मोदी सरकार का ‘डबल दिवाली गिफ्ट’, 28% जीएसटी स्लैब के 90% सामान होंगे सस्ते; आएंगे 18% टैक्स दायरे में

केंद्र सरकार ने जीएसटी ढांचे में बड़े बदलाव की तैयारी की है, जिसके तहत 28% टैक्स स्लैब में आने वाले लगभग 90% सामानों को घटाकर 18% स्लैब में लाया जाएगा. पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर इसे 'डबल दिवाली गिफ्ट' बताते हुए कहा कि नई दरें दिवाली के आसपास लागू होंगी. बदलाव से जरूरी सामान, उपभोक्ताओं, एमएसएमई और छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी, साथ ही जीएसटी संरचना को सरल बनाया जाएगा.;

( Image Source:  Sora )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 15 Aug 2025 6:43 PM IST

GST Reform 2025, Rate Cut News PM Modi Diwali Gift : केंद्र सरकार उपभोक्ताओं और छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देने जा रही है. मौजूदा 28% जीएसटी स्लैब में आने वाले करीब 90% टैक्सेबल सामान को नए जीएसटी ढांचे में 18% स्लैब में लाया जाएगा. सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है.

नए प्रस्ताव में मुख्य रूप से दो दरें- 5% और 18%, रखी जाएंगी ताकि टैक्स सिस्टम को आसान बनाया जा सके. यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए संबोधन के कुछ घंटे बाद आई, जिसमें उन्होंने देश को 'डबल दिवाली गिफ्ट' देने की बात कही.

“इस दिवाली मैं आपको डबल तोहफा देने जा रहा हूं”

पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, “इस दिवाली मैं आपको डबल तोहफा देने जा रहा हूं. आठ साल पहले हमने जीएसटी लागू किया था, अब इसे फिर से रिव्यू करने का समय आ गया है. राज्यों से बात कर हाई-पावर्ड कमेटी बनाई गई है. जरूरी और रोजमर्रा के इस्तेमाल के सामान पर टैक्स घटाया जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं, एमएसएमई और छोटे उद्योगों को फायदा होगा.” 

सरकार 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से ही टैक्स स्लैब को सरल करने और उनकी संख्या घटाने पर काम कर रही है. फिलहाल, ज्यादातर सामान और सेवाओं पर 5%, 12%, 18% और 28% की दर से जीएसटी लगता है, जबकि सिगरेट और लग्जरी कार जैसे ‘डिमेरिट’ सामान पर अतिरिक्त सेस भी वसूला जाता है.

GST व्यवस्था कब लागू हुई थी? 

भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था 1 जुलाई 2017 को लागू हुई थी, जिसका उद्देश्य विभिन्न अप्रत्यक्ष करों को एकीकृत करना और कर प्रणाली को सरल बनाना था. शुरुआत में जीएसटी के तहत चार मुख्य दरें रखी गईं- 5%, 12%, 18% और 28%, साथ ही कुछ ‘डिमेरिट गुड्स’ (जैसे सिगरेट, लग्ज़री कार) पर अतिरिक्त उपकर (Cess) भी लगाया गया. 28% वाले स्लैब में मुख्यतः लग्ज़री सामान, ऑटोमोबाइल्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और कुछ रोज़मर्रा की चीजें भी शामिल थीं, जिससे उपभोक्ताओं पर टैक्स का बोझ अपेक्षाकृत अधिक था. समय-समय पर इस स्लैब से कुछ आइटम हटाकर निचले स्लैब में लाए गए, ताकि महंगाई का असर कम किया जा सके और खपत बढ़ाई जा सके.

लंबे समय से जीएसटी दरों के स्लैब को कम करने पर विचार कर रही थी सरकार

सरकार लंबे समय से जीएसटी दरों के स्लैब को कम करने और प्रणाली को आसान बनाने पर विचार कर रही थी. पीएम नरेंद्र मोदी के हालिया स्वतंत्रता दिवस भाषण में संकेत दिया गया कि दिवाली तक बड़ा जीएसटी रिफॉर्म लाया जाएगा, जिसके तहत 28% स्लैब में आने वाले लगभग 90% सामान को 18% स्लैब में शिफ्ट किया जाएगा. यह बदलाव न केवल उपभोक्ताओं को राहत देगा, बल्कि एमएसएमई और छोटे उद्योगों की लागत भी घटाएगा. इसे अगले चरण के जीएसटी सुधार के रूप में देखा जा रहा है, जो देश में व्यापार माहौल को और आसान बना सकता है.

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