पत्नी के साथ Joint Home Loan! बचाएगा लाखों का Income Tax, साथ ही मिलेंगे ये फायदे
होम लोन लेने के लिए कई बार लोगों को क्रेडिट स्कोर सही नहीं लगता है. कम इनकम और अन्य तरह के कर्ज और इनकम के रेश्यो में गड़बड़ी होने की वजह से होती है. ऐसे में आप अपनी पत्नी के साथ जॉइंट होम लोन मददगार होता है. इससे आपको कम ब्याज दर पर घर मिल जाता है, जिससे ईएमआई कम हो जाती है.;
Joint Home Loan: खुद का घर खरीदना हर किसी का सबसे बड़ा सपना होता है. खासकर मिडिल क्लास के लिए अपना घर होना जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है. इसके लिए लोग अपने जीवन भर की पूंजी तो बचा कर रखते हैं, लेकिन कई बार होम लोन की जरूरत पड़ जाती है. देश के सरकारी और प्राइवेट बैंक अलग-अलग ब्याज दर पर ग्राहकों को होम लोन की सुविधा प्रदान करते हैं.
होम लोन लेने के लिए कई बार लोगों को क्रेडिट स्कोर सही नहीं लगता है. कम इनकम और अन्य तरह के कर्ज और इनकम के रेश्यो में गड़बड़ी होने की वजह से होती है. ऐसे में आप अपनी पत्नी के साथ जॉइंट होम लोन मददगार होता है. इसमें दूसरे व्यक्ति को आवेदक के तौर पर अपने साथ लोन लेने के लिए योग्यता में बढ़ोतरी होती है.
क्या है जॉइंट होम लोन?
जॉइंट होम लोन के लिए दो लोग एक साथ मिलकर अप्लाई करते हैं तो उन्हें फायदा होता है. इससे आपको कम ब्याज दर पर घर मिल जाता है, जिससे ईएमआई कम हो जाती है. आप इस लोन से इनकम टैक्स को बचा सकते हैं. ग्राहक अपनी पत्नी, बहन या किसी महिला को अपना को-एप्लीरकेंट बनाते हैं तो कम ब्याज दर पर होम लोन मिल सकता है.
जॉइंट होम लोन के फायदे
आसानी से मिलता है लोन- जॉइंट होम लोन बड़ी ही आसानी से मिल जाता है. अगर को-एप्लीरकेंट (महिला) की भुगतान करने की क्षमता अच्छी है तो लोन मिलने में कोई परेशानी नहीं होती है.
सस्ता होम लोन- जॉइंट होम लोन में को-एप्लीरकेंट होने से लोन सस्ता मिल जाता है. इससे ईएमआई पर भी असर होगा. ब्याद दर करीब 0.05 फीसदी कम होती है. इसका लाभ महिला को प्रॉपर्टी का खुद या संयुक्त तौर पर मालकिन होना चाहिए.
लोन की लिमिट में बढ़ोतरी- सामान्य तौर पर लोन लेने पर इनकम टैक्स को पूरी जानकारी देनी पड़ती है. लेकिन जॉइंट होम लोन में सिर्फ कुल आय देखी जाती है. ध्यान रहे दोनों का आय का रेशो 50 से 60 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
टैक्स में बचाव में मदद- जॉइंट होम लोन का सबसे बड़ा फायदा है कि इससे टैक्स बचाने में मदद मिलती है. प्रिंसिपल अमाउंट पर आप दोनों ही 1.5-1.5 लाख यानी कुल 3 लाख रुपये 80C के तहत क्लेम कर सकते हैं. ब्याज पर 2-2 लाख रुपये टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं. ऐसे कुल 7 लाख रुपये तक टैक्स का फायदा उठा सकते हैं.
क्रेडिट स्कोर- लेने के लिए पति-पत्नी दोनों की जिम्मेदार होते हैं. अगर समय पर ईएमआई भरते हैं तो इससे दोनों को क्रेडिट स्कोर सुधारने में मदद मिलती है. घर की संपत्ति पर दोनों का नाम होता है. इससे भविष्य में किसी भी तरह की कानूनी समस्या से बचा जा सकता है.