रास्ते नहीं हैं आसान, CM उमर अब्दुल्ला के आगे होंगे जम्मू-कश्मीर में ये 5 बड़े चैलेंज

CM Omar Abdullah: उमर अब्दुल्ला ने आज श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (SKICC) में पद और गोपनीयता की शपथ ली. दिलचस्प बात यह रही कि घाटी में गठबंधन की उसकी साथी कांग्रेस का कोई भी मंत्री इसमें शामिल नहीं है. उमर अब्दुल्ला के लिए ये शासन काल आसान नहीं होने वाला है. उनके आगे कई बड़ी चुनौतियां होंगी.  ;

CM Omar Abdullah
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 16 Oct 2024 3:15 PM IST

CM Omar Abdullah: जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस की जीत से एक बार फिर अब्दुल्ला सरकार का राज होने वाला है. उमर अब्दुल्ला भले ही दूसरी बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं, लेकिन इस बार जम्मू-कश्मीर का माहौल और हवा दोनों बदल चुका है. जब  उमर अब्दुल्ला ने शासन किया था, तब आर्टिकल 360 और जम्मू-कश्मीर एक पूर्ण राज्य था. ऐसे में अब उमर अब्दुल्ला के पास कई बड़े चैलेंज होने वाले हैं.

आइए उनके आगे आने वाले चुनौतियों को इन 5 प्वाइंट्स में समझते हैं.

  1. जम्मू-कश्मीर अब एक केंद्र शासित राज्य है, जहां उपराज्यपाल के पास काफी ताकत होती है. ऐसे में सीएम के तौर पर उमर अब्दुल्ला को उपराज्यपाल के तहत ही काम करना होगा. उन्हें अपने काम के लिए कई मौके पर उप राज्यपाल पर निर्भर रहना होगा. ऐसे में दोनों के बीच काम को लेकर उठा-पटक देखने को मिल सकती है.
  2. केंद्र शासित राज्य होने के बाद उमर अब्दुल्ला के पास अब राज्य का गृह विभाग नहीं होगा. गृह विभाग ही राज्य की पुलिस को नियंत्रित करता है. इस स्थिति से निपटना भी उमर अब्दुल्ला की बड़ी चुनौतियों में एक होगा. इसका संचालन सीधे तौर पर केंद्रीय गृह मंत्रालय करता है.  
  3. उमर अब्दुल्ला के लिए मुस्लिम-बहुल कश्मीर घाटी और हिंदू-प्रधान जम्मू के बीच संतुलन बनाए रखना एक महत्वपूर्ण चुनौती होगी. उनकी पार्टी को कश्मीर से अधिक सीटों पर जीत मिली है. ऐसे में अब्दुल्ला को अपनी नई सरकार में जम्मू और हिंदू समुदाय से पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना होगा.
  4. उमर अब्दुल्ला के लिए मंत्रिमंडल में संतुलन बनाना भी एक बड़ा चैलेंज होगा. नेकां कुछ अन्य विधायक पहले दूसरी और तीसरी बार चुने गए हैं या फिर उन क्षेत्रों से आए हैं, जहां नेशनल कॉन्फ्रेंस 1996 के बाद पहली बार जीती है. ऐसे में उमर अब्दुल्ला के लिए मंत्रिमंडल को तय करना कोई आसान काम नहीं होगा.
  5. केंद्र सरकार के साथ तालमेल मिलाकर काम करना उमर अब्दुल्ला के लिए एक बड़ा चैलेंज है. उन्होंने मोदी सरकार के साथ काम करने की एनसी की इच्छा का संकेत भी दिया है. अब्दुल्ला ने नई जम्मू-कश्मीर सरकार के लिए भारत सरकार के साथ स्वस्थ संबंध को लेकर कहा कि एनसी इस संबंध के साथ राजनीति नहीं करेगी और घाटी के लोगों के बारे में सोचते हुए फैसला लेगी. 

Similar News