कस्टम अधिकारियों ने जब्त की न्यूड पेंटिंग, बॉम्बे HC ने लगाई फटकार; मशहूर पेंटर्स सूजा-पद्मसी ने की थी तैयार

बॉम्बे हाई कोर्ट ने कस्टम विभाग द्वारा मशहूर पेंटर्स की पेंटिंग को भारत लाने पर लगाई गई रोक को लेकर फैसला सुनाया है. इस सुनवाई को दौरान अदालत ने खुजराहो मंदिर का भी जिक्र किया. वहीं इसके साथ ही कोर्ट ने पेटिंग को नष्ट करने पर भी रोक लगाई है.;

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Edited By :  सार्थक अरोड़ा
Updated On : 25 Oct 2024 12:10 PM IST

महाराष्ट्रः बॉम्बे हाई कोर्ट ने मशहूर पेंटर एन एफ एन सूजा और अकबर पद्मसी ने जिस पेंटिंग को बनाया था. उसे जब्त करने के मामले में कस्टम अधिकारियों से सवाल किए हैं. कस्मट विभाग ने इन पेंटिंग्स को अश्लील सामग्री करार करते हुए पिछले साल जब्त किया था. जसपर बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्पष्ट फैसला सुना दिया है.

वहीं इस सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश के खजुराहो स्थित मंदिर का भी जिक्र किया. अदालत ने अधिकारियों को इन कलाकृतियों को नष्ट करने से भी रोक दिया है.

इस कंपनी ने दायर की थी याचिका

हाई कोर्ट में हुई सुनवाई बीके पॉलिमेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक मुस्तफा कराचीवाला ने दायर करवाई थी. इसी याचिका पर आज सुनवाई हुई. साल 2022 में पद्मासी और सूजा की दोनों कलाकारों की 7 पेंटिंग को इस कंपनी ने रोसबैरी स्कॉटलैंड के टर्नबुल से नीलामी के दौरान खरीदी थी. जिसकी कीमत Rs 8,33,365 थी.  इसके बाद साल 2023 में इसे जब भारत लाया जा रहा था. उस दौरान कस्टम विभाग ने इसे जब्त कर लिया. पेंटिंग जब्त होने के बाद इस कंपनी ने इन्हें छोड़ने के लिए लेटर भी लिखा था.

वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि असिस्टेंट कमिशनर ऑफ कस्टम के अधिकारी ने मनमाने तरीके से इन पेंटिंग को जब्त कर लिया था. साथ ही उनकी कंपनी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.

खुजराहो मंदिर के बारे में क्या कहेंगे आप?

सुनवाई के दौरान जस्टिस सोनक ने सवाल करते हुए कहा कि यदि कस्टम अधिकारियों की ऐसी धारणा को लागू कर दिया जाए तो इस आधार पर आप खजुराहो के मंदिरों के बारे में क्या कहेंगे? उन्होंने कहा कि सूजा और पद्मसी मशहूर कलाकार हैं. वहीं कोर्ट में पहुंचे याचिकाकर्ता के वकील ने ये दलील देते हए कहा कि कस्टम अधिकारियों ने इस मामले पर एक्सपर्ट्स के भी विचार को स्वीकार नहीं किया था.

पेटिंग को क्यों रोका गया?

कोर्ट में दोनों पक्षों की ओर से दलीले जारी हैं. कस्टम विभाग की ओर से पेश हुए अधिवक्ता जितेंद्र मिश्रा ने कहा कि पेंटिंग्स अश्लील सामग्री के तहत आती है. कोर्ट में उन्होंने कस्टम एक्ट 1964 का जिक्र करते हुए कहा कि इस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी. इसके पीछे का मकसद सिर्फ और सिर्फ सभ्यता बनाए रखने था. जिसके कारण इसे भारत में इंपोर्ट करने से रोका गया.

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