46 साल पहले हुई थी शुरुआत, जानें बीजेपी का दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनने तक का सफर
भारतीय जनता पार्टी ने 6 अप्रैल 2025 को अपनी स्थापना के 45 वर्ष पूरे किए. 1980 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में शुरू हुई बीजेपी, आज दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की विचारधारा से लेकर नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता तक, यह पार्टी संगठन, तकनीक और राष्ट्रवाद के बल पर भारतीय राजनीति की दिशा बदलने में सफल रही है.;
भारतीय जनता पार्टी आज, 6 अप्रैल को अपना 46वां स्थापना दिवस उत्साह और गर्व के साथ मना रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी हैं. यह केवल एक राजनीतिक दल की वर्षगांठ नहीं, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक गहन परिवर्तन की दास्तान है. एक छोटे से राजनीतिक प्रयास से शुरू होकर, आज बीजेपी विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी है. एक ऐसा सफर जो वैचारिक प्रतिबद्धता, संगठनात्मक क्षमता और रणनीतिक नेतृत्व से भरा हुआ है.
बीजेपी का मूल आधार केवल 1980 से नहीं जुड़ा, बल्कि इसकी वैचारिक नींव 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा बनाए गए भारतीय जनसंघ में थी. कश्मीर को विशेषाधिकार देने के खिलाफ मुखर्जी का विरोध और जनसंघ की राष्ट्रवादी सोच ने ही बीजेपी के मूल विचारों को आकार दिया. यह वही वैचारिक संघर्ष था जो बाद में बीजेपी की दिशा और दृष्टि बना.
राम मंदिर आंदोलन से मिला बल
1984 में सिर्फ दो सीटों पर सिमटने वाली बीजेपी ने 1989 के बाद राम मंदिर आंदोलन और बोफोर्स घोटाले जैसे मुद्दों पर जनमानस में अपनी जगह बनाई. लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा और जनता के साथ सीधा संवाद बीजेपी की ताकत बनते गए। संघर्षों से गुजरकर पार्टी ने खुद को नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाया.
अमित शाह बने चाणक्य
अटल बिहारी बाजपेयी के बाद 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी. बीजेपी ने न केवल सत्ता प्राप्त की, बल्कि उसे बनाए रखने के लिए मजबूत संगठन तैयार किया. 'पन्ना प्रमुख' से लेकर ‘मंडल अध्यक्ष’ तक पार्टी का नेटवर्क जमीनी स्तर तक फैला है. अमित शाह के नेतृत्व में राज्यवार रणनीति, सामाजिक समीकरण और डिजिटल संपर्क का जबरदस्त मेल बीजेपी को चुनाव दर चुनाव सफल बनाता गया.
डिजिटल युग को समझा और पार्टी को आगे बढ़ाया
पारंपरिक राजनीति से हटकर बीजेपी ने डिजिटल माध्यमों को तेजी से अपनाया. ऑनलाइन सदस्यता अभियान, सोशल मीडिया पर सक्रियता, वर्चुअल सभाएं और डेटा एनालिटिक्स के जरिए मतदाताओं की नब्ज़ पहचानना, ये सभी प्रयास बीजेपी को तकनीकी रूप से सबसे स्मार्ट पार्टी बनाते हैं.
तीसरी बार है बीजेपी की सरकार
2014 से लेकर अभी तक नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी तीसरी बार बहुमत के साथ सत्ता ओर काबिज है. ‘सबका साथ, सबका विकास’ जैसे नारों से लेकर राम मंदिर निर्माण तक, पार्टी ने उन भावनाओं को छुआ जिन्हें वर्षों से अनदेखा किया जा रहा था. आज 45 साल बाद, बीजेपी न केवल सत्ता में है बल्कि एक वैचारिक आंदोलन के रूप में भी भारत के राजनीतिक परिदृश्य पर छाई हुई है.