हर महीने 3500 में बिकते थे हिंदुस्तान के राज! महिला 'पत्रकार' के जाल में फंसा CRPF जवान

जम्मू-कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ का एक असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर, मोती राम जात, देश की सुरक्षा से जुड़ी बेहद गोपनीय जानकारी पाकिस्तान के खुफिया एजेंटों को बेचता था. जांच एजेंसी एनआईए ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है.;

जम्मू-कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ का एक असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर, मोती राम जात, देश की सुरक्षा से जुड़ी बेहद गोपनीय जानकारी पाकिस्तान के खुफिया एजेंटों को बेचता था. जांच एजेंसी एनआईए ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है.

क्या किया इस जवान ने?

इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के एजेंटों ने खुद को टीवी चैनल के पत्रकार बताकर मोती राम से संपर्क किया. पहले एक महिला ने रिपोर्टर बनकर बात शुरू की और धीरे-धीरे मोती राम ने उसके कहने पर सेना की गोपनीय जानकारी देना शुरू कर दिया. फिर एक पाकिस्तानी एजेंट, जो खुद को पत्रकार बता रहा था, उससे भी उसने संपर्क बनाए रखा.

कितनी मिलती थी कीमत?

हर महीने उसे 3,500 रुपये मिलते थे और अगर जानकारी ज्यादा अहम होती थी, तो 12,000 रुपये तक दिए जाते थे. ये पैसे उसके और उसकी पत्नी के खाते में आते थे.

कौन-कौन सी जानकारी दी गई?

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सीआरपीएफ जवानों की तैनाती और मूवमेंट

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कैसे पकड़ा गया?

मोती राम के मोबाइल की निगरानी की जा रही थी. उसके सोशल मीडिया और फोन डेटा की जांच के बाद खुलासा हुआ कि उसने सारी बातचीत और डॉक्यूमेंट्स डिलीट तक नहीं किए थे.

क्या हुआ अब?

एनआईए ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां उसे 6 जून तक हिरासत में भेज दिया गया है. उसे नौकरी से बर्खास्त भी कर दिया गया है. सीआरपीएफ और एजेंसियों ने कहा है कि वो सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव था और संदिग्ध गतिविधियों में शामिल पाया गया.

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