मणिपुर में फिर बवाल! कुकी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच जबरदस्त झड़प, छोड़े गए आंसू गैस के गोले, कई घायल

Manipur Violence: केंद्र सरकार ने हाल में ही मणिपुर को लेकर घोषणा की थी कि राष्ट्रपति शासन के अधीन आए राज्य में आज से कहीं भी सड़क अवरोध नहीं होगा. इस बीच कुकी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच जबरदस्त झड़प की खबर सामने आ रही है.;

Manipur Violence
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 8 March 2025 2:03 PM IST

Manipur Violence: मणिपुर में शांति की उम्मीद पर पानी फिरता दिख रहा है. राज्य में एक बार फिर से तनाव देखने को मिल रहा है. कुकी जनजातियों के विरोध प्रदर्शन के बीच आज सुरक्षा बलों की निगरानी में नागरिक बसों ने जिलों में यात्राएं फिर से शुरू कर दीं. हालांकि, कुकी जनजातियां तब तक स्वतंत्र आवागमन नहीं चाहतीं, जब तक कि राज्य से अलग प्रशासन बनाने की उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती.

अब इसे लेकर वह बवाल काट रहे हैं. मणिपुर के कई कुकी बहुल इलाकों से झड़पों की खबरें आई हैं, जहां प्रदर्शनकारियों को वाहनों पर पत्थर फेंके, सड़कें खोदते, टायर जलाते और बैरिकेड लगाते हुए देखे गए. 

'आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज'

अधिकारियों ने बताया सेनापति जिले जा रही बस पर यह हमला उस समय हुआ जब कागपोकपी जिले के गमगीफई इलाके में भीड़ ने यात्री वाहन पर पथराव किया. सुरक्षा बलों ने भीड़ पर आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया, जिससे कुछ प्रदर्शनकारी घायल हो गए.

उन्होंने बताया कि पहाड़ी जिलों चुराचांदपुर और सेनापति के लिए बसों को बिना किसी यात्री के सुबह करीब 10 बजे इम्फाल हवाई अड्डे से रवाना किया गया और सेना के जवानों सहित केंद्रीय बलों का एक बड़ा काफिला वाहनों की सुरक्षा कर रहा था.

मैतेई समुदाय ने कहा- हो उचित कार्रवाई

मैतेई समुदाय के बयानों के अनुसार, सशस्त्र समूह वाले ग्रामीण स्वयंसेवक या उग्रवादी उन नागरिकों को धमका रहे हैं जो राष्ट्रीय राजमार्गों की नाकाबंदी का विरोध कर रहे हैं. मैतेई समूहों ने भारी हथियारों से लैस चिन-कुकी स्वयंसेवकों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है जो निवासियों को डरा रहे हैं और आवश्यक परिवहन मार्गों को बाधित कर रहे हैं.

मणिपुर मई 2023 से जातीय हिंसा की वजह से अशांति झेल रहा है. फिलहाल वहां राष्ट्रपति शासन है. हिंसा में 250 से अधिक लोगों की जान चली गयी है.

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