रेल हादसों में रिकॉर्ड गिरावट! एक दशक में 90% से अधिक कम हुई ट्रेन दुर्घटनाएं, Kavach 4.0 ने बदल दिया ट्रेन ऑपरेशन का भविष्य

भारतीय रेल में दुर्घटनाओं की संख्या पिछले एक दशक में ऐतिहासिक रूप से घटी है. 2014-15 के 135 हादसों से यह आंकड़ा 2024-25 में 31 और 2025-26 में (नवंबर तक) सिर्फ 11 रह गया. रेलवे यह सफलता आधुनिक तकनीक और विशेष रूप से Kavach 4.0 जैसे स्वदेशी सुरक्षा सिस्टम के कारण मान रहा है. दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रूट पर कवच सफलतापूर्वक लागू होने के बाद अब 15,512 RKm पर इसका विस्तार जारी है.;

( Image Source:  Sora_ AI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 12 Dec 2025 3:00 PM IST

Indian Railways safety measures, Train accident decline India, Kavach 4.0 Railway system: रेल मंत्रालय द्वारा उठाए गए कई सुरक्षा उपायों का असर अब स्पष्ट दिखने लगा है. भारतीय रेल में होने वाली कंसिक्वेंशियल ट्रेन दुर्घटनाओं में पिछले एक दशक में भारी गिरावट आई है. 2014-15 में जहां ऐसी 135 दुर्घटनाएं हुई थीं, वहीं 2024-25 में यह संख्या घटकर सिर्फ 31 रह गई. इसके अलावा, 2004 से 2014 के बीच कुल 1711 दुर्घटनाएं दर्ज हुई थीं (औसतन 171 प्रति वर्ष)... उसी की तुलना में 2025-26 (नवंबर 2025 तक) में यह आंकड़ा और गिरकर मात्र 11 पर पहुंच गया, जो भारतीय रेल सुरक्षा के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.

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रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, यह सफलता आधुनिक तकनीक, ट्रैक अपग्रेडेशन, सिग्नल सिस्टम सुधार और विशेष रूप से स्वदेशी Kavach (कवच) सिस्टम के विस्तार के कारण संभव हुई है. कवच को चरणबद्ध तरीके से देशभर में लागू किया जा रहा है.

Kavach 4.0 स्पेसिफिकेशन को RDSO ने 16 जुलाई 2024 को दी मंजूरी

प्रारंभिक चरण में Kavach 3.2 को दक्षिण मध्य रेलवे की 1465 RKm और उत्तर मध्य रेलवे की 80 RKm पर लगाया गया था. इसके बाद अपग्रेडेड Kavach 4.0 स्पेसिफिकेशन को RDSO ने 16 जुलाई 2024 को मंजूरी दी.  लंबी ट्रायल प्रक्रिया के बाद कवच 4.0 को पालवल–मथुरा–कोटा–नागदा (633 RKm) और हावड़ा–बर्द्धमान (105 RKm) सेक्शनों पर सफलतापूर्वक लागू कर दिया गया है. ये दोनों कॉरिडोर दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा मुख्य मार्गों का हिस्सा हैं.

अब इन दोनों प्रमुख हाई-डेंसिटी रूट्स के शेष हिस्सों में कवच लगाने का काम तेजी से जारी है. इसके साथ ही भारतीय रेल ने 15,512 RKm पर कवच के इम्प्लीमेंटेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसमें GQ (Golden Quadrilateral), GD, High Density Network (HDN) और अन्य महत्वपूर्ण सेक्शनों को शामिल किया गया है.

कवच तकनीक से दुर्घटनाओं में आएगी कमी

रेल मंत्रालय के अनुसार, कवच तकनीक ट्रेनों के ऑटोमैटिक ब्रेकिंग, सिग्नल ओवेरन रोकने और टक्कर रोकने में बेहद कारगर सिद्ध हो रही है. इससे भविष्य में दुर्घटनाओं में और कमी आएगी.

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