कौन है गोल्डी बराड़, जिस पर फ़िदा होकर भारत के जख्मों पर नमक घिस रहे ट्रूडो- पढ़ें पूरी क्राइम कुंडली
पढ़ाई के दौरान ही कॉलेज में गोल्डी बराड़ की मुलाकात लॉरेंस बिश्नोई से हुई थी. लॉरेंस और गोल्डी ने मिलकर पंजाब में कई अपराधों को अंजाम दिया था. इसके लिए वह अलग अलग कोड नेम का यूज़ करता था. वह पहले 'डॉक्टर' कोड नेम के साथ काफी एक्टिव था. वह कनाडा से भारत में रंगदारी वसूलने और गैंगवार की घटनाओं को अंजाम देता आ रहा है.;
29 मई 2022 को अचानक पंजाब में अफरातफरी मच जाती है. खबर आती है कि मानसा में पंजाबी सिंगर और कांग्रेस पार्टी के नेता सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. शूटर्स ने उनकी गाड़ी को घेरकर अंधाधुंध फायरिंग की थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि मूसेवाला के शरीर पर दो दर्जन से ज्यादा घाव मिले थे. लोगों को हैरानी उस वक़्त हुई जब एक टीवी इंटरव्यू में सतिंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ ने कहा था कि उसने ही मूसेवाला की हत्या की.
लॉरेंस बिश्नोई के राइट हैंड माने जाने वाले गोल्डी बराड़ ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या को बदले की कार्रवाई बताया था. गोल्डी के मुताबिक अकाली दल के नेता विक्की मिड्दुखेड़ा और उसके चचेरे भाई गुरलाल बराड़ की हत्या में मूसेवाला का हाथ था. 33 साल के मिद्दुखेड़ा की 7 अगस्त 2021 को मोहाली में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जबकि 11 अक्टूबर 2020 को गुरलाल बराड़ की हत्या चंडीगढ़ में एक क्लब के बाहर कर दी गई थी. मूसेवाला पर आरोप लगा था कि उसने अपने मैनेजर शगुनप्रीत सिंह से कहकर इस हत्याकांड को अंजाम दिलाया था.
गोल्डी और लॉरेंस की दोस्ती
गुरलाल बराड़ की हत्या के बाद गोल्डी बरार ने अपराध की दुनिया में कदम रख लिया. इसके बाद उसने अपने चचेरे भाई की हत्या करने वालों का चुन-चुनकर बदला भी लिया. गुरलाल बराड़ एक छात्र नेता था. पढ़ाई के दौरान ही कॉलेज में गोल्डी बराड़ की मुलाकात लॉरेंस बिश्नोई से हुई थी. लॉरेंस और गोल्डी ने मिलकर पंजाब में कई अपराधों को अंजाम दिया था. इसके लिए वह अलग अलग कोड नेम का यूज़ करता था. वह पहले 'डॉक्टर' कोड नेम के साथ काफी एक्टिव था.
हत्या के बाद भागा कनाडा
इसके बाद जग्गू भगवानपुरिया और लॉरेंस बिश्नोई से हाथ मिलाकर गोल्डी ने 18 फरवरी 2021 को फरीदकोट के जुबली चौक पर SR हंस बुक डिपो के ठीक सामने गुरलाल सिंह पहलवान की गोली मारकर हत्या कर दी. इस हत्या में नाम आने के बाद गोल्डी गुपचुप तरीके से स्टूडेंट वीजा पर कनाडा भाग गया. वह कनाडा से भारत में रंगदारी वसूलने और गैंगवार की घटनाओं को अंजाम देता आ रहा है.
सरकार ने घोषित किया आतंकी
सिद्धू मूसेवाला की हत्या में नाम आने के बाद 1 जनवरी 2024 को केंद्र सरकार ने गोल्डी बराड़ को आतंकी घोषित कर दिया था. गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन में उसे आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से लिंक होना बताया गया था. केंद्र सरकार ने बताया कि वह विदेश में रहकर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता था. वह एक मॉड्यूल के जरिए पंजाब सहित कई राज्यों में वारदातें करवाता था. गोल्डी फर्जी नाम व पते के साथ विदेश भागा था और फर्जी नाम से ही अमेरिका के अलग अलग राज्यों में रहता था.
फैली हत्या की झूठी अफवाह
ये सब चल ही रहा था कि अमेरिकी मीडिया के हवाले से खबर आती है कि कैलिफोर्निया में 30 अप्रैल को गोल्डी बराड़ को गोलियां से भून दिया गया है. बताया गया था कि गोल्डी अपने साथी के साथ एक घर के बाहर खड़ा था, तभी कुछ बदमाशों ने गोलियां चलाई और भाग गए. अस्पताल में डॉक्टरों ने गोल्डी बराड़ को मृत घोषित कर दिया. हालांकि बाद में यह अफवाह निकली.
कनाडा ने वांटेड लिस्ट से हटाया नाम
अब कनाडा ने अपनी वॉन्टेड लिस्ट से गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के नाम को हटा दिया है. यह दावा कनाडा से वापस बुलाए गए भारत के दूत संजय वर्मा ने किया है. संजय वर्मा का दावा है कि भारत ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के नाम कनाडाई अधिकारियों के साथ शेयर किए थे, जिन्हें वहां वांछित सूची में डाल दिया गया था. लेकिन अब अचानक गोल्डी का नाम वॉन्टेड लिस्ट से हटा दिया गया है. बता दें, वह इस वक्त उत्तरी अमेरिका सक्रिय है.
गोल्डी बराड़ के पिता थे पुलिसकर्मी
गोल्डी बराड़ पंजाब के मुक्तसर का रहने वाला है. उसके पिता शमशेर सिंह पंजाब पुलिस में असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर थे. हत्या के केस में नाम आने के बाद 2021 में उन्हें कंपल्सरी रिटायरमेंट दे दिया गया था. पंजाब की कोर्ट ने गोल्डी को भगोड़ा और भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित कर रखा है. पंजाब पुलिस के पास गोल्डी की पांच अलग अलग तस्वीरें हैं. तस्वीरों से पता चलता है कि समय के साथ वह अपना हुलिया बदलता रहा है.