गाय माता बनीं राज्यमाता: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शिंदे सरकार का बड़ा फैसला
महाराष्ट्र विधावसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए गाय को राज्य माता घोषित करने का फैसला लिया है. ये फैसला सोमवार को हुई महाराष्ट्र कैबिनेट बैठक में लिया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फणडवीस और अजीत पवार भी इस बैठक में मौजूद रहे.;
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने गाय को लेकर बड़ी घोषणा की है. CM शिंदे ने गाय को राज्य माता बनाने की घोषणा की है. इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई है. शिंदे सरकार ने कहा कि गाय हमारी भारतीय पारंपारा और गायों की सांस्कृतिक का हवाला देते हुए ये फैसला उठाया है.
इस आदेश के साथ-साथ सरकार ने देशभर में पाये जाने वाली कई गायों की नस्लों पर प्रकाश डाला है. इसमें सरकार ने देसी गाय की कमी पर भी चिंता जताई है. आदेश में सरकार ने गाय के एग्रीकल्चर क्षेत्र में गोबर का इस्तेमाल होने पर भी जोर दिया और कहा कि इसके माध्यम से मानव को मुख्य भोजन में पोषण मिलता है. इसके साथ गाय और उसके उत्पादों से जुड़े सामाजिक आर्थिक गुणों पर भी जोर दिया। साथ ही धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पशुपालकों को स्वदेशी गायों को पालने के लिए प्रोत्साहित किया.
कैबिनेट बैठक में लिया फैसला
सरकार द्वारा सुनाए गए इस फैसले को महाराष्ट्र की कैबिनेट बैठक में लिया गया है. जहां राज्य की देशी गायों को 'राज्यमाता-गोमाता' घोषित करने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई. हालांकि बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया. वहीं अब इस संबंध में आधिकारीक प्रस्ताव भी पेश कर दिया गया है.
'बैठक में लिए गए कई निर्णय'
इस फैसले के बाद महाराष्ट्र सरकार की ओर से सोशल मीडिया एक्स पर बताया गया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रीमंडल की बैठक हुई. उन्होंने कहा कि इस बैठक में कई महत्पूर्ण निर्णय लिए गए. इस दौरान बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फणडवीस और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार भी मंत्रिमंडल बैठक में मौजूद रहे थे.
क्यों लिया गया फैसला?
जारी हुए आदेश में कहा गया कि 'देसी गाय के दूध की पौष्टिकता कई अधिक होती है. साथ ही देसी गाय के दूध में संपूर्ण आहार पाए जाते हैं और इससे मानव पोषण के लिए आवश्यक पोषण मौजूद होते हैं. वहीं सरकार की ओर से पशुपालकों को देसी गायों को रखने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ऐसा फैसला लिया गया है.