सीरिया में तख्तापलट के बाद बिगड़े हालात, भारत ने सीरिया से 75 नागरिकों को निकाला

भारत सरकार ने सीरिया में रह रहे 75 नागरिकों को बाहर मंगलवार को देश वापसी के लिए निकाला है. मुताबिक विदेश मंत्रालय ने बीते दिन एक बयान जारी किया. जिसमें बताया कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दमिश्क और बेरूत स्थित भारतीय दूतावासों द्वारा नागरिकों को सीरिया से निकालने की प्रक्रिया शुरू की गई.;

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Syrian News: सीरिया में बशर अल असद की सरकार के तख्तापलट के बाद हालात खराब होते जा रहे हैं. विद्रोहियों का आतंक वहां पर देखने को मिल रहा है. इस बीच भारत सरकार ने सीरिया में रह रहे 75 नागरिकों को बाहर मंगलवार को देश वापसी के लिए निकाला है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने बीते दिन एक बयान जारी किया. जिसमें बताया कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दमिश्क और बेरूत स्थित भारतीय दूतावासों द्वारा नागरिकों को सीरिया से निकालने की प्रक्रिया शुरू की गई.

वापस आएंगे 75 भारतीय

मंत्रालय ने बताया कि भारत सरकार ने सीरिया में हाल के घटनाक्रम के बाद 10 दिसंबर देर रात वहां से 75 भारतीय नागरिकों को निकाला है. "निकाले गए लोगों में जम्मू और कश्मीर के 44 लोग शामिल थे, जो सीरिया के सईदा जैनब में फंसे हुए थे. सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित रूप से लेबनान पहुंच गए हैं और फिर वहां से भारत लौटेंगे." मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार हमेशा विदेश में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा को पहली प्राथमिकता देती है. सरकार सीरिया की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, आगे भी भारतीयों को वहां से निकालने के लिए फैसले लिए जाएंगे.

सरकारी ने जारी किया इमरजेंसी नंबर

विदेश मंत्रालय ने कहा, "सीरिया में रह रहे भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे दमिश्क में भारतीय दूतावास के इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर +963 993385973 (WhatsApp) और ईमेल आईडी (hoc.damascus@mea.gov.in) पर संपर्क में रहें."

14 साल के शासन का अंत

जानकारी के अनुसार, विद्रोहियों ने सीरिया के कई अन्य प्रमुख शहरों और कस्बों पर कब्जा कर लिया. यहां तक की राजधानी दमिश्क भी कब्जा कर लिया गया. जिसके बाद रविवार को बशर अल असद की सरकारी गिर गई. विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने राजधानी दमिश्क पर कब्जा किया. इसके बाद असद देश छोड़कर भाग गए, जिससे उनके परिवार के 50 साल के शासन का अंत हो गया. इस मामले पर रूस की सरकारी मीडिया ने बताया कि असद मॉस्को में हैं और उन्हें शरण दी जाएगी. बता दें कि युद्ध की वजह से सीरिया में एक गंभीर मानवीय संकट पैदा हो गया है. लाखों लोग भोजन, पानी और दवाओं के आपूर्ति का सामना कर रहे हैं. सीरिया छोड़कर सभी दूसरे देशों में शरण ले रहे हैं.

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