कैसे बना अनमोल बिश्नोई का फर्जी पासपोर्ट? केन्या से अमेरिका और फिर डिपोर्ट की पूरी कहानी

लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया. फेक पासपोर्ट बनवाकर भारत से भागने, केन्या ट्रांजिट, मूसेवाला और बाबा सिद्द्दीकी केस में उसकी भूमिका पर बड़ा खुलासा. उसने फरीदाबाद के एड्रेस पर पासपोर्ट बनवाया था और जेल से छूटने के बाद केन्या भाग गया था.;

( Image Source:  X/omiverseglobal )
Edited By :  नवनीत कुमार
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भारत के सबसे कुख्यात गैंगस्टरों में शामिल लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी सिर्फ एक क्राइम स्टोरी नहीं, बल्कि एक लंबी, सुनियोजित और हाई-टेक फरारी की दास्तान है. सिद्धू मूसेवाला मर्डर से लेकर मुंबई के बाबा सिद्द्दीकी हत्याकांड तक हर बड़े अपराध में उसका नाम एक रहस्यमयी साए की तरह उभरता रहा. लेकिन बड़ा सवाल हमेशा यही था वह भारत से बाहर कैसे गया? और आखिर अमेरिकी एजेंसियों के हाथ कैसे लगा?

अनमोल की गिरफ्तारी ने उन सभी सुरागों को फिर से सामने ला दिया है, जो बताते हैं कि कैसे एक गैंगस्टर का भाई नकली पहचान बनाकर भारत से निकल गया, कैसे अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क ने उसे सुरक्षित रास्ता दिया, और आखिर कैसे भारत की एजेंसियों की लगातार प्रेशर से वह अमेरिका में पकड़ा गया.

फेक पासपोर्ट की लगी थी भनक

2022 में सिद्धू मूसेवाला हत्या से पहले ही पंजाब पुलिस की एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स को एक अहम इनपुट मिला, अनमोल देश छोड़ने की फिराक में है. जांच में पता चला कि उसके लिए एक फेक पासपोर्ट तैयार किया जा चुका है. इसी इनपुट ने आगे चलकर पूरे ऑपरेशन की दिशा बदल दी.

फरीदाबाद के एड्रेस पर बनवाया था पासपोर्ट

जांच में सामने आया कि पासपोर्ट हरियाणा के फरीदाबाद के पते पर बनवाया गया था. अनमोल ने अपना नाम भानु प्रताप, पिता का नाम राकेश, और मां का नाम सुमित्रा देवी बताया था. जन्मस्थान- हरियाणा. पता- फरीदाबाद सेक्टर 82. कागजों पर वह बिल्कुल एक “सामान्य भारतीय युवक” की तरह दिख रहा था, जबकि असलियत में वह भारत का वॉन्टेड अपराधी था.

शिकंजे में फर्जी पासपोर्ट रैकेट

पुलिस ने जब फर्जी पासपोर्ट रैकेट की परतें खोलनी शुरू कीं, तो कई एजेंट पकड़ में आए. पूरी सेटिंग को चलाने में कर्मवीर नामक व्यक्ति की भूमिका सबसे अहम निकलकर सामने आई. इसी नेटवर्क ने अनमोल का फर्जी पहचान-पत्र तैयार कराया और उसे सुरक्षित निकास दिलाया.

पहले केन्या फिर गया अमेरिका

फेक पासपोर्ट हाथ में आते ही अनमोल और उसका साथी सचिन सबसे पहले केन्या पहुंचे. अंडरवर्ल्ड के कई भारतीय अपराधियों के लिए अफ्रीकी देश एक 'सेफ ट्रांजिट पॉइंट' माना जाता है. वहीं से दोनों ने आगे अमेरिका की ओर रुख किया, जहां उन्होंने कुछ समय तक खुद को छुपाए रखा.

मूसेवाला मर्डर की प्लानिंग में अनमोल की भूमिका

सिद्धू मूसेवाला हत्या मामले की चार्जशीट में साफ लिखा है, "अनमोल और सचिन ने हत्या की पूरी प्लानिंग को विदेश से ऑपरेट किया. फोन कॉल, व्हाट्सऐप ग्रुप और वर्चुअल नंबरों के जरिए लगातार निर्देश दिए गए. एनआईए ने इसी कारण अनमोल पर 10 लाख रुपये का इनाम रखा था."

बाबा सिद्द्दीकी मर्डर में भी अनमोल का नाम

12 अक्टूबर 2024 को मुंबई में बाबा सिद्द्दीकी की हत्या ने पूरे अंडरवर्ल्ड को हिलाकर रख दिया. पुलिस ने हरियाणा, यूपी और महाराष्ट्र से कई शूटर पकड़े. पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ कि सभी आरोपी जीशान अख्तर के संपर्क में थे, जो अनमोल का बेहद खास आदमी है.

विदेश भेजीं गईं हत्या की तस्वीरें

जिस वक्त बाबा सिद्द्दीकी पर गोलियां चलाई गईं, उस वक्त जीशान मौके पर मौजूद था. हत्या के तुरंत बाद उसने घटनास्थल की फोटो भेजकर अनमोल को बताया, “काम हो गया.” यानी विदेश में बैठा अनमोल हर पल अपडेट ले रहा था.

अमेरिका से डिपोर्ट

लगातार भारतीय एजेंसियों के दबाव, रेड अलर्ट और इंटरपोल नोटिस के बाद अमेरिकी एजेंसियों ने अनमोल को पकड़ लिया. अब उसे डिपोर्ट कर भारत भेज दिया गया है जहां पुलिस उससे कई केसों में पूछताछ करेगी. उसकी फरारी खत्म हुई, लेकिन इस केस ने दिखा दिया कि कैसे भारतीय गैंगस्टर अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का इस्तेमाल करके दुनिया भर में घूम रहे हैं.

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