26, 27 और 28 जुलाई को यात्रा की है प्लानिंग तो संभल जाएं! जानें क्यों ये तीन दिन माने जा रहे खतरनाक
सोशल मीडिया पर 26-28 जुलाई को यात्रा से बचने की चेतावनी वायरल है. ज्योतिषी दावा कर रहे हैं कि ग्रहों का दुर्लभ संयोग दुर्घटनाओं और तकनीकी खराबियों का कारण बन सकता है. लाखों लोग इस पर चर्चा कर रहे हैं और रील्स में मंत्र जाप के उपाय भी बताए जा रहे हैं.;
अगर आप इस वीकेंड यानी 26, 27 और 28 जुलाई को सफर की योजना बना रहे हैं, तो ज़रा संभल जाइए. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और रील्स में ज्योतिषी इन तीन दिनों को बेहद संवेदनशील बताते हुए यात्रा से बचने की सलाह दे रहे हैं. इसकी वजह है ग्रहों की दुर्लभ चाल और खतरनाक संयोग, जो अप्रत्याशित घटनाओं को जन्म दे सकता है.
ज्योतिषियों का कहना है कि इस दौरान मंगल और केतु सिंह राशि में एक साथ होने के साथ राहु के आमने-सामने आ रहे हैं, जो अचानक हादसों, तकनीकी गड़बड़ियों और टकराव की संभावना बढ़ाते हैं. इसके अलावा बुध का वक्री होना और छह ग्रहों का रेट्रोग्रेड होना फैसलों और संचार में बाधा डाल सकता है.
हालांकि, यह स्थिति किसी बड़े संकट की गारंटी नहीं है, लेकिन सतर्कता ज़रूरी है. विशेषज्ञों की सलाह है कि अनावश्यक यात्राओं से बचें और मानसिक रूप से स्थिर रहें. इस समय को सुरक्षित निकालने के लिए “ॐ द्राम दत्तात्रेयाय नमः” मंत्र का जाप करने की भी अनुशंसा की गई है.
क्यों आ रही है ये चेतावनी?
वायरल वीडियोज में बताया जा रहा है कि 26 से 28 जुलाई के दौरान ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो यात्राओं, मशीनरी और भावनात्मक माहौल पर असर डाल सकता है. ज्योतिषी कह रहे हैं कि मंगल और केतु का संयोजन सिंह राशि में बन रहा है और राहु इसके विपरीत है. इसके साथ बुध का वक्री होना और छह ग्रहों का रेट्रोग्रेड होना मानसिक और तकनीकी समस्याएं पैदा कर सकता है.
क्या हर किसी के लिए है खतरा?
ज्योतिषी कहते हैं कि यह संयोजन नुकसान की गारंटी नहीं देता, लेकिन सतर्क रहने की सलाह जरूर देता है. इसलिए अनावश्यक यात्रा से बचने, वाहन चलाते समय सावधानी बरतने और भावनात्मक रूप से संतुलित रहने की सलाह दी जा रही है.
वायरल रील्स में दिए जा रहे उपाय
कई वीडियोज़ में मंत्र जाप की सलाह दी जा रही है – “ॐ द्राम दत्तात्रेयाय नमः”. दावा है कि इससे मानसिक स्थिरता और सुरक्षा मिलेगी. यह मंत्र मानसिक शांति लाता है, अनदेखी रुकावटों से सुरक्षा देता है और ऊर्जा को संतुलित करता है.
इन तीन दिनों में घबराने की बजाय सतर्कता ही सबसे अच्छा उपाय है. ज्योतिषीय दृष्टि से यह समय चुनौतीपूर्ण है, इसलिए यात्रा की प्लानिंग सोच-समझकर करें और यदि संभव हो तो टालें.