'मैं अपने पिता के लिए तुम्हारे जैसे 100 बेटों की...', अतुल सुभाष ने बेटे के नाम इमोशनल लेटर में क्या-क्या लिखा?

Atul Subash Letter To His Son: अतुल सुभाष ने सुसाइड करने से पहले अपने बेटे के नाम इमोशनल लेटर लिखा है. इसमें उन्होंने बेटे से समाज और व्यवस्था पर भरोसा नहीं करने की बात कही है. अतुल ने बेटे से कहा कि समाज और व्यवस्था, दोनों तुमसे लाभ उठाना चाहते हैं. उन्होंने यह भी बेटे से कहा कि तुम पर किसी का कोई कर्ज नहीं है.;

( Image Source:  X )

Atul Subhash Suicide Case: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के रहने वाले अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को बेंगलुरु में अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इससे पहले, उन्होंने 24 पन्नों का एक सुसाइ़ड नोट छोड़ा था, जिसमें पत्नी और उसके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इसके साथ ही, अतुल ने अपने 4 साल के बेटे के नाम एक पत्र भी छोड़ा है.

अतुल का बेटा इस समय अपनी मां निकिता सिंघानिया के साथ रहता है. अतुल ने अपने बेटे को संबोधित पत्र में कहा कि वे अपने बेटे से कुछ बातें कहना चाहते थे. उम्मीद है कि वह किसी दिन इतना समझदार हो जाएगा कि वह उसे समझ सके.



'मैं तुम्हारी वजह से अपनी जान दे रहा हूं'

अतुल ने अपने बेटे के नाम पत्र में लिखा, 'बेटा, जब मैंने तुम्हें पहली बार देखा था तो मैंने सोचा था कि मैं किसी भी दिन तुम्हारे लिए अपनी जान दे सकता हूं, लेकिन दुख की बात है कि मैं तुम्हारी वजह से अपनी जान दे रहा हूं. मुझे अब तुम्हारा चेहरा भी याद नहीं है, जब तक कि मैं तुम्हारी एक साल की उम्र की तस्वीरें नहीं देख लेता. मुझे अब तुम्हारे बारे में कुछ भी महसूस नहीं होता, सिवाय कभी-कभी दर्द के...'

अतुल ने लिखा कि कोर्ट ने उन्हें अपनी पत्नी निकिता और अपने बेटे के लिए हर महीने 80,000 रुपये गुजारा भत्ता देने को कहा था , लेकिन निकिता चाहती थीं कि इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया जाए. यह दुखद है कि यह बेशर्म व्यवस्था एक बच्चे को उसके पिता के लिए बोझ और दायित्व बना सकती है. मैं बहुत से अलग-थलग पिताओं से मिला हूं, उनमें से ज़्यादातर ईमानदारी से ऐसी ही भावनाओं के बारे में बात करते हैं.


'पत्नी ने तीन साल से मिलने नहीं दिया'

अतुल ने कहा है कि 2021 में अलग होने के बाद से उनकी पत्नी ने उन्हें उनके बेटे से मिलने नहीं दिया. उनके भाई विकास कुमार ने आत्महत्या के लिए उकसाने की अपनी शिकायत में कहा है कि निकिता ने अतुल से उनके बेटे से मिलने के लिए 30 लाख रुपये की मांग की थी.

अतुल ने अपने बेटे के नाम पत्र में लिखा, "जब तक मैं जीवित हूं और पैसा कमाता हूं, वे तुम्हें तुम्हारे दादा-दादी, चाचा और मुझे परेशान करने के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करेंगे और मुझसे अधिक से अधिक पैसे वसूलेंगे. मैं इन सब के कारण अपने पिता, माता और भाई को बेवजह परेशान नहीं होने दे सकता. तुम्हारे लिए भी नहीं.



'मैं अपने पिता के उत्पीड़न का कारण नहीं बनूंगा'

अतुल ने कहा कि मैं अपने पिता के लिए तुम्हारे जैसे 100 बेटों की बलि दे सकता हूं. मैं तुम्हारे लिए खुद को 1,000 बार मार सकता हूं, लेकिन मैं अपने पिता के उत्पीड़न का कारण नहीं बनूंगा. पिता-पुत्र के रिश्ते को लिखा नहीं जा सकता और शायद समझा भी नहीं जा सकता, लेकिन अब इसे समझाना व्यर्थ है. तुम मुझे नहीं जान पाओगे. काश मैं तुम्हारे साथ होता.


'तुम पर किसी का कोई कर्ज नहीं है'

अतुल ने लिखा,  'मुझे अक्सर हंसी आती है, जब मैं याद करता हूं कि मैंने कॉलेज में कार खरीदने के लिए पैसे बचाना शुरू कर दिया था. मैं कितना मूर्ख हूं. अतुल ने अपने बेटे से कहा कि याद रखो कि तुम पर किसी का कोई कर्ज नहीं है. समाज और व्यवस्था पर भरोसा मत करो. ये दोनों ही तुमसे लाभ उठाना चाहते हैं. अगर मेरा खून तुममें जीतता है, तो तुम जीओगे, प्यार करोगे और पूरे दिल से लड़ोगे और सुंदर चीजें बनाओगे और अपने दिमाग से समस्याओं को खत्म करोगे.'

चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

अतुल सुभाष ने सुसाइड नोट में पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया और अपनी पत्नी के चाचा सुशील सिंघानिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है. उनके भाई विकास कुमार की शिकायत के आधार पर चारों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है.

2019 में निकिता से हुई थी शादी 

81 मिनट के वीडियो में अतुल सुभाष ने बताया कि उन्होंने 2019 में निकिता को एक मैचमेकिंग वेबसाइट पर ढूंढ़ने के बाद शादी की थी. अगले साल दंपति को एक बेटा हुआ. उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी का परिवार बार-बार कई लाख रुपये की मांग करता था. जब उन्होंने और पैसे देने से इनकार कर दिया, तो उनकी पत्नी 2021 में अपने बेटे के साथ बेंगलुरु से चली गई.

'मेरे माता-पिता और भाई को परेशान करने का अब कोई कारण नहीं होगा'

अतुल ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, "मैं जितना अधिक मेहनत करूंगा और अपने काम में बेहतर होता जाऊंगा, उतना ही अधिक मुझे और मेरे परिवार को परेशान किया जाएगा और मुझसे पैसे ऐंठे जाएंगे और पूरी कानूनी व्यवस्था मेरे उत्पीड़कों को प्रोत्साहित करेगी और उनकी मदद करेगी... अब, मेरे जाने के बाद, कोई पैसा नहीं बचेगा और मेरे बूढ़े माता-पिता और मेरे भाई को परेशान करने का कोई कारण नहीं होगा. मैंने भले ही अपने शरीर को नष्ट कर दिया हो, लेकिन इसने वह सब कुछ बचा लिया है, जिस पर मैं भरोसा करता हूं.

Similar News