हमारा चीफ फील्ड मार्शल बन गया तो जीत... आसिम मुनीर पर उपेंद्र द्विवेदी का तंज, आर्मी चीफ ने OP सिंदूर की प्लानिंग का किया खुलासा

पहलगाम हमले के बाद भारत ने तय किया—अब जवाब ताबड़तोड़ होगा. अजित डोभाल की सीधी हरी झंडी, तीनों सेनाओं को खुला हाथ और नॉर्दर्न कमांड की सटीक योजना ने मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा के ठिकाने मलबे में बदल दिए. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ सैन्य वार नहीं, बल्कि पाकिस्तान के नैरेटिव पर भी निर्णायक हमला था.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 10 Aug 2025 10:46 AM IST

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने खुलासा किया कि 22 अप्रैल के पहलगाम हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था. अगले ही दिन 23 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों से कहा – "बस, अब बहुत हो चुका." बैठक में साफ आदेश था कि पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया जाए और ऑपरेशन की रणनीति पूरी तरह सेना के हाथों में हो.

जनरल द्विवेदी ने कहा कि 23 अप्रैल की बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुख एक राय थे कि अब कुछ बड़ा करना जरूरी है. राजनीतिक नेतृत्व ने साफ कहा – "आप तय करें, क्या करना है." यह भरोसा और स्पष्टता पहली बार इतनी मजबूती से महसूस हुई. इससे जमीनी कमांडरों का मनोबल आसमान पर था और उन्होंने अपने विवेक से निर्णायक कदम उठाए.

ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान की हार

भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी, लेकिन उसका नैरेटिव कुछ और था. जनरल द्विवेदी ने तंज कसते हुए कहा, "अगर आप किसी पाकिस्तानी से पूछेंगे कि युद्ध में कौन जीता, तो वह कहेगा – हमारा चीफ फील्ड मार्शल बन गया है, तो जीत तो हमारी ही होगी." यह टिप्पणी पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर पर सीधा कटाक्ष थी.

नैरेटिव मैनेजमेंट: असली मोर्चा

द्विवेदी ने बताया कि पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर झूठी जीत का नैरेटिव गढ़ा, जिससे वहां की जनता को आज भी लगता है कि उनकी जीत हुई. यही नैरेटिव मैनेजमेंट सिस्टम युद्ध के दौरान जनता की धारणा बदलने का हथियार है. भारत ने भी इस खेल को समझते हुए अपना "सोशल सेंसिटिव इंडेक्स" तैयार किया और 'जस्टिस डन, ऑप सिंदूर' जैसे संदेशों के जरिए वैश्विक स्तर पर प्रभाव डाला.

नॉर्दर्न कमांड से हमले की योजना

25 अप्रैल को नॉर्दर्न कमांड में ऑपरेशन सिंदूर की विस्तृत योजना बनी. 9 में से 7 टारगेट ध्वस्त किए गए और बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए. 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान ऑपरेशन की सफलता पर चर्चा हुई. इस रणनीति ने पूरे देश को एकजुट कर दिया और 'सिन्धु से सिंदूर तक' का भावनात्मक नारा बन गया.

सिंदूर: सैनिक और राष्ट्र का जुड़ाव

जनरल द्विवेदी ने कहा कि 'सिंदूर' नाम ने देश को भावनात्मक रूप से जोड़ा. सैनिकों से उन्होंने कहा – "जब कोई बहन, मां या बेटी सिंदूर लगाएगी, तो वह सैनिक को याद करेगी." यही जुड़ाव था जिसने पूरे राष्ट्र को एक उद्देश्य के लिए खड़ा किया. जनता का सवाल था – "ऑपरेशन क्यों रोका?" – और जवाब साफ था, मिशन अपने लक्ष्य तक पहुंच चुका था.

ग्रे जोन में खेली गई शतरंज

द्विवेदी ने ऑपरेशन की तुलना शतरंज से की. उन्होंने कहा, यह ग्रे जोन वॉरफेयर थी – जहां पारंपरिक युद्ध के बजाय सीमित लेकिन प्रभावशाली कदम उठाए जाते हैं. कभी दुश्मन को चेकमेट किया गया, तो कभी जान की बाजी लगाकर हमला किया गया. यह रणनीतिक चपलता भारत की जीत की कुंजी थी.

कूटनीतिक और रणनीतिक कदम

ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ सैन्य मोर्चे तक सीमित नहीं था. इंडस वॉटर ट्रीटी को फ्रीज करना, पाकिस्तान के हाई कमीशन की ताकत घटाना, रक्षा कर्मियों को 'नॉन ग्राटा' घोषित करना और वीजा रद्द करना – ये सभी कूटनीतिक वार पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए उठाए गए. वायुसेना प्रमुख के मुताबिक, इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के 5 फाइटर जेट मार गिराए गए और 300 किलोमीटर अंदर तक घुसकर सबक सिखाया गया.

Similar News