झूठे विज्ञापन देख कहीं आप तो नहीं हुए शिकार, किसकी चलेगी कोचिंग, कहां लगेगा ताला? पढ़ें गाइडलाइन

कोचिंग सेंटर के चमकते होर्डिंग और बड़े-बड़े इश्तेहार देखकर अपने बच्चों को एडमिशन कराते हैं. हर साल कई सपने लिए हजारों छात्र अपने घरों को छोड़ कर बेहतर कल की चाह में शहरों में पहुंचते हैं और वहां जाकर इन कोचिंग संस्‍थानों के चगुल में फंस जाते हैं.;

Edited By :  सागर द्विवेदी
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मेरे बेटा बड़ा बड़ा होगा अफसर बनेगा, ऐसा सभी के माता- पिता सोचते हैं और फिर कोचिंग सेंटर के चमकते होर्डिंग और बड़े-बड़े इश्तेहार देखकर अपने बच्चों को एडमिशन कराते हैं. हर साल कई सपने लिए हजारों छात्र अपने घरों को छोड़ कर बेहतर कल की चाह में शहरों में पहुंचते हैं और वहां जाकर इन कोचिंग संस्‍थानों के चगुल में फंस जाते हैं.

वहां उनसे मोटी फीस ली जाती है और बच्चों के सपने पूरे करने में, कुछ माता-पिता तो अपनी जमीन तक बेच देते हैं या मकान गिरवी रख देते हैं ताकि उनके बच्चों की शिक्षा में कोई कसर न रहे. लेकिन अक्सर, ये बच्चे सफलता के बिना लौटते हैं, और उन्हें निराशा हाथ लगती है. उनका सपना टूट जाता है, और फिर उनके पास न तो सफलता होती है, न ही वे परिवार के लिए आर्थिक रूप से वह राहत ला पाते हैं, जिसकी उम्मीद थी.

कितना और किस पर लगेगा जुर्मना?

कोचिंग सेंटर्स के भ्रामक विज्ञापन को लेकर राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर कई शिकायतें आ रही थीं. जिसके बाद 18 कोचिंग संस्थानों के खिलाफ 54 नोटिस जारी किए गए. इन पर करीब 54.60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. साथ ही सरकार ने कोचिंग संस्थानों के भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए गाइडलाइन जारी की है.

यह नई गाइडलाइन उपभोक्ता मंत्रालय द्वारा जारी की गई है, जिसका उद्देश्य कोचिंग संस्थानों द्वारा दिए जाने वाले भ्रामक विज्ञापनों पर नकेल लगाना है. गाइडलाइन का नाम है, "कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापन की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश 2024". इस गाइडलाइन के तहत, कोचिंग सेंटर्स को झूठे दावों और विज्ञापन प्रैक्टिस से दूर रहने की चेतावनी दी गई है, जो अक्सर छात्रों और उनके परिवारों को गुमराह करते हैं.

पढ़े गाइडलाइन

नई गाइडलाइन के मुताबिक, कोचिंग संस्थानों को अब कुछ अतिरिक्त नियमों का पालन करना होगा, जो भ्रामक विज्ञापनों और छात्रों की व्यक्तिगत जानकारी के इस्तेमाल से संबंधित हैं. इनमें से कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान इस प्रकार हैं:

ये नए प्रावधान मौजूदा कानूनों के अतिरिक्त हैं. पहले से ही, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (2019) के तहत भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. इसके अंतर्गत, अगस्त 2024 में दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था, जो छात्रों को आकर्षित करने के लिए भ्रामक विज्ञापन दिखा रहा था. यह जुर्माना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत लगाया गया था, जो उपभोक्ताओं की हक और सुरक्षा की रक्षा करता है.

सेवाओं और क्वालिटी को लेकर स्पष्ट जानकारी देनी होगी. ट्यूशन सेंटर को कुछ चीजें स्पष्ट तौर पर बनाती होगी. जैसे कोर्स किस बारे में है. पूरा करने की अवधि क्या होगी. कौन से फैकल्टी उसे पढ़ाएगे और उनकी विश्वसनीयता का क्या है. कोर्स की फीस क्या होगी. कई बार कोचिंग सेंटर यह दावा करते हैं उनका बैच भरने वाला है कुछ ही सीट बाकी है. ऐसी स्थिति में जल्दबाजी करने के चक्कर में छात्र कोचिंग में प्रवेश कर लेते हैं. कोचिंग अब इस तरह भ्रम नहीं फैला सकेंगे. जिससे छात्र जल्दबाजी में गलत फैसला ले ले.

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