दो युद्धरत समुदायों का प्रभुत्व था. हालांकि, यह पहली बार है जब नागा बहुल क्षेत्र में किसी पुलिस स्टेशन पर हमला किया गया है. 

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