शंभू बॉर्डर पर दिखा युद्ध जैसा नजारा, 101 जत्था 8 दिसंबर को दिल्ली करेगा कूच
किसानों का दिल्ली कूच एक दिन के लिए टाल दिया गया है. शंभू बॉर्डर पर किसानों की एक बैठक होनी है. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि किसान आज आगे नहीं बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि हम नई रणनीति बनाएंगे और उसके बाद आगे की कार्रवाई तय करेंगे. पंढेर ने यह भी बताया कि 15 से 20 किसान घायल हुए हैं जिनमें से 8 अस्पताल में भर्ती हैं, इनमें से कुछ की हालत गंभीर है.;
Farmers Protest: पंजाब-हरियाणा (शंभू) बॉर्डर से किसान एक बार फिर दिल्ली की ओर कूच करने की तैयारी में थे. उन्हें रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने कड़े इंतजाम किए हैं. पुलिस ने किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं. अब किसानों ने अपना जत्था वापस बुला लिया है. उन्होंने कहा कि बाद में आगे की रणनीति तय होगी. वहीं, किसान नेता रुपेश वर्मा को गिरफ्तार किया गया है. किसान नेता ने कहा कि अब किसानों का जत्था 8 दिसंबर को दिल्ली कूच करेगा. किसान नेता चाहते हैं कि कृषि मंत्री से उनकी मुलाकात हो.
फिलहाल, किसानों का दिल्ली कूच एक दिन के लिए टाल दिया गया है. शंभू बॉर्डर पर किसानों की एक बैठक होनी है. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि किसान आज आगे नहीं बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि हम नई रणनीति बनाएंगे और उसके बाद आगे की कार्रवाई तय करेंगे. पंढेर ने यह भी बताया कि 15 से 20 किसान घायल हुए हैं जिनमें से 8 अस्पताल में भर्ती हैं, इनमें से कुछ की हालत गंभीर है.
देश में पिछले कुछ महीनों से किसान अपनी मांगों को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं. शंभू बॉर्डर पर कई दिनों से किसान धरना देकर बैठे हुए हैं, लेकिन अब वह राजधानी की सड़कों विरोध करने आ गए हैं. शुक्रवार (6 दिसंबर) को दोपहर 1 बजे किसान संगठन शंभू बॉर्डर से दिल्ली तक पैदल मार्च निकल चुके हैं. दिल्ली पुलिस ने जगह-जगह सुरक्षा कड़ी कर दी है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक किसानों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए, अंबाला-दिल्ली सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. करीब 101 किसान एक साथ शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर बढ़ने वाले हैं. अंबाला जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 को भी लागू कर दिया, जिससे जिले में पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लग गई.
मार्च की लेनी होगी इजाजत
किसानों संगठन के मार्च को लेकर डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि किसी भी सार्वजनिक सभा या आंदोलन के लिए पहले अनुमति लेनी होगी, जिसके चलते प्रशासन ने किसानों से अपने मार्च पर पुनर्विचार करने की अपील की है. दिल्ली कूच से पहले एनएच-44 पर यानी शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, तथा हरियाणा और पंजाब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की बढ़ती भीड़ को रोकने के लिए महत्वपूर्ण संसाधन तैनात किए हैं. हरियाणा पुलिस ने सीमा के पास बैरिकेड्स को और मजबूत किया, जिसमें दीवारों, लोहे की कीलों और कांटेदार तारों वाली पहले से ही सात-परत वाली व्यवस्था में तार की जाली और चलने योग्य यातायात अवरोधकों सहित तीन नई परतें जोड़ी गईं।. तैयारियों के तहत एक टेंट भी लगाया गया था.
कल किया था मार्च का एलान
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने गुरुवार को घोषणा की कि 101 किसानों का एक समूह शुक्रवार को दोपहर 1 बजे शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए पैदल मार्च निकालेंगे. शंभू बॉर्डर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा, शुक्रवार को दिल्ली कूच की योजना दोहराई जाएगी. उन्होंने कहा, "जत्था दिल्ली की ओर कूच करेग. सरकार क्या करेगी, यह उन्हें तय करना है." "हम अपना मार्च दोपहर 1 बजे शंभू बॉर्डर से शुरू करेंगे." बता दें कि भारतीय किसान यूनियन-एकता और हरियाणा के अन्य सहित कई यूनियनें किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले मार्च के दौरान अपनी मांगों को आगे बढ़ाने के लिए रैली कर रही हैं.
क्या है किसानों की मांग?
किसानों ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य और अन्य प्रमुख मुद्दों के लिए कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं. उनकी मांगों में कृषि ऋण माफी, किसानों और मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में बढ़ोतरी पर रोक, किसानों के खिलाफ पुलिस मामलों को वापस लेना और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय शामिल हैं. साथ ही वह भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल करने और 2020-21 के आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं.