कोरोना रिटर्न्स... भूलो मत 2020! एक्टिव केसों में 1200% का उछाल, क्या फिर से लौटेगा लॉकडाउन का डर?
देश में कोरोना संक्रमण फिर तेजी से फैल रहा है. 22 मई को 257 एक्टिव केस थे जो अब बढ़कर 3395 हो चुके हैं. केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. पिछले 24 घंटों में 685 नए मामले और 4 मौतें दर्ज हुईं. केंद्र सरकार ने सतर्कता बढ़ाई है और राज्यों को कोविड शिष्टाचार अपनाने के निर्देश दिए हैं.;
देश में एक बार फिर कोविड-19 संक्रमण की रफ्तार ने डर पैदा कर दिया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक देश में एक्टिव केसों की संख्या 3,395 तक पहुंच चुकी है. 22 मई को ये आंकड़ा केवल 257 था, यानी एक हफ्ते में मामलों में 1200% से अधिक की उछाल देखी गई है. विशेषज्ञ इसे एक शुरुआती चेतावनी मान रहे हैं और लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है.
राज्यवार आंकड़ों की बात करें तो सबसे अधिक सक्रिय मामले केरल से सामने आए हैं, जहां कुल 1,336 लोग संक्रमित हैं. महाराष्ट्र में 467 और दिल्ली में 375 एक्टिव केस हैं. इसके अलावा गुजरात (265), कर्नाटक (234), पश्चिम बंगाल (205), तमिलनाडु (185) और उत्तर प्रदेश (117) में भी संक्रमण का प्रसार दर्ज किया गया है. यह महामारी की संभावित दूसरी या तीसरी लहर के संकेत हो सकते हैं.
उम्रदराज और युवा दोनों शिकार
कोविड की इस लहर में जान गंवाने वालों में उम्रदराज लोग ही नहीं, बल्कि युवा भी शामिल हैं. दिल्ली में 71 वर्षीय बुजुर्ग, कर्नाटक में 63 वर्षीय मरीज, केरल में 59 वर्षीय व्यक्ति और उत्तर प्रदेश में मात्र 23 वर्षीय युवक की मौत हुई है. इससे यह स्पष्ट हो गया है कि संक्रमण किसी आयु सीमा को नहीं देखता और सभी को सतर्क रहना आवश्यक है.
केंद्र का दावा- हम तैयार हैं
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं आयुष राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा है कि केंद्र सरकार किसी भी परिस्थिति से निपटने को तैयार है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार राज्यों से संपर्क में है और सभी जरूरी संसाधन तथा निगरानी व्यवस्था सक्रिय है. उन्होंने आश्वस्त किया कि देश किसी भी संभावित संकट से निपटने की स्थिति में है.
कर्नाटक सरकार का अलर्ट
कर्नाटक सरकार ने जनता को कोरोना शिष्टाचार अपनाने की सलाह दी है. जारी सर्कुलर में कहा गया है कि नियमित रूप से हाथ धोने, खांसते-छींकते समय मास्क लगाने और भीड़ से बचने की आदत दोबारा अपनाई जाए. सरकार ने मास्क के उपयोग पर जोर दिया है, विशेषकर अस्पतालों, सार्वजनिक परिवहन और भीड़भाड़ वाली जगहों पर.
आंकड़े बढ़े तो यादें भी लौटीं
कोविड की इस नई उछाल ने 2020 और 2021 के भयावह दौर की यादें ताज़ा कर दी हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही ये लहर उतनी घातक न हो, पर इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती. जरूरत है कि लोग वैक्सीन बूस्टर डोज़ लें, मास्क पहनें और अगर हल्के भी लक्षण हों तो जांच कराएं. कोरोना को हल्के में लेना अब भी भारी पड़ सकता है.