43 हजार रुपये के टिकट से लेकर कई घंटों की देरी तक, इंडिगो एयरपोर्ट हवाई अड्डों के क्यों बिगड़े हालात? यात्रियों में गुस्सा- Video
देश के कई एयरपोर्ट पर इंडिगो काउंटर्स पर अफरा-तफरी, यात्रियों के गुस्से, मदद की गुहार और लाचारी का माहौल देखने को मिल रहा है. ऑपरेशनल दिक्कतों, भारी देरी और अचानक हुई कैंसिलेशन के कारण हजारों यात्री घंटों से फंसे हैं. सोशल मीडिया पर भी लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है, जहां वे अपनी परेशानी, शिकायतें और एयरलाइन पर सवालों की बौछार कर रहे हैं.;
देश के कई एयरपोर्ट पर इंडिगो काउंटर्स पर अफरा-तफरी, यात्रियों के गुस्से, मदद की गुहार और लाचारी का माहौल देखने को मिल रहा है. ऑपरेशनल दिक्कतों, भारी देरी और अचानक हुई कैंसिलेशन के कारण हजारों यात्री घंटों से फंसे हैं. सोशल मीडिया पर भी लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है, जहां वे अपनी परेशानी, शिकायतें और एयरलाइन पर सवालों की बौछार कर रहे हैं.
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इसी बीच NDTV ने इस बड़े संकट पर यात्रियों के सबसे ज़्यादा पूछे जाने वाले सवालों के जवाब दिए और बताया कि आखिर इस कैओस के पीछे असली वजह क्या है और अगली उड़ान से पहले यात्रियों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
आखिर इंडिगो में इतना बड़ा संकट क्यों?
इंडिगो ने दावा किया है कि “कई अप्रत्याशित ऑपरेशनल चुनौतियों” ने हालात बिगाड़ दिए. इनमें शामिल हैं- छोटे टेक्निकल ग्लिच, विंटर शेड्यूल में बदलाव, खराब मौसम, एयर ट्रैफिक सिस्टम में बढ़ी भीड़ और सबसे अहम- अपडेटेड क्रू रोस्टरिंग नियम (FDTL) का लागू होना. सबसे बड़ी समस्या FDTL नियमों में आया बड़ा बदलाव है. जनवरी 2024 में DGCA ने पायलट और क्रू की सुरक्षा और आराम को बढ़ाने के लिए कड़े नियम लागू किए.
नए नियमों में- क्रू के लिए बढ़ा हुआ वीकली रेस्ट, "नाइट" की परिभाषा एक घंटे बढ़ाई, रात की ड्यूटी की सीमा और नाइट लैंडिंग की संख्या कम की गई. इसके बाद एयरलाइंस को अपने पूरे शेड्यूल बदलने पड़े और इंडिगो में क्रू की कमी के कारण रोस्टर ढह गया.
क्यों इंडिगो सबसे ज्यादा प्रभावित?
सबसे बड़ी वजह उसका विशाल नेटवर्क और हाई-फ्रीक्वेंसी ऑपरेशन है. इंडिगो रोजाना 2,200+ उड़ानें ऑपरेट करती है- जो एयर इंडिया से लगभग दोगुनी हैं. इसलिए सिर्फ 10-20% उड़ानें प्रभावित होने का मतलब ही 200-400 फ्लाइट्स का ठप होना है. इंडिगो एक लो-कॉस्ट मॉडल पर काम करता है जहां रात में अधिकतम उड़ानें भरी जाती हैं.
नए नियमों ने रात की उड़ानों पर ही सबसे ज्यादा रोक लगाई. इसलिए पूरी व्यवस्था चरमरा गई. ALPA और Federation of Indian Pilots दोनों ने आरोप लगाया कि इंडिगो ने समय रहते स्टाफिंग प्लानिंग नहीं की.
एक बयान के मुताबिक "पर्याप्त समय दिए जाने के बावजूद, अधिकांश एयरलाइंस ने तैयारी बहुत देर से शुरू की. दूसरे संगठन ने कहा कि वर्तमान अव्यवस्था इंडिगो की लंबे समय से अपनाई जा रही असामान्य और अत्यधिक कम स्टाफ वाली रणनीति का सीधा नतीजा है…"
48 घंटे में 300 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द- यात्री बोले ‘बस 2 घंटे और’ का झांसा
पिछले दो दिनों में 300+ उड़ानें रद्द हुई हैं. आज 100 और उड़ानें रद्द हो सकती हैं. हैदराबाद से लेकर बेंगलुरु तक यात्रियों का गुस्सा फूटा है. एक यात्री ने लिखा कि 'हम कल शाम 6 बजे से आज सुबह 9 बजे तक हैदराबाद एयरपोर्ट पर ही हैं… कोई कार्रवाई नहीं की गई है. एक अन्य ने आरोप लगाया कि ठहरने की व्यवस्था न देने के लिए वे हर बार कहते रहे कि ‘बस 2 घंटे और’, और इसी तरह टालते रहे."
DGCA एक्शन में- एयरलाइन से जवाब-तलब
हालात बेकाबू होते देख DGCA ने इंडिगो की टॉप मैनेजमेंट को तलब किया है. DGCA ने कहा- “IndiGo has been asked to report… along with plans to mitigate the ongoing delays and cancellations.”
इंडिगो की सफाई - 48 घंटे में हालात सुधारेंगे
इंडिगो ने स्वीकार किया कि "हम स्वीकार करते हैं कि इंडिगो के संचालन में गंभीर रूप से व्यवधान आया है…" और बताया कि “calibrated adjustments” लागू किए जा रहे हैं ताकि 48 घंटे में ऑपरेशंस सामान्य किये जा सकें. Federation of Indian Pilots के अध्यक्ष कैप्टन रंधावा ने कहा कि इनमें से ज्यादातर फ़्लाइट बाधाओं का कारण… क्रू की कमी है. उन्होंने कहा कि नए FDTL नियम प्रभावी होते ही एयरलाइन ने DGCA से राहत मांगी, पर यह गलत मिसाल है. इंडिगो ने माना कि कई फैक्टर्स एक साथ टकरा गए- "छोटी-छोटी तकनीकी खामियाँ… खराब मौसम… भीड़भाड़… और अपडेटेड FDTL नियम…"
सरकारी डेटा के अनुसार- नवंबर में 1,232 उड़ानें रद्द, 62% रद्दीकरण क्रू/FDTL कारणों से, समय पर उड़ान दर 35% पर लुढ़की. इंडिगो के शेयर भी 3% से ज्यादा टूटे. सीटें कम, मांग ज्यादा- किराए आसमान पर. इंडिगो की 65% मार्केट हिस्सेदारी के चलते किराए तेज़ी से चढ़ गए.
दिल्ली–बेंगलुरु: ₹11,000 से ₹43,145
मुंबई–कोलकाता: ₹8,000 से ₹19,000
अगली उड़ान से पहले क्या करें?—यात्रियों के लिए जरूरी सलाह
फ्लाइट स्टेटस बार-बार चेक करें
एयरपोर्ट समय से पहले पहुंचे
स्नैक्स, पानी, मेडिसिन साथ रखें
फ्लेक्सिबल या रिफंडेबल टिकट ही चुनें
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क्या बदलना जरूरी है?
Federation of Indian Pilots ने कहा कि "एयरलाइन ने बिना स्पष्ट कारण के भर्ती पर रोक लगा दी… पायलटों के वेतन को स्थिर रखा… और अन्य दूरदर्शी नीतियों का पालन नहीं किया." ALPA ने चेतावनी दी कि देरी-कैंसिलेशन को दबाव tactic की तरह न देखा जाए. कोई भी छूट वैज्ञानिक मूल्यांकन के आधार पर ही दी जानी चाहिए."