'बस ग्रीन रेंजर रह गया, BigBasket कहां हो?' – सिग्नल पर दिखा डिलीवरी मल्टीवर्स, मिलेनियल्स बोले: 'पावर रेंजर्स असेंबल!'
बारिश भरी एक रात, ट्रैफिक सिग्नल की लाल बत्ती पर एक तस्वीर ने पूरे इंटरनेट को नॉस्टेल्जिया में डाल दिया है. Zomato, Swiggy, Blinkit, Zepto और Flipkart Minutes के रंग-बिरंगे रेनकोट्स में खड़े ये डिलीवरी पार्टनर ऐसे लगे जैसे 90s के पावर रेंजर्स असेंबल हो गए हों. मिलेनियल्स बोले – बस ग्रीन रेंजर रह गया… BigBasket कहां हो?;
बारिश की भीगी रात…ट्रैफिक सिग्नल की लाल बत्ती… और उसी के नीचे स्कूटी-सवार, रंग-बिरंगे रेनकोट पहने कुछ चेहरे... पहले लगे कुछ रैंडम डिलीवरी बॉयज़ होंगे, लेकिन जब ज़रा गौर से देखा गया, तो लगा जैसे किसी ओटीटी फैंटेसी शो की लाइव शूटिंग हो रही हो!
Zomato, Swiggy, Blinkit, Zepto, Flipkart Minutes…
सब अपने-अपने ब्रांड वाले कलरफुल रेनकोट्स में एक साथ खड़े थे - एक ही सिग्नल पर.
और फिर जैसे ही इस फोटो ने इंटरनेट पर एंट्री मारी, मिलेनियल्स की आँखों में चमक आ गई -
'अरे! ये तो अपने पावर रेंजर्स हैं!'
नॉस्टैल्जिया का तूफ़ान:
90s और 2000s के बच्चों के लिए पावर रेंजर्स एक रिलिजियस-लेवल ऑबसेशन था.
हर रंग का एक सुपरहीरो.
हर किसी की अपनी स्पीड, अपना स्टाइल और अपनी ताकत.
अब जब भारत की सड़कों पर मॉडर्न-डे पावर रेंजर्स दिखे - तो Gen Z और मिलेनियल्स दोनों ने क्लैप किया, मीम बनाए और नॉस्टैल्जिया में डूब गए.
वायरल हुई ये फोटो:
ये वायरल तस्वीर किसी अनजान मोबाइल कैमरे से ली गई है, जिसमें एक ब्रिज के नीचे, बारिश में भीगते हुए डिलीवरी एजेंट्स खड़े हैं.
हर कोई अपने आइकॉनिक ब्रांड के रेनकोट में:
- Zomato (रेड)
- Swiggy (ऑरेंज)
- Blinkit (येलो)
- Zepto (पर्पल)
- Flipkart Minutes (पिंक)
बस… एक रंग मिसिंग था - ग्रीन!
जिस पर सभी ने एक सुर में कहा: बस ग्रीन रेंजर रह गया… बिगबास्केट व्हेयर आर यू?
सोशल मीडिया पर मीम कार्निवल:
'ये सिर्फ डिलीवरी नहीं, ये तो अवेंजर्स असेंबल है.'
'ग्रीन रेंजर लेट हो गया… शायद ट्रैफिक में फंसा है!'
'अगर ये लोग टीम बना लें, तो 5 मिनट में इंडिया बदल देंगे.'
कुछ यूज़र्स ने तो यहां तक लिख दिया कि अगर इन डिलीवरी एजेंट्स को प्रॉपर आर्मर मिल जाए, तो ये किसी भी एआई रोबोट आर्मी से लड़ सकते हैं.
धूप हो या तूफान, ये हैं बिना केप के 'सुपरहीरोज़'
मज़ाक अपनी जगह, लेकिन इस तस्वीर में एक सच्ची कहानी भी छुपी है.
बारिश हो, धूप हो या तूफान - ये डिलीवरी बॉयज़ बिना रुके काम करते हैं.
कभी ₹20 की डिलीवरी के लिए 20 किलोमीटर स्कूटी चलाते हैं.
कोई खाना डिलीवर कर रहा है, कोई दवाई, कोई सब्ज़ी और कोई ज़िंदगी.
इन रेनकोट्स में छुपा है डेडिकेशन, हसल और एक ऐसा स्ट्रगल जो शायद आम लोग कभी फुली समझ नहीं पाएंगे.
ये हमारे टाइम के असली 'सुपरहीरोज़' हैं - बिना केप के.
अब देखना दिलचस्प होगा कि कौन-सा ब्रांड इस वायरल मोमेंट को कैपिटलाइज़ करता है.
सोशल मीडिया की लैंग्वेज में बोले तो - कोलैब तो बनता है बॉस!
आज की तेज़ दुनिया में जहां हर कोई अपनी स्पीड में भाग रहा है, ये तस्वीर हमें कुछ पल के लिए रुक कर मुस्कुराने का रीजन देती है.
ये साबित करती है कि इंडिया में हसल भी कलरफुल होता है - और कभी-कभी, सिग्नल पर भी लेजेंड बन जाते हैं.
तो अगली बार जब आप किसी डिलीवरी पार्टनर को बारिश में भीगते हुए देखो…
याद रखना - वो सिर्फ ऑर्डर नहीं ला रहा, वो एक इनविज़िबल केप पहन कर शहर की ज़रूरतों को पूरा कर रहा है.
और BigBasket…
अब तू एंट्री कब करेगा ग्रीन रेंजर?