नागपुर हिंसा के दौरान शर्मनाक हरकत! ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिस अफसर से भीड़ ने की छेड़छाड़
Nagpur Violence: सोमवार को नागपुर में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए. इस दौरान अंधेरे का फायदा उठाकर भीड़ ने महिला पुलिस अफसर ने छेड़छाड़ की. शिकायत में बताया गया कि इसी भीड़ ने ड्यूटी पर तैनात महिला कर्मचारी के साथ गलत व्यवहार किया. अब पुलिस ने शिकायत दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.;
Nagpur Violence: महाराष्ट्र के नागपुर जिले में सोमवार औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग पर विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई. दो समुदाय में जमकर विवाद हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए. इस हादसे में आगजनी और घरों पर पत्थर भी फेंके गए. अब खबर सामने आई कि हिंसा के दौरान भीड़ ने एक महिला अधिकारी के साथ छेड़छाड़ की.
हिंसा के दौरान दुर्व्यवहार के संबंध में महिला अफसर ने शिकायत दर्ज कराई है. वह ड्यूटी पर थीं और अंधेरे का फायदा उठाकर भीड़ ने महिला ने उनके साथ छेड़छाड़ की. बदमाशों ने उनकी वर्दी खींचने की कोशिश की और शरीर को टच करने की कोशिश की.
महिला अफसर के साथ बदतमीजी
पीड़ित महिला पुलिस कर्मचारी ने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की जानकारी सीनियर ऑफिसर को दी. उसके बाद नागपुर के गणेश पेठ पुलिस स्टेशन में ऐसी शर्मनाक हरकत के खिलाफ भीड़ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में बताया गया कि इसी भीड़ ने ड्यूटी पर तैनात महिला कर्मचारी के साथ गलत व्यवहार किया. साथ ही उन्हें अश्लील इशारे और उन पर अश्लील कमेंट भी किए. अब पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपी की तलाश कर रही है.
हिंसा पर सीएम फडणवीस का बयान
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा, चेतावनी दी कि अगर कोई दंगा करता है या पुलिस पर हमला करता है तो उसे बख्शा नहीं जाएग. फिर चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का हो. उन्होंने हिंसा के लिए सोमवार शाम को फैली अफवाह को जिम्मेदार ठहराया. घटना स्थल से पुलिस को पत्थरों की एक ट्रॉली मिली, जो योजना का संकेत है और कुछ निर्दिष्ट घरों और संस्थानों को निशाना बनाया गया. सीएम ने कहा, एक डिप्टी कमिश्नर पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया. जिन्होंने कानून को अपने हाथ में लिया, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.
नागपुर में नहीं क्यों भड़की हिंसा?
शिवाजी महाराज के समर्थक औरंजेब की कब्र को हटाने की मांग कर रहे हैं. इस दौरान अफवाह फैली कि मुस्लिम के पवित्र ग्रंथ को जला दिया गया. इसके बाद दो समुदायों में हिंसा भड़क गई और आगजनी तक पहुंच गई. नमाज़ के बाद 250 लोगों की भीड़ वहां आ गई और नारे लगाने लगी. जब लोगों ने कहना शुरू किया कि वे वाहनों में आग लगा देंगे, तो पुलिस ने बल प्रयोग किया.