'तेरे पति के स्पर्म में ज़हर, मेरे साथ सो जाओ ठीक हो जाओगी'; पादरी ने इलाज की आड़ में महिला से क्या- क्या कहा? फिर पहुंचा...
कन्याकुमारी में एक पेंटेकोस्टल चर्च के पादरी रेजिमोन को एक महिला के साथ यौन उत्पीड़न की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पादरी ने महिला को उसकी बीमारी का 'चमत्कारी इलाज' बताकर बहलाया और कहा कि उसके पति का स्पर्म ज़हरीला है. पुलिस में शिकायत के बाद आरोपी को 26 जून को न्यायिक हिरासत में भेजा गया.;
कन्याकुमारी से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पेंटेकोस्टल चर्च के पादरी ने 'चमत्कारी इलाज' के नाम पर एक विवाहित युवती का यौन शोषण करने की कोशिश की. महिला की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी पादरी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. यह मामला तमिलनाडु में धार्मिक आड़ में हो रहे शोषण पर गहरी चिंता खड़ी करता है.
घटना जिले के मेक्कमंडपम क्षेत्र की है, जहां फुल गॉस्पेल पेंटेकोस्टल चर्च में 'प्रार्थना सत्र' के दौरान यह घिनौनी हरकत हुई. पीड़िता अपने रिश्तेदारों के साथ वहां गई थी, जिन्हें यकीन था कि उसकी बीमारी का समाधान ‘आध्यात्मिक शक्ति’ में है। लेकिन जो हुआ उसने सबको झकझोर दिया.
इलाज के बहाने किया गया यौन उत्पीड़न
पीड़िता के अनुसार, वह कुछ समय से बीमार चल रही थी और पारिवारिक परेशानियों के चलते अपने मायके में रह रही थी. जब वह मेक्कमंडपम, पांडिविलई स्थित चर्च पहुंची, तो वहां के पादरी रेजिमोन ने दावा किया कि वह ‘व्यक्तिगत प्रार्थना सत्र’ से उसे ठीक कर सकता है.
प्रार्थना के दौरान रेजिमोन ने उसे गले लगाया और जबरन छूने की कोशिश की. उसने महिला से कहा कि तुम्हारी समस्याएं तुम्हारे पति के साथ संबंधों के कारण हैं. यदि तुम मेरे जैसे भविष्यवक्ता के साथ सोओगी, तो तुम ठीक हो जाओगी.
आय का 10% दान करने की भी रखी शर्त
इतना ही नहीं, रेजिमोन ने महिला से यह भी कहा कि अगर वह अपनी आय का 10 प्रतिशत चर्च को दान करती है, तो उसकी सारी बीमारियां दूर हो जाएंगी. पीड़िता किसी तरह वहां से भाग निकली और थुकले पुलिस स्टेशन पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के आधार पर कन्याकुमारी पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 26 जून 2025 को पादरी रेजिमोन को गिरफ्तार कर लिया. उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. मामले के सामने आने के बाद स्थानीय ईसाई समुदाय में हलचल मच गई है और चर्च प्रशासन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
धार्मिक आस्था की आड़ में अपराध
इस मामले ने एक बार फिर से सवाल खड़ा किया है कि किस तरह धार्मिक आस्था और चमत्कार के नाम पर कुछ लोग मासूमों को शिकार बना रहे हैं. पीड़िता के परिजनों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे फर्जी पादरियों पर सख्त कार्रवाई हो ताकि भविष्य में कोई और महिला इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार न बने.