'2014 में कांग्रेस की हार तभी निश्चित हो गई थी, जब प्रणब मुखर्जी को...' कांग्रेस नेता की किताब में बड़ा खुलासा
Mani Shankar Aiyar: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर अपनी किताब को लेकर इस समय सुर्खियों में छाए हुए हैं. उन्होंने अपनी किताब में सोनिया गांधी को लेकर बड़ा खुलासा किया है. साथ ही, अय्यर ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार की बड़ी वजह भी बताई है. इस किताब का नाम है- A Maverick in Politics.;
Mani Shankar Aiyar Book: मणिशंकर अय्यर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है. वे इस समय अपनी किताब 'A Maverick in Politics' को लेकर चर्चा में हैं. इस किताब में उन्होंने कई बड़े खुलासे किए हैं. अय्यर ने इस किताब में 2014 के लोकसभा चुनाव में मिली हार को लेकर अपनी राय रखी है. उन्होंने सोनिया गांधी को लेकर भी किताब में बड़ा खुलासा किया है.
मणिशंकर अय्यर ने किताब में लिखा है कि अगर 2012 में प्रणब मुखर्जी की जगह डॉक्टर मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति बनाया जाता तो 'पैरालिसिस ऑफ गवर्नेंस' की स्थिति नहीं बनती. मेरे हिसाब से यूपीए-2 की बागडोर मुखर्जी को सौंप देनी चाहिए थी.
'मनमोहन सिंह की हार्ट सर्जरी से सरकार के कामकाज पर पड़ा असर'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सरकार और पार्टी के बीच समन्वय नहीं था. जब 2012 में मनमोहन सिंह की हार्ट सर्जरी हुई तो उसके बाद वे कभी फिजिकली फिट नहीं हो सके. इसका असर सरकार के कामकाज में भी दिखाई दिया. इसी समय सोनिया गांधी भी बीमार थीं. हालांकि, उनके हेल्थ के बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया. सरकार ने अन्ना हजारे के इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन को भी प्रभावी ढंग से नहीं संभाला.
'प्रणब दा को प्रधानमंत्री न बनाना बड़ी गलती थी'
मणिशंकर अय्यर ने कहा कि मेरा विचार था कि 2012 में प्रधानमंत्री प्रणब मुखर्जी बनें, जबकि राष्ट्रपति की कुर्सी पर डॉक्टर मनमोहन सिंह को बिठाया जाए. इसकी वजह यह थी कि कांग्रेस को सरकार का नेतृत्व करने के लिए एक फिट और एक्टिव नेता की जरूरत थी. प्रणब दा को प्रधानमंत्री न बनाना बड़ी गलती थी.
'यूपीए-3 सरकार बनाने की सारी उम्मीदें खत्म हो गईं'
अय्यर ने कहा कि सोनिया गांधी ने कौशांबी में छुट्टियां मनाने के दौरान यह संकेत दिया था कि वह मनमोहन सिंह को प्रेसिडेंट कैंडिडेट बनाने पर विचार कर रही हैं. इससे प्रणब दा को लगा कि उन्हें पीएम बनाया जा सकता है. हालांकि, अंत में मनमोहन सिंह को ही प्रधानमंत्री बनाया गया. मेरा मानना है कि यहीं से यूपीए-3 सरकार बनाने की सारी उम्मीदें खत्म हो गईं.