फंड की धमकी या विकास का वादा? मालेगांव में पवार के बयान पर सियासी संग्राम तेज! विपक्ष ने बताया धमकी- क्या बोले फडणवीस
मालेगांव में डिप्टी सीएम अजित पवार के बयान पर सियासी बवाल तेज हो गया है. विपक्ष का आरोप है कि पवार ने लोगों को फंड रोकने की धमकी दी और इसे विकास के नाम पर ब्लैकमेलिंग बताया. विपक्षी दलों ने कहा कि सत्ता पक्ष चुनावों में वोट पाने के लिए दबाव की राजनीति कर रहा है. वहीं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने सफाई देते हुए कहा कि पवार के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है और सरकार विकास के लिए प्रतिबद्ध है. इस मुद्दे पर दोनों पक्षों की तीखी बयानबाजी जारी है.;
महाराष्ट्र के मालेगांव में ‘आपके पास वोट, मेरे पास फंड’ वाले बयान को लेकर मचे राजनीतिक बवाल के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को सफाई दी. उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया है और यह किसी भी तरह की “धमकी” नहीं थी. कई पंचायत क्षेत्रों में चुनावी सरगर्मी के बीच यह बयान विपक्ष के निशाने पर आ गया था. मालेगांव नगर पंचायत चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए इस बयान पर पवार ने अब पलटवार करते हुए कहा कि उनकी मंशा सिर्फ विकास कार्यों को आगे बढ़ाने की थी, न कि किसी को डराने की.
अजित पवार ने साफ कहा कि वे क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र और राज्य की योजनाओं का पूरा उपयोग करना चाहते हैं, और विपक्ष चाहे जो कहे- उनका एजेंडा सिर्फ विकास है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि चुनाव में हर नेता वादा करता है, लेकिन इसे “धमकी” बताना गलत है.
क्या था अजित पवार का विवादित बयान?
शुक्रवार को बारामती तहसील के मालेगांव नगर पंचायत चुनाव प्रचार में पवार ने कहा था कि अगर उनकी पार्टी एनसीपी (अजित पवार गुट) के सभी 18 उम्मीदवार जीतते हैं तो वे क्षेत्र के विकास के लिए फंड की कोई कमी नहीं होने देंगे.
उन्होंने कहा था कि 'अगर आप मेरे उम्मीदवारों को ‘कट’ करेंगे, तो मैं भी फंड ‘कट’ करूंगा. आपके पास वोट की ताकत है और मेरे पास फंड की ताकत है… अब फैसला आप करें.' इस बयान के बाद विपक्ष ने उन्हें आड़े हाथों लिया और चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग शुरू हो गई.
पवार की सफाई-"ये धमकी कैसे हो सकती है?"
रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने जो कहना था, कह दिया. अब विपक्ष क्या कहता है, यह उनका अधिकार है. मैं काम पर ध्यान देता हूं, आलोचना पर नहीं. हम क्षेत्र की समस्याएं दूर करना चाहते हैं और विकास हमारा एजेंडा है. उन्होंने आगे कहा कि चुनाव में हर नेता वादे करता है, इसलिए उनके बयान को “धमकी” कहना गलत है. यह धमकी कैसे हुई? हर जगह चुनाव में नेता कहते हैं कि हमें चुनिए, हम ज्यादा काम करेंगे."
फडणवीस ने भी पवार का बचाव किया
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस विवाद को हल्का बताते हुए कहा कि चुनाव में ऐसी बातें कही जाती हैं. इसका कोई गहरा मतलब नहीं. हम पूरे महाराष्ट्र का विकास करेंगे. मैं भी किसी सभा में कह सकता हूं कि मुझे चुनिए, तो मैं आपको ज्यादा फंड दूंगा-ऐसी बातें चलती रहती हैं.”
विपक्ष ने साधा निशाना-“फंड जनता के टैक्स का है, पवार के घर का नहीं”
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) के नेता अंबादास दानवे ने हमला बोलते हुए कहा कि "फंड जनता के टैक्स के पैसे से आते हैं, पवार के घर से नहीं. अगर इतना बड़ा नेता जनता को धमका रहा है, तो चुनाव आयोग क्या कर रहा है?" एनसीपी (शरद पवार गुट) के महेश तपासे ने कहा कि फंड “राज्य की जनता का है, किसी नेता की जागीर नहीं.” कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने तीखी प्रतिक्रिया दी "पवार इसलिए धमकाते हैं क्योंकि वे सत्ता में हैं. जनता सब देख रही है. जब समय आएगा, लोग पैसे भी ले लेंगे और तमाचा भी जड़ देंगे. वह दिन दूर नहीं." मालेगांव सहित कई नगर पंचायतों के चुनाव 2 दिसंबर को होने वाले हैं. अजित पवार के बयान के बाद यह चुनावी समीकरण और भी गर्म हो गए हैं.