अगर भारत से हुई जंग, तो कौन सा मुस्लिम देश देगा पाकिस्तान का साथ, क्या बांग्लादेश भी बनेगा दूसरा PAK?
अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है, तो पाकिस्तान को समर्थन देने वाले मुस्लिम देशों की भूमिका अहम होगी. पाकिस्तान को चीन और कुछ अन्य देशों का समर्थन मिल सकता है, लेकिन सऊदी अरब, तुर्की और कतर जैसी प्रमुख शक्तियों का रुख अनिश्चित है. इन देशों के पास आर्थिक और रणनीतिक कारण हैं जो उन्हें भारत के खिलाफ खुलकर पाकिस्तान का समर्थन करने से रोक सकते हैं.;
22 अप्रैल को हुए पहलगाम में आतंकी हमले से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के इन दिनों चरम पर है. तो वहीं भारत पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद को लेकर कई बड़े कदम उठाए है तो वहीं जिसके जवाब में सिंधु जल संधि का निलंबन, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना और राजनयिक संबंधों में कटौती शामिल है तो वहीं पाकिस्तान ने शिमला समझौता रद्द करने की धमकी दी ऐसे में हालांकि उसने खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मारने का काम किया है एक ओर सवाल है कि भारत पाकिस्तान में दोनों में से भारत को पावर फुल है ही तो वहीं दूसरा सवाल है कि दोनों में कौन सा मुस्लिम देश किसने समर्थन में होगा. आइए जानते हैं...
1. सऊदी अरब- पाकिस्तान का मित्र या भारत के साथ
सऊदी अरब, पाकिस्तान का एक ऐतिहासिक मित्र है और उसने समय-समय पर पाकिस्तान को आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य सहायता दी है. सऊदी अरब ने हमेशा पाकिस्तान के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी बनाए रखने की कोशिश की है, विशेष रूप से जब बात आतंकवाद के खिलाफ होती है या जब कश्मीर जैसे मुद्दों पर संयुक्त रुख अपनाने की जरूरत होती है. सऊदी अरब, पाकिस्तान को महत्वपूर्ण सैन्य और आर्थिक समर्थन प्रदान करता रहा है, लेकिन भारत के साथ भी सऊदी अरब के अच्छे संबंध हैं.
भारत और सऊदी अरब के बीच व्यापार, ऊर्जा, और सुरक्षा के मामलों में मजबूत सहयोग है. भारत सऊदी अरब के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार बन चुका है, और इन दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग भी गहरा हुआ है. सऊदी अरब के लिए यह एक मुश्किल स्थिति हो सकती है, क्योंकि उसे दोनों देशों के साथ अपने संबंधों को बनाए रखने की जरूरत होगी. यह संभावना है कि सऊदी अरब भारत के खिलाफ पाकिस्तान का खुलकर समर्थन न करे, लेकिन वह इस मामले में कोई कड़ा कदम नहीं उठाए, ताकि वह दोनों देशों के साथ संतुलन बनाए रख सके.
2. कतर का समर्थन किस ओर?
कतर ने हमेशा पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को मजबूत रखा है, विशेष रूप से कश्मीर के मुद्दे पर. कतर ने पाकिस्तान का समर्थन किया है, लेकिन इसके साथ ही भारत के साथ भी उसकी साझेदारी मजबूत हुई है, खासकर व्यापार और सुरक्षा के मामलों में. कतर ने हमेशा शांति और मध्यस्थता की नीति अपनाई है, और यदि भारत पाकिस्तान के खिलाफ कोई कदम उठाता है, तो कतर की स्थिति एक मध्यस्थ के रूप में हो सकती है.
कतर ने पहले भी दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए प्रयास किए हैं. हालांकि, पाकिस्तान के प्रति कतर का समर्थन कभी भी सार्वजनिक रूप से सीमित नहीं हुआ है, लेकिन कतर ने हमेशा संघर्षों में शांति स्थापित करने की कोशिश की है. कतर का रुख पाकिस्तान के खिलाफ सख्त होने के बजाय, वह शांति के रास्ते पर रहेगा, ताकि दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ने से बच सके.
3. किस ओर जाएगा तुर्की?
तुर्की, पाकिस्तान का एक बहुत करीबी मित्र है और दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक सहयोग काफी मजबूत हैं. तुर्की ने हमेशा पाकिस्तान का समर्थन किया है, खासकर कश्मीर मुद्दे पर, और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने इस मुद्दे पर कई बार पाकिस्तान का पक्ष लिया है। पाकिस्तान और तुर्की के रिश्ते पाकिस्तान के खिलाफ भारत के कदमों पर तुर्की का रुख निर्धारित करेंगे.
हालांकि, तुर्की ने भारत के साथ भी अपनी साझेदारी को मजबूत किया है, खासकर व्यापार और सुरक्षा के मुद्दों पर. तुर्की की आंतरिक राजनीति और विदेश नीति पाकिस्तान के प्रति उसकी निष्ठा को दर्शाती है, लेकिन भारत के साथ भी तुर्की के आर्थिक और कूटनीतिक रिश्ते मजबूत होते जा रहे हैं. यह सवाल उठता है कि जब भारत पाकिस्तान को घेरेगा, तो तुर्की पाकिस्तान का समर्थन करेगा या फिर भारत के साथ संतुलन बनाए रखने के लिए एक मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा.
4. क्या बांग्लादेश की है हिम्मत भारत के खिलाफ जाने की?
वहीं बात करें बांग्लादेश की तो इस मामले में यह शांत रह सकता है और हालांकि इसे पीछे के कई कारण. हालांकि वर्तमान में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का शासन है, जिसके मुखिया मो. यूनुस ने कई बार भारत के खिलाफ बयान दिए हैं. हालांकि, बांग्लादेश की स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि वह भारत का खुलकर विरोध कर सके या पाकिस्तान का समर्थन करे. इस कारण बांग्लादेश इस विवाद में शांत रह सकता है और दोनों पक्षों से दूरी बनाए रखते हुए मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है.
5. इंडोनेशिया के किसके साथ होगा?
इंडोनेशिया, जो दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम बहुल देश है, पाकिस्तान के साथ परंपरागत रूप से अच्छे संबंध बनाए रखता है, लेकिन उसने हमेशा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर निष्पक्षता की नीति अपनाई है, इंडोनेशिया ने कभी भी पाकिस्तान का खुलकर समर्थन नहीं किया, बल्कि वह शांति की दिशा में काम करने की कोशिश करता है तो वहीं भारत के साथ इंडोनेशिया के रिश्ते हमेशा से मजबूत रहे हैं. खासकर व्यापार और सुरक्षा के मामलों में. इंडोनेशिया के लिए यह एक संतुलित स्थिति होगी, जिसमें वह पाकिस्तान और भारत दोनों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश करेगा.