Karwa Chauth 2025: दिल्ली, चंडीगढ़ और लखनऊ में इतने बजे दिखेगा चांद? जानें अन्य शहरों का मूनराइज टाइम
करवा चौथ का व्रत सुबह सूर्योदय से शुरू होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और पूरे दिन बिना पानी और भोजन के व्रत रखती हैं. वहीं शाम होते ही महिलाओं के बीच चांद का इंतजार शुरू हो जाता है. ऐसे में किस शहर में कितने बजे चांद दिखाई देगा वो जरूर जान लें.;
करवा चौथ का व्रत चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस बार चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर 2025 की रात 10 बजकर 54 मिनट से शुरू हो चुकी है और 10 अक्टूबर को शाम 7 बजकर 38 मिनट तक रहेगी. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 57 मिनट से शाम 7 बजकर 7 मिनट तक है. इस समय के दौरान भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और करवा माता की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है. करवा चौथ व्रत कथा का महत्वकरवा चौथ के व्रत में चंद्रमा को देखने के साथ-साथ करवा चौथ की व्रत कथा को पढ़ना या सुनना भी बहुत महत्वपूर्ण है.
मान्यता है कि इस कथा को पढ़ने या सुनने के बाद ही व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है। यह कथा भक्ति और श्रद्धा के साथ सुनी जाती है, जो इस व्रत के आध्यात्मिक महत्व को और बढ़ाती है।दिल्ली-एनसीआर में चंद्र दर्शन का समयदिल्ली-एनसीआर के विभिन्न शहरों में करवा चौथ का चांद रात 8:13 बजे के आसपास दिखाई देगा. हालांकि, अलग-अलग शहरों में इसमें कुछ मिनटों का अंतर हो सकता है. नीचे दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख शहरों में चंद्रोदय का समय दिया गया है:
दिल्ली: रात 8:13 बजे
नोएडा: रात 8:12 बजे
गुरुग्राम: रात 8:14 बजे
गाजियाबाद: रात 8:12 बजे (कुछ स्थानों पर 8:11 बजे)
फरीदाबाद: रात 8:13 बजे
देश के अन्य प्रमुख शहरों में चंद्रोदय का समय करवा चौथ के दिन भारत के अन्य प्रमुख शहरों में चांद दिखने का समय अलग-अलग है:
चंडीगढ़: रात 8:08 बजे
जम्मू: रात 8:11 बजे
लुधियाना: रात 8:11 बजे
जयपुर: रात 8:22 बजे
देहरादून: रात 8:04 बजे
शिमला: रात 8:06 बजे
लखनऊ: रात 8:02 बजे
कानपुर: रात 8:06 बजे
प्रयागराज: रात 8:02 बजे
पटना: रात 7:48 बजे
कोलकाता: शाम 7:41 बजे
रायपुर: शाम 7:43 बजे
भोपाल: रात 8:26 बजे
इंदौर: रात 8:33 बजे
अहमदाबाद: रात 8:47 बजे
मुंबई: रात 8:55 बजे
चेन्नई: रात 8:37 बजे
बेंगलुरु: रात 8:48 बजे
करवा चौथ व्रत की प्रक्रिया
करवा चौथ का व्रत सुबह सूर्योदय से शुरू होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और पूरे दिन बिना पानी और भोजन के व्रत रखती हैं. शाम को पूजा के बाद, रात में चंद्रमा के दर्शन करने और अर्घ्य देने के बाद पति के हाथों से पानी या मिठाई ग्रहण करके व्रत खोला जाता है. यह व्रत पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को और मजबूत करता है. करवा चौथ का यह पर्व न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. यह पर्व पति-पत्नी के रिश्ते को और गहरा करने का एक खूबसूरत अवसर है. सभी व्रत रखने वाली महिलाओं को करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं!.