AI से लेकर सेमीकंडक्टर तक, भारत में 10 ट्रिलियन येन निवेश करेगा जापान! PM Modi बोले- Make in India, Make for World
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो में जापान के पीएम शिगेरू इशिबा से मुलाकात की और अगले 10 वर्षों में भारत में 10 ट्रिलियन येन निवेश का लक्ष्य तय किया. दोनों नेताओं ने एआई, सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य, पर्यावरण और छोटे-मंझोले उद्योगों में सहयोग पर जोर दिया. मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की संतुलित और मानवीय नीति दोहराते हुए संवाद व कूटनीति से समाधान की अपील की. जापान यात्रा के बाद पीएम मोदी चीन जाएंगे, जहां एससीओ समिट में हिस्सा लेंगे और शी जिनपिंग व व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे.;
India Japan Summit 2025 Shigeru Ishiba Narendra Modi joint statement: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने शुक्रवार को टोक्यो में शिखर वार्ता की और भारत-जापान संबंधों को अगले दशक में नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक साझा रोडमैप जारी किया. संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि जापान आने वाले 10 वर्षों में भारत में 10 ट्रिलियन येन निवेश करेगा. इसमें AI, सेमीकंडक्टर, पर्यावरण और दवा क्षेत्र को खास महत्व दिया जाएगा. मोदी ने कहा कि भारत-जापान की छोटी और मझोली कंपनियों व स्टार्टअप्स को जोड़ने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा. दोनों नेताओं ने 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान कई अहम समझौतों का आदान-प्रदान किया और द्विपक्षीय रिश्तों पर दीर्घकालिक दृष्टि दस्तावेज़ को अंतिम रूप दिया.
पीएम मोदी ने कहा, “आज हमने हमारे विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के एक नए और सुनहरे अध्याय की नींव रखी है. यह रिश्ता केवल हमारे देशों के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है.” वहीं, जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि भारत-जापान संबंध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर से जुड़े हैं, जिनकी जड़ें छठी शताब्दी तक जाती हैं जब बौद्ध धर्म जापान पहुंचा.
पीएम मोदी की बड़ी बातें
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और जापान दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और जीवंत लोकतंत्रों में शामिल हैं, इसलिए दोनों देशों की साझेदारी सिर्फ द्विपक्षीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए भी अहम है.
- मोदी ने कहा कि आने वाले दशक के लिए हमने एक नया रोडमैप तैयार किया है, जिसमें निवेश, नवाचार, आर्थिक सुरक्षा, पर्यावरण, तकनीक, स्वास्थ्य, मोबिलिटी और जनसंपर्क आदान-प्रदान को केंद्र में रखा गया है. उन्होंने बताया कि भारत में अगले 10 वर्षों में जापान से 10 ट्रिलियन येन (67 अरब डॉलर) निवेश का लक्ष्य तय किया गया है, जिसमें स्टार्टअप्स और छोटे-मझोले उद्योगों पर विशेष जोर रहेगा.
- पीएम मोदी ने कहा कि भारत-जापान ग्रीन पार्टनरशिप भी उतनी ही मजबूत है जितनी आर्थिक साझेदारी. इसी कड़ी में सस्टेनेबल फ्यूल इनिशिएटिव्स, बैटरी सप्लाई चेन पार्टनरशिप और इकोनॉमिक सिक्योरिटी कोऑपरेशन की शुरुआत की जा रही है. साथ ही, डिजिटल पार्टनरशिप 2.0 और एआई कोऑपरेशन को भी प्राथमिकता दी जाएगी, जबकि सेमीकंडक्टर और रेयर अर्थ मिनरल्स सहयोग के मुख्य क्षेत्र होंगे.
- मोदी ने कहा कि जापानी टेक्नोलॉजी और भारतीय टैलेंट की साझेदारी भविष्य की जीत है. उन्होंने हाई-स्पीड रेल, पोर्ट्स, एविएशन, शिप-बिल्डिंग जैसे क्षेत्रों में तेज प्रगति का भरोसा दिलाया. साथ ही, कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भी सहयोग को बढ़ावा मिलेगा, जिसमें चंद्रयान-5 मिशन के लिए ISRO और JAXA के समझौते का स्वागत किया गया. प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने भारत-जापान व्यापार मंच में जापानी कंपनियों से कहा था, 'Make in India, Make for World.'
- सुरक्षामोर्चे पर पीएम मोदी ने कहा कि जापान और भारत फ्री, ओपन, पीसफुल और रूल्स-बेस्ड इंडो-पैसिफिक के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. आतंकवाद और साइबर सुरक्षा पर हमारी चिंताएं समान हैं, और अब रक्षा उद्योग व इनोवेशन में भी सहयोग को और गहराई मिलेगी.
- मानव संसाधन सहयोग पर प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले 5 वर्षों में 5 लाख लोगों के आपसी आदान-प्रदान का लक्ष्य तय किया गया है.
- मोदी ने कहा कि भारत-जापान साझेदारी आपसी विश्वास, साझा मूल्यों और समान सपनों पर आधारित है. यह साझेदारी सिर्फ दोनों देशों की प्रगति के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की शांति और समृद्धि का आधार बनेगी. उन्होंने अगले भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए जापानी प्रधानमंत्री को भारत आने का न्योता भी दिया.
मोदी का मई 2023 के बाद पहला जापान दौरा
मोदी का यह मई 2023 के बाद पहला जापान दौरा है. इसके बाद वे चीन जाएंगे, जहां शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और राष्ट्रपति शी जिनपिंग व रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे.
रूस- यूक्रेन युद्ध पर क्या बोले पीएम मोदी?
जापान यात्रा के दौरान मोदी ने जापानी अखबार योमिउरी शिंबुन को दिए इंटरव्यू में रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने कहा, “भारत ने हमेशा सिद्धांत आधारित और मानवीय रुख अपनाया है, जिसे राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति जेलेंस्की दोनों ने सराहा है. हम संवाद और कूटनीति से ही शांति बहाली के पक्षधर हैं.”
भारत ने अमेरिकी टैरिफ पर जताया कड़ा विरोध
इस बीच, अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ को लेकर नई दिल्ली ने कड़ा विरोध जताया है. अमेरिका का आरोप है कि भारत रूस से तेल खरीदकर युद्ध को वित्तपोषित कर रहा है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि सरकार किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगी और अनुचित शुल्कों का डटकर मुकाबला करेगी.