ट्रस्ट के लिए नहीं मिली जमीन, BJP नेता चंद्रशेखर बावनकुले की टली मांग कैबिनेट का फैसला
बीजेपी प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले की अध्यक्षता वाले एक सार्वजनिक ट्रस्ट ने शैक्षणिक उद्देशों के लिए जमीन की मांग की थी. अजित पवार की अध्यक्षता वाले वित्त विभाग ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया. बीजेपी नेता ने कहा, "यह कोई व्यक्तिगत मामला नहीं है. मैं धार्मिक उद्देश्य के लिए काम कर रहा हूं और यह एक नेक काम है.;
Maharashtra News: महाराष्ट्र में कुछ दिनों बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है. इस बीच महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने सोमवार को राज्य बीजेपी प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले की अध्यक्षता वाले एक सार्वजनिक ट्रस्ट को शैक्षणिक उद्देशों के लिए जमीन देने मना कर दिया.
बीजेपी ने नागपुर में 5 हेक्टेयर भूमि (12.35 एकड़) आवंटन के राजस्व विभाग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार की अध्यक्षता वाले वित्त विभाग की सख्ती के बाद यह फैसला लिया गया.
विभाग ने जताई आपत्ति
वित्त विभाग ने प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए वित्त विभाग ने कहा कि "ट्रस्ट उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय नहीं दिखता है." राजस्व विभाग, जिसके अध्यक्ष भाजपा के मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल हैं , ने अब ट्रस्ट को सार्वजनिक ट्रस्टों को भूमि आवंटन के लिए सरकारी प्रक्रिया का पालन करने का निर्देश दिया है.
विभाग का नोट
वित्त विभाग ने अपने नोट में कहा, "नागपुर के जिला कलेक्टर की रिपोर्ट के अनुसार, श्री महालक्ष्मी जगदंबा संस्थान, कोराडी के तहत जूनियर कॉलेज और विज्ञान-कला-वाणिज्य कॉलेज शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है. रिपोर्ट के अनुसार, उक्त ट्रस्ट उच्च और तकनीकी शिक्षा में सक्रिय नहीं दिखता है." साथ ही वित्त विभाग ने यह भी बताया कि बावनकुले ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं.
क्या बोले चंद्रशेखर बावनकुले
बीजेपी नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि यह एक पुराना ट्रस्ट है और वे केवल दो साल तक इसके अध्यक्ष रहे. "यह कोई व्यक्तिगत मामला नहीं है. मैं धार्मिक उद्देश्य के लिए काम कर रहा हूं और यह एक नेक काम है. हमारा ट्रस्ट जमीन की रेडी रेकनर दर का भुगतान करेगा और इसे लीज पर लेगा. ये मेरी प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं होगी. बीजेपी नेता ने वित्त विभाग की टिप्पणी कुछ कहने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक काम है. उन्होंने कहा, "हम कोई भी अवैध काम नहीं करेंगे और हर नियम का पालन करेंगे."
कब का है मामला
जानकारी के अनुसार यह मामला 29 नवंबर, 2003 का है. ट्र्स्ट ने अपने सचिव दूत्तजी समरितकर के जरिए कौशल विकास केंद्र के रूप में एक जूनियर कॉलेज, विज्ञान कला, तकनीकी और नर्सिंग शिक्षा कॉलेज को बनवाने के लिए जमीन की मांग की थी. इससे ज्यादा से ज्यादा बच्चे इन कॉलेजों में एडमिशन लेकर अपना बेहतर भविष्य बना सकें.