क्या महाराष्ट्र में समय रहते बन पाएगी सरकार या लगेगा राष्ट्रपति शासन? सरकार बनाने के लिए होंगे सिर्फ 72 घंटे

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव मतदान खत्म होने के बाद CM चेहरे को लेकर चर्चा काफी तेज है. राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इसपर बैठकों का दौर जारी है. लेकिन इस बीच समय की समस्या सामने आने वाली है. ऐसा इसलिए मौजूदा सरकार का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म होने वाला है. वहीं सरकार के गठन में यदि देरी हुई तो राष्ट्रपति शासन लग सकता है.;

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Edited By :  सार्थक अरोड़ा
Updated On : 22 Nov 2024 6:30 PM IST

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर शनिवार को सामने आने वाले हैं. उससे पहले बैठकों का दौर शुरू हो चुका है. दअसल मौजूदा सरकार का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म होने वाला है. ऐसे में नतीजा सामने आने के बाद सरकार बनाने के लिए सिर्फ 72 घंटे का ही समय मिलेगा. लेकिन ऐसी स्थिति तब होगी जब नतीजे सामने आने के बाद 25 नवंबर तक सरकार का गठन नहीं होगा.

अगर सरकार का गठन नहीं होगा तो ऐसी स्थिती में संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग जाएगा. पार्टियों द्वारा की जा रही बैठके इसी सिलसिले में ही की जा रही है. इसी के मद्देनजर कांग्रेस नेतृत्व वाले महा विकास अघाड़ी के नेताओं ने आपसी तालमेल बनाए रखने की कवायद शुरू कर दी है.

पहले भी लग चुका राष्ट्रपति शासन

आपको बता दें कि चुनाव के बाद राष्ट्रपति शासन लगे यह कोई नई बात नहीं. साल 2019 और साल 2014 के बाद भी कुछ ही समय के लिए सही लेकिन राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ था. वहीं एक्जिट पॉल के आंकड़ों की अगर बात की जाए तो महायुती की सरकार बनाने की संभावना जताई जा रही है. हालांकि इन एग्जिट पोल को महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने खारिज कर दिया है, और महाराष्ट्र में उनकी सरकार बनने का दावा किया. बता दें कि किसी भी पार्टी या गठबंधन को सरकार बनाने का दावा करने के लिए 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 145 सीटें हासिल करने की आवश्यकता है.

कब सामने आएंगे चुनाव के नतीजे?

वहीं नतीजों की अगर बात की जाए तो शनिवार 23 नवंबर को चुनाव के नतीजे सामने आने वाले हैं. इसके साथ-साथ चुनाव लड़ने वाले दलों के पास 26 नवंबर तक सिर्फ 72 घंटे (3 दिन) का समय होगा, जब महाराष्ट्र की 14वीं विधानसभा अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी. वहीं यदि MVA या फिर महायुति इस 145 के आंकड़ें को पार कर लेता है. उस समय सरकार के सामने एक समस्या और सामने आ सकती है.

ऐसा इसलिए क्योंकी CM पद को लेकर खींचतान की कई जानकारी सामने आ रही है. इसलिए गठन में देरी हो सती है. एमवीए में सीएम पद की दौड़ पिछले कुछ समय से तेज हो गई है, इस पद के लिए आधा दर्जन दावेदार अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. वहीं उद्धव ठाकरे एक मजबूत दावेदार बने हुए हैं.

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