भारत से अमेरिका तक...राजनीति में गाड़े थे झंडे! पूर्व सीएम SM Krishna की राजनीतिक उपलब्धियां
10 दिसंबर की सुबह मल्लैया कृष्णा (92 वर्ष) का उनके आवास पर निधन हो गया. उन्होंने अपने आवास पर सुबह 2:45 बजे अंतिम सांस ली. जानकारी के अनुसार एसएम कृष्णा (SM Krishna) ने पांच दशक से अधिक के राजनीतिक करियर में कर्नाटक के मुख्यमंत्री, विदेश मंत्री समेत कई वरिष्ठ पदों का कार्यभार संभाला है.;
SM Krishna Death News: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सोमनहल्ली मल्लैया कृष्णा अब इस दुनिया में नहीं रहे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार 10 दिसंबर की सुबह मल्लैया कृष्णा (92 वर्ष) का उनके आवास पर निधन हो गया. उन्होंने अपने आवास पर सुबह 2:45 बजे अंतिम सांस ली. उनके पार्थिव शरीर को आज मद्दुर ले जाए जाने की संभावना है. उनके परिवार में कृष्णा की पत्नी प्रेमा कृष्णा और दो बेटियां - मालविका कृष्णा और शांभवी कृष्णा हैं.
मल्लैया कृष्णा बेशक दुनिया छोड़कर चले गए हैं, लेकिन उनके काम के लिए लोग एस कृष्णा को हमेशा याद करते रहेंगे. उनके अपने राजनीतिक करियर में बहुत सी उपलब्धि हासिल की है. जानकारी के अनुसार एसएम कृष्णा (SM Krishna) ने पांच दशक से अधिक के राजनीतिक करियर में कर्नाटक के मुख्यमंत्री, विदेश मंत्री समेत कई वरिष्ठ पदों का कार्यभार संभाला है.
कौन थे मल्लैया कृष्णा?
मल्लैया कृष्णा का जन्म 1 मई, 1932 को कर्नाटक के मांड्या जिले के सोमनहल्ली में हुआ था. उन्होंने महाराजा कॉलेज, मैसूर से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. बाद में उन्होंने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद, उन्होंने दक्षिणी मेथोडिस्ट विश्वविद्यालय, डलास, अमेरिका और बाद में जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में अध्ययन किया, जहां वे फुलब्राइट स्कॉलर थे. भारत में, उन्होंने रेणुकाचार्य लॉ कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय कानून के प्रोफेसर के रूप में काम किया. अमेरिका में रहते हुए उनका ध्यान राजनीति में गया और उन्होंने वहां पर जॉन एफ कैनेडी के राष्ट्रपति चुनाव का प्रचार किया. कर्नाटक वापस आने के बाद 1962 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के दिग्गज केवी शंकर गौड़ा के खिलाफ मद्दुर सीट से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की. बाद में वे कांग्रेस में शामिल होने से पहले प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से जुड़े.
एसएम कृष्णा का राजनीतिक सफर
मल्लैया कृष्णा कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री, विदेश मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल रह चुके थे. वह साल 1999 से 2004 तक कर्नाटक के सीएम रहे और 2024 से 2008 तक महाराष्ट्र एलजी रहे. इसके बाद 22 मई 2009 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया और 23 मई 2009 विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी थी. इसके बाद मार्च 2017 में वह भाजपा में शामिल हो गए. उन्हें 2003 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. इसके अलावा उन्होंने विधान परिषद, विधानसभा के सदस्य, स्पीकर, उपमुख्यमंत्री के पद पर भी काम किया. बाद में उन्होंने 7 जनवरी, 2023 को राजनीति से संन्यास की घोषणा की.