पहले हिमाचल भवन और अब बीकानेर हाउस, आखिर कोर्ट को क्‍यों देना पड़ा यह आदेश?

Bikaner House: बीकानेर रियासत के राजा महाराजा गंगा सिंह (1887 से 1943 ई.) के शासनकाल के दौरान निर्मित बीकानेर हाउस शाही परिवार के दिल्ली निवास के रूप में कार्य करता था. आधिकारिक तौर पर इसका उद्घाटन 18 फरवरी, 1929 को सम्मानित मेहमानों के लिए एक भव्य गृह प्रवेश पार्टी के साथ हुआ.;

Bikaner House
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 21 Nov 2024 11:36 AM IST

Bikaner House: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने राजधानी में स्थित बीकानेर हाउस के कुर्की के आदेश जारी किए हैं. कोर्ट का ये फैसला दिल्ली में हिमाचल भवन की नीलामी के आदेश के बाद आया है. कोर्ट ने राजस्थान नगर पालिका की स्वामित्व वाली दिल्ली स्थित बीकानेर हाउस की कुर्की के वारंट जारी किया हैं.

राजस्थान की नोखा नगर पालिका और एनवायरो इन्फ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच विवाद के बाद हुए समझौते का पालन नहीं करने पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है. डिस्ट्रिक्ट जज विद्या प्रकाश ने यह आदेश पारित करते हुए कहा कि नगर पालिका 2020 में अपने खिलाफ पारित मध्यस्थता पुरस्कार को पूरा करने में विफल रही है.

कोर्ट ने क्या-कुछ कहा?

कोर्ट ने कहा, 'जे.डी. यानी बीकानेर हाउस, नई दिल्ली की अचल संपत्ति की कुर्की के वारंट जारी किए जाते हैं.' पटियाला हाउस कोर्ट के जज ने अदालती कार्यवाही के दौरान नगर पालिका की ओर से किसी भी तरह के प्रतिनिधित्व की अनुपस्थिति पर भी नाराजगी जाहिर की. इसके अलावा जज ने नगर पालिका को बिक्री की घोषणा की शर्तों को निपटाने के लिए तय की गई तारीख का नोटिस लेने के लिए 29 नवंबर को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया.

बीकानेर हाउस का इतिहास

बीकानेर रियासत के राजा महाराजा गंगा सिंह (1887 से 1943 ई.) के शासनकाल के दौरान निर्मित, बीकानेर हाउस शाही परिवार के दिल्ली निवास के रूप में उपयोग में लाया जाता था. आधिकारिक तौर पर इसका उद्घाटन 18 फरवरी, 1929 को सम्मानित मेहमानों के लिए एक भव्य गृह प्रवेश पार्टी के साथ हुआ.

बता दें कि 1947 में भारत की स्वतंत्रता की अगुवाई में यह परिसर शाही परिवारों के बीच बैठकों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बन गया था. यहीं पर उन्होंने अपने भविष्य की रूपरेखा बनाई और नए स्वतंत्र राष्ट्र में शामिल होने पर विचार किया.

बीकानेर हाउस अब राजस्थान सरकार की आधिकारिक इमारत होने के अलावा एक नए युग का सांस्कृतिक स्थल भी है, जो पारंपरिक-समकालीन कला और संस्कृति के पहलुओं के लिए समर्पित एक प्रतीक है. 

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