कश्‍मीर के चिनाब ब्रिज में क्‍यों है चीन की दिलचस्‍पी? पाकिस्‍तान के जरिए जुटा रहा जानकारी

पाकिस्तान और चीन के बीच की जुगलबंदी भारत के लिए चिंता का विषय है. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी चीन के निर्देश पर जम्मू-कश्मीर के चिनाब ब्रिज की जानकारी इकट्ठा कर रही है. यह पुल रियासी और रामबन जिलों को जोड़ता है.;

Edited By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 1 Nov 2024 2:43 PM IST

पाकिस्तान और चीन के बीच की जुगलबंदी भारत के लिए चिंता का विषय है. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी चीन के निर्देश पर जम्मू-कश्मीर के चिनाब ब्रिज की जानकारी इकट्ठा कर रही है. यह पुल रियासी और रामबन जिलों को जोड़ता है और इसे दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुलों में से एक माना जाता है. हाल ही में इस पुल पर ट्रायल भी किया गया था, जो दोनों देशों की गतिविधियों को और गंभीर बना रहा है.

सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सीक्रेट सर्विस (ISI) जम्मू- कश्मीर में भारत के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स की जानकारी जुटा रहा है. इस मामले में पाकिस्तानी ISI चीन के सीक्रेट सर्विस MSS के साथ मिलकर काम कर रही है. पाकिस्तान का चीन के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में जारी प्रोजेक्ट्स और उनसे जुड़ी जानकारी इकट्टा करना भारत के लिए चिंता का विषय है.

इस पर भारतीय सीक्रेट सर्विस ने भी चिंता जताई है. सीक्रेट सर्वीस से मिले इनफॉर्मेशन से पता चलता है कि दोनों पड़ोसियों की नजर भारत के चिनाब रेल पुल प्रोजेक्ट पर है.

चिनाब ब्रिज की खासियत

बात करें इस पुल के खासियत की तो यह ब्रिज नदी के ऊपर बना हुआ है और इसकी लंबाई करीब 359 मीटर है यानी 1.178 फुट है. यह पेरिस के फेमस एफिल टॉवर में भी सबसे ऊंचा है. भारतीय रेलवे ने कमाल करते हुए कश्मीर घाटी में संगलदान से रियासी तक करीब 46 किलोमीटर के खंड पर मेमू ट्रेन का पहली बार सफल परीक्षण किया.

देश के प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट में से चिनाब रेल पुल भी शामिल है. यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल हैं. 20 जून 2024 को इस पर 8 बार कोच वाली मेमू ट्रेन का सफल ट्रायल हुआ था. ये पुल सुरक्षा के साथ- साथ देश के लिए इसलिए भी महत्वूर्व हैं क्योंकि इस पुल के माध्यम भारत के लगभग हर राज्य को जम्मू- कश्मीर से जोड़ा जा रहा है. इस ट्रैक पर महत्वपूर्व स्टेशन रियासी, बक्कल, दुग्गा और सावलकोटे हैं.

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