मुंबई-अहमदाबाद ही नहीं, सात और रूटों पर चलेगी बुलेट ट्रेन, रेलवे की बड़ी तैयारी जान आप भी कहेंगे - Wow
भारतीय रेलवे (Indian Railways) देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव लाने के लिए 16.7 लाख करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश करने जा रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार, यह निवेश रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण, फ्रेट कॉरिडोर (Freight Corridors), हाई-स्पीड रेल (HSR) और ट्रैकों के विद्युतीकरण (Electrification) जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर केंद्रित होगा. इस योजना का मुख्य उद्देश्य रेलवे की गति और दक्षता (Efficiency) को बढ़ाना है, जिससे यात्री और माल ढुलाई दोनों क्षेत्रों में सुधार हो सके.
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रेलवे 1,309 स्टेशनों का पुनर्विकास (Redevelopment) और समर्पित मालवाहक कॉरिडोर (Dedicated Freight Corridors - DFCs) का विस्तार करने जा रहा है. इसके तहत पूर्वी (Eastern) और पश्चिमी (Western) DFCs पहले ही पूरे हो चुके हैं, जबकि तीन नए कॉरिडोर पाइपलाइन में हैं. इससे माल ढुलाई पहले से अधिक कुशल और किफायती होगी.
इस परियोजना में निजी कंपनियों की भागीदारी भी बढ़ रही है, जहां Larsen & Toubro (L&T) जैसी बड़ी कंपनियों को इन कार्यों के लिए ठेके दिए गए हैं. यह निवेश रेलवे की गति और दक्षता को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है, जिससे लॉजिस्टिक्स (Logistics) में सुधार होगा और परिवहन लागत (Transportation Cost) में कमी आएगी.
हाई-स्पीड रेल (HSR) परियोजनाओं पर भी जोर
भारतीय रेलवे अब हाई-स्पीड रेल (HSR) कॉरिडोर के विस्तार पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है. मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पहले से ही निर्माणाधीन है, जबकि सात और हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की योजना बनाई जा रही है. हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, इन नई HSR परियोजनाओं को पूरा करने में अभी कुछ समय लग सकता है.
रेलवे के बजट में लगातार बढ़ोतरी
भारतीय रेलवे के लिए बजट आवंटन भी हर साल तेजी से बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2021 (FY21) में रेलवे के लिए 1.55 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था, जो वित्त वर्ष 2025 (FY25) में बढ़कर 2.65 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. यह 14% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) को दर्शाता है. इससे स्पष्ट है कि सरकार रेलवे के आधुनिकीकरण को उच्च प्राथमिकता दे रही है.
स्टेशन पुनर्विकास के लिए EPC मॉडल अपनाया जाएगा
सरकार ने रेलवे स्टेशनों के अपग्रेडेशन के लिए इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) मॉडल को अपनाने का फैसला किया है. फरवरी 2024 तक, 508 स्टेशनों पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका था, जबकि 553 और स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी गई थी. इस परियोजना के लिए सरकार ने 19,000 करोड़ रुपये (190 बिलियन रुपये) का निवेश निर्धारित किया है.
आने वाले वर्षों में रेलवे में होगा ऐतिहासिक बदलाव
रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए बड़े कॉन्ट्रैक्ट पिछले 2-3 वर्षों में ही दिए जा चुके हैं, इसलिए आगे इस क्षेत्र में सीमित अवसर हो सकते हैं. हालांकि, इस भारी निवेश योजना से भारतीय रेलवे को आधुनिक बनाने में मदद मिलेगी, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और माल ढुलाई की क्षमता में भी सुधार होगा. आने वाले वर्षों में भारतीय रेलवे पूरी तरह से बदला हुआ नजर आ सकता है.