हैदराबाद वालों को कैब में नहीं मिलेगा AC! ड्राइवरों ने किस मजबूरी में उठाया ये कदम?

Cab Driver No AC Campaign In Hyderabad: हैदराबाद में अलग-अलग कंपनियों के कैब ड्राइवर 'नो एसी अभियान' करने वाले हैं. उनका कहा है कि मालिक किराए की उचित कीमत नहीं देती है. कार की मरम्मत और रख रखाव के साथ एसी का खर्च निकालना उनके लिए मुश्किल हो जाता है. इससे उनकी कमाई भी कम हो जाती है.;

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Hyderabad News: तेलंगाना के हैदराबाद में कैब ड्राइवर सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं. वह कंपनी और सरकार से मदद मांग रहे हैं. ओला, उबर, रैपिडो और अन्य कैब एग्रीगेटर्स ने राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक जाने वाली सेवाओं के बहिष्कार कर दिया है. साथ ही सोमवार 24 मार्च को 'नो एसी अभियान' शुरू करने का एलान किया है.

हैदराबाद में इन ड्राइवरों का कहना है कि कंपनियां उन्हें किराए का सही भुगतान नहीं कर रही है. जिसमें गाड़ी के मेंटेनेंस और सीएनजी गैस का खर्चा समेत अन्य शामिल हैं.

क्यों कर रहे विरोध?

हैदराबाद में अलग-अलग कंपनियों के कैब ड्राइवर 'नो एसी अभियान' करने वाले हैं. उनका कहा है कि मालिक किराए की उचित कीमत नहीं देती है. कार की मरम्मत और रख रखाव के साथ एसी का खर्च निकालना उनके लिए मुश्किल हो जाता है. इससे उनकी कमाई भी कम हो जाती है.

ड्राइवरों ने कहा, वह गाड़ी में एसी नहीं चलाएंगे. कैब ड्राइवर संगठन और टैक्सी यूनियन ने भी इसका समर्थन करते हुए यात्रियों से सहयोग करने की अपील की है. हैदराबाद में बहुत गर्मी पड़ रही है और आने वाले दिनों में और गर्मी बढ़ने वाली है. बिना कैब के सफर करना लोगों के लिए बहुत मुश्किल है.

यूनियन ने किया पोस्ट

तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (टीजीपीडब्ल्यूयू) ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, हैदराबाद में कैब चालक 24 मार्च से 'नो एसी अभियान' शुरू करेंगे. यूनियन चाहती है कि कैब-एग्रीगेटर्स सरकार द्वारा अनिवार्य प्रीपेड टैक्सी किराए के समान एक समान किराया संरचना लागू करें. जिसमें ईंधन लागत, रखरखाव और चालक की सेवाओं के लिए उचित मुआवजा शामिल हो. इससे पहले यूनियन ने अप्रैल 2024 में भी 'नो एसी अभियान' आयोजित किया था. जिसको लेकर कहा था कि ड्राइवरों को प्रति किमी 10-12 रुपये की कमाई होगी , जबकि एयर कंडीशनर के साथ कैब चलाने की लागत 16-18 रुपये प्रति किमी थी.

अध्यक्ष का बयान

टीजीपीडब्ल्यूयू के अध्यक्ष शेख सलाहुद्दीन ने कहा कि यूनियन कैब एग्रीगेटर्स द्वारा दी जा रही अनुचित कीमतों के खिलाफ विभिन्न तरीकों से प्रदर्शन करेगी, जिसमें 'नो एसी अभियान' भी शामिल है. उन्होंने कहा कि एग्रीगेटर्स और प्रीपेड टैक्सियों द्वारा लिए जाने वाले किराए में करीब 300-400 रुपये का अंतर होता है. कैब ड्राइवरों को अक्सर वापसी यात्रा के लिए एयरपोर्ट पर तीन से चार घंटे इंतजार करना पड़ता है और जिस ऐप के साथ वे काम कर रहे हैं, उसे किराए से 30 प्रतिशत कमीशन देना पड़ता है, इसलिए अक्सर उनकी कमाई कम रह जाती है. जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, ग्राहकों को टैक्सी चालकों द्वारा एयर कंडीशनर चालू करने से मना करने की समस्या से जूझना पड़ेगा, क्योंकि इससे ईंधन की खपत बढ़ जाती है, तथा चालकों को नुकसान उठाना पड़ता है।

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