आग की लपटों के साथ सड़क पर दौड़ती महिला, पति और उसके दोस्तों पर आरोप, लेकिन सच निकला कुछ और!

Kolkata: कोलकाता की एक सड़क पर 27 वर्षीय महिला को जलते हुए शरीर के साथ भागते हुए देखा गया. उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने बताया कि उसके पति और उसके दोस्तों ने उसे आग लगा दी. हालांकि, सच्चाई कुछ और ही थी.;

Kolkata(Image Source:  Meta AI )
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 7 Dec 2025 9:53 PM IST

Kolkata: शुक्रवार शाम को कोलकाता के बेलघरिया इलाके में एक महिला को सड़क पर जलती हुई दौड़ते हुए देखा गया, जिसके बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई. महिला ने कथित तौर पर अधिकारियों को बताया कि उसके पति और उसके दोस्तों ने उसे आग लगा दी. बेलघरिया पुलिस ने उसके पति को हिरासत में ले लिया. हालांकि, जब जांच शुरू हुई तो पुलिस को जो पता चला उससे वे हैरान रह गए.

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 27 वर्षीय पीड़िता ने पहले भी तीन बार आत्महत्या का प्रयास किया था और एक बार खरदाह स्टेशन पर खुद को आग लगाने की कोशिश की थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि एक अधिकारी ने कहा, 'लेकिन शनिवार को उसके बयानों में गड़बड़ी थी. महिला के माता-पिता ने अपने दामाद के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई और उसके मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की बात कही.'

गंभीर हालत में अस्पताल में हुई भर्ती

पुलिस ने बताया कि उसका पति एक ऑटोमोबाइल कंपनी में सीनियर अकाउंटेंट है और उसे अक्सर शक होता था कि वह उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. महिला को इलाज के लिए कॉलेज ऑफ मेडिसिन और सागर दत्ता अस्पताल, कमरहाटी में भर्ती कराया गया.

बयानों न पुलिस को शक में डाला

महिला के बयान के बारे में बात करते हुए बैरकपुर कमिश्नरेट के डीसी (दक्षिण) अनुपम सिंह ने कहा, 'महिला के बयान बार-बार बदल रहे थे. उसके माता-पिता ने बताया कि उसका इलाज चल रहा था. अब हमें शक है कि यह उसके मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का असर है, लेकिन हम एक्सपर्ट्स से सलाह ले रहे हैं और सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं.'

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एक मनोचिकित्सक ने बताया कि मतिभ्रम के रोगियों में काल्पनिक विचार आम बात है. कई लोग अपने करीबी लोगों को दुश्मन समझते हैं. मतिभ्रम में रोगियों को ऐसा लग सकता है कि वे अपने दुश्मनों को उनके खिलाफ साजिश करते हुए सुन सकते हैं. उन्होंने कहा कि लेकिन लक्षणों को दवा और उपचार से नियंत्रित किया जा सकता है. इस मामले में केवल एक डॉक्टर ही उसकी मानसिक स्थिति का पता लगा सकता है.

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