अधूरी व्यवस्था, VIP मूवमेंट, बदइंतज़ामी... महाकुंभ में भगदड़ पर कांग्रेस चीफ खड़गे, अखिलेश ने भी उठाए सवाल

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में मचे भगदड़ मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आधी अधूरी व्यवस्था, VIP मूवमेंट, प्रबंधन से ज़्यादा प्रचार पर ध्यान देना और बदइंतज़ामी इसके के लिए ज़िम्मेदार है. अखिलेश यादव ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस घटना से विश्वस्तरीय व्यवस्था' की पोल खुल गई है.;

Maha Kumbh 2025
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 29 Jan 2025 10:30 AM IST

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में मचे भगदड़ में करीब 10 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन कुछ दिन पहले ही इस पर निशाना साधने वाले कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे ने फिर से इसके जरिए राजनीतिक रोटियां सेकनी शुरू कर दी है. उन्होंने घटना पर सरकार पर और कुंभ में नहाने वाले नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि आधी अधूरी व्यवस्था, वीआईपी मूवमेंट, प्रबंधन से ज़्यादा प्रचार पर ध्यान देना और बदइंतज़ामी इसके के लिए ज़िम्मेदार है. वहीं सपा चीफ अखिलेश यादव ने भी सवाल खड़े किए हैं. 

खड़गे ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'महाकुंभ के दौरान, तीर्थराज संगम के तट पर हुई भगदड़ से कई लोगों की जान गई है और अनेकों लोगों के घायल होने का समाचार बेहद हृदयविदारक है. श्रद्धालुओं के परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं और घायलों की शीघ्रातिशीघ्र स्वास्थ्य लाभ की हम कामना करते हैं.'

'वीआईपी मूवमेंट और बदइंतज़ामी ज़िम्मेदार'

उन्होंने आगे लिखा, 'आधी अधूरी व्यवस्था, वीआईपी मूवमेंट, प्रबंधन से ज़्यादा प्रचार पर ध्यान देना और बदइंतज़ामी इसके के लिए ज़िम्मेदार है. हज़ारों करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद ऐसी व्यवस्था होना निंदनीय है. अभी कई महत्वपूर्ण शाही स्नान बचे हैं, तो केंद्र और राज्य सरकारों को अब चेत जाना चाहिए और व्यवस्था को सुधारना चाहिए ताकि आगे ऐसी अप्रिय घटनाएं न हों.'

खड़ने ने आगे कहा, 'श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा व मूवमेंट आदि की व्यवस्था में विस्तार करना चाहिए और वीआईपी मूवमेंट पर लगाम लगानी चाहिए. यही हमारे साधु संत भी चाहते हैं. कांग्रेस के हमारे कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि पीड़ितों को हर संभव मदद करें.'

'विश्वस्तरीय व्यवस्था' की खुली पोल'

'विश्वस्तरीय व्यवस्था' करने के प्रचार करते हुए दावों की सच्चाई अब जब सबके सामने आ गयी है तो जो लोग इसका दावा और गलत प्रचार कर रहे थे. उन्हें इस हादसे में हत हुए लोगों की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए अपना पद त्याग देना चाहिए.

महाकुंभ में आए संत समाज और श्रद्धालुओं में व्यवस्था के प्रति पुनर्विश्वास जगाने के लिए ये आवश्यक है कि उप्र शासन-प्रशासन के स्थान पर महाकुंभ का प्रशासन और प्रबंधन तत्काल सेना को सौंप देना चाहिए.

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