ट्रंप का प्रहार: भारत पर 50% टैरिफ से स्टील, फार्मा और टेक्सटाइल समेत 12 सेक्टर पर असर, 10 बातें

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लागू कर दिया है. यह फैसला भारत-अमेरिका व्यापार रिश्तों में नया मोड़ ला सकता है. सवाल ये है कि इससे भारत की अर्थव्यवस्था, निर्यातकों और आम उपभोक्ताओं पर क्या असर होगा? बताया जा रहा है कि ट्रंप के टैरिफ से कैपिटल गुड्स, केमिकल, ऑटोमोबाइल्स, स्टील, फार्मा, टेक्सटाइल, सीफूड, फूड और बेवरेज समेत 12 उत्पादों के निर्यात पर असर ज्यादा होगा.;

Edited By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 27 Aug 2025 12:03 PM IST

पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारत-अमेरिका रिश्ते अब तक के सबसे खराब दौर में है. हालांकि, रिश्ते खराब होने की वजह ऑपरेशन सिंदूर नहीं बल्कि टैरिफ वार और रूस से तेल खरीदना ज्यादा है. इसमें नरमी आने बजाय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अड़ियल रवैये की वजह से और बिगड़ते ही जा रहे हैं. आज से ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत के खिलाफ घोषित 50 टैरिफ भी लागू हो गया है. यह टैक्स दुनिया के किसी भी देश से सबसे ज्यादा है.

यह टैरिफ इंडिया में अमेरिका में होने वाले निर्यात पर असर पड़ेगा. सवाल उठता है कि इस वार में कौन जीतेगा, कौन हारेगा, ये महत्वपूर्ण नहीं है. अहम यह है कि इसका असर लोगों की जेब पर कितना पड़ेगा? आइए जानते हैं 10 अहम बातें…"

ट्रंप के टैरिफ से जुड़ी 10 प्रमुख बातें

1. इन उत्पादों के निर्यात पर होगा असर

एसएंडपी ग्लोबल की रिपोर्ट के मुताबिक कैपिटल गुड्स, केमिकल, ऑटोमोबाइल्स, स्टील, फार्मा, टेक्सटाइल, सीफूड,  हीरे व सोने के जेवरात, फूड और बेवरेज समेत 12 उत्पादों के निर्यात को टैरिफ से कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है. वहीं कुछ ऐसे भी सेक्टर हैं, जिन पर टैरिफ का बहुत ही कम असर होने वाला है. इसमें टेलिकॉम, आईटी, बैंक और रियल एस्टेट शामिल हैं.

2. कई शहरों में कपड़ा उत्पादन ठप

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन्स के अध्यक्ष एससी राल्हान ने अनुसार बढ़ती लागत प्रतिस्पर्धा के बीच कपड़ा उत्पादकों ने तिरुपुर, नोएडा और सूरत में उत्पादन रोक दिया या कम कर दिया है. यह क्षेत्र वियतनाम और बांग्लादेश के कम लागत वाले प्रतिद्वंदियों के सामने पिछड़ गए हैं. सीफूड की बात करें तो खासतौर से झींगा है,जिसे अमेरिका ही भारतीय सीफूड एक्सपोर्ट का करीब 40 फीसदी हिस्सा लेता है. इससे भंडार में कमी, सप्लाई चेन में परेशानी और किसानों की तकलीफ जैसे कई जोखिम और बढ़ गए हैं.

भारत के कपड़ा निर्यात का लगभग 28 प्रतिशत उत्पाद अमेरिकी बाजारों में पहुंचता है. अमेरिका में भारत के कपड़े पर 10 से 12 प्रतिशत टैरिफ था, लेकिन अब 50 प्रतिशत टैरिफ हो गया है.

3. अमेरिकी उपभोक्ताओं को नहीं मिलेंगी किफायती दवाएं

स्टील, फार्मा, टेक्सटाइल और ऑटो पार्ट्स का निर्यात सबसे ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है. फार्मास्यूटिकल्स की बात करें तो भारत, अमेरिका को करीब 10 अरब डॉलर की जेनरिक दवाएं भेजता है, जो कि देश के फार्मा निर्यात का 31 से 35 प्रतिशत है. अगर इस पर राहत नहीं मिली तो अमेरिकी बाजारों को किफायती दवाएं नहीं मिल सकेंगी.

4. सोलर एनर्जी प्रोडक्ट पर असर कम

सोलर एनर्जी सेक्टर पर डायरेक्ट असर होने की उम्मीद बहुत कम है. ऐसा इसलिए कि सोलर पीवी सेल और मॉड्यूल निर्यातकों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है. टैरिफ की वजह से कुछ सेक्टर्स पर प्रभाव कम पड़ेगा. जैसे आईटी, रियल एस्टेट, बैंक, पॉवर और कैपिटल गुड्स अपेक्षाकृत कम नुकसान होगा. हालांकि, भारतीय टेक कंपनियों की सर्विस और हार्डवेयर सप्लाई महंगी होगी.

5. भारत का निर्यात होगा कम

भारत हर साल लगभग 80 अरब डॉलर का सामान अमेरिका भेजता है, जिस पर अब असर पड़ेगा. अमेरिकी कारोबारी 50 प्रतिशत टैरिफ की वजह से यही सामान अब किसी और देश से लेना पसंद करेंगे.

6. अमेरिकी डिमांग में आएगी कमी

अमेरिकी बाजार में भारतीय प्रोडक्ट महंगे होंगे, जिससे उपभोक्ताओं के बीच इसकी मांग आने वाले दिनों में घट सकती है. अमेरिका के इस रुख के खिलाफ भारत सरकार सरकार काउंटर टैरिफ या WTO में शिकायत का विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रही है.

7. व्यापार घाटे को कम करने के लिए लगाया टैरिफ - Trump

टैरिफ को लेकर डोनाल्ड ट्रंप का तर्क है कि अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करना और घरेलू कंपनियों को बढ़ावा देना चाहता है. इसी योजना तहत ही टैरिफ लगाए गए हैं.

8. रुपया कमजोर होने की आशंका

इंडिया यूएस के बीच तनाव लंबा चलने पर या व्यापारिक तनाव जारी रहने पर रुपया कमजोर हो सकता है. इसका ग्लोबल असर यह होगा कि भारत-अमेरिका ट्रेड वॉर से वैश्विक सप्लाई चेन भी प्रभावित होगी.

9. ट्रंप का जवाब, इसलिए लगाया टैरिफ

डोनाल्ड ट्रंप का यह फैसला अमेरिका की घरेलू चुनावी राजनीति और 'Make America Great Again' एजेंडे से जुड़ा माना जा रहा है.

10. दबाव के आगे नहीं झुकेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अगस्त को ट्रंप के टैरिफ को लेकर कहा था वह किसानों, पशुपालकों, लघु उद्योगों के हितों से समझौता नहीं कर सकते. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा था, "हम पर दबाव बढ़ सकता है, लेकिन हम इसे सहन करेंगे, किसी के आगे झुकेंगे नहीं." हम सब मिलकर और स्वीदेशकरण के अभियानों पर जोर देकर इसका मुकाबला करेंगे.

Full View

Similar News