तेल से न्यूक्लियर तक, 19 डील और भारत-रूस रिश्तों में बड़ा धमाका! पुतिन के पावर-पैक दौरे से हिंदुस्तान को होगा कितना फायदा?
भारत-रूस के बीच पुतिन के दो दिवसीय दौरे में 19 अहम समझौते हुए, जिनसे ऊर्जा, रक्षा, अंतरिक्ष और व्यापार संबंध और मजबूत होंगे. रूस कच्चा तेल, गैस और न्यूक्लियर सेक्टर में सप्लाई जारी रखेगा और छोटे न्यूक्लियर रिएक्टरों में भारत की मदद करेगा, जिससे 2047 तक 100 गीगावाट न्यूक्लियर बिजली के लक्ष्य को बढ़ावा मिलेगा. दोनों देशों ने व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने और 10 लाख भारतीय कामगारों को रूस में रोजगार देने की योजना बनाई. रक्षा उत्पादन, स्पेस सहयोग और नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर पर भी बड़ा कदम आगे बढ़ा.;
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात के दौरान भारत-रूस मैत्री को नई मजबूती दी. दो दिवसीय राजकीय दौरे पर भारत आए पुतिन का राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत हुआ, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके सम्मान में भोज का आयोजन किया. इस मुलाकात के दौरान मोदी ने पुतिन को भारत की सांस्कृतिक धरोहर और कारीगरी का प्रतीक कई अनमोल उपहार भेंट किए.
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असम की ब्लैक टी से लेकर कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवद्गीता के रूसी अनुवाद तक- हर तोहफा भारत-रूस की ऐतिहासिक दोस्ती और सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक बनकर सामने आया. दोनों देशों के बीच रणनीतिक, आर्थिक, रक्षा और पर्यटन सहयोग को गहराई देने पर भी व्यापक बातचीत हुई.
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मोदी ने पुतिन को भेंट किए भारत की पहचान वाले खास तोहफे
प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति को भारत की कला और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने वाले कई कीमती उपहार दिए-
- असम ब्लैक टी: ब्रह्मपुत्र घाटी की उपज, 2007 में GI टैग प्राप्त.
- मुर्शिदाबाद सिल्वर टी सेट- बारीक नक़्क़ाशी वाला पारंपरिक बंगाली शिल्प.
- हस्तनिर्मित सिल्वर हॉर्स (महाराष्ट्र)- साहस, वैभव और साझेदारी का प्रतीक.
- अगरा का मार्बल चेस सेट- उत्कृष्ट इनले वर्क, ODOP पहल का हिस्सा.
- कश्मीरी केसर (ज़ाफ़रान)- दुनिया की सबसे बेहतरीन ग्रेड, स्वास्थ्य व आर्थिक महत्व का द्योतक.
- श्रीमद्भगवद्गीता का रूसी अनुवाद- 'आध्यात्मिकता और कर्तव्य की कालजयी शिक्षा.'
- भारतीयों की रिहाई पर गंभीर चर्चा, केंद्र ने दी संवेदनशील जानकारी
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि रूसी सेना में भर्ती भारतीयों का मुद्दा पीएम मोदी ने पुतिन के सामने मजबूती से उठाया. उन्होंने कहा कि रूसी सेना में फंसे भारतीय नागरिकों की जल्द रिहाई के लिए हमारे निरंतर और समन्वित प्रयास लगातार जारी हैं.' विदेश सचिव ने चेतावनी दी 'हमारे नागरिकों को रूसी सेना में शामिल होने के किसी भी प्रस्ताव से बहुत सावधानीपूर्वक बचना चाहिए.'
स्थिति-
127 भारतीय रूसी सेना में शामिल हुए
98 की वापसी हो चुकी
12 अभी लापता
MEA के अनुसार 44 भारतीय अब भी सक्रिय सेवा में
कई भारतीयों ने आरोप लगाया कि उन्हें “सहायक कार्य” बताकर बुलाया गया, लेकिन पहुंचते ही सैन्य सेवा में भेज दिया गया. भारत-रूस पर्यटन को बढ़ावा—रूसी नागरिकों के लिए 30 दिन का फ्री e-Visa, भारत ने पहली बार रूस के लिए 30-दिन ई-टूरिस्ट वीज़ा पूरी तरह निशुल्क कर दिया है. इसके साथ ग्रुप टूरिस्ट वीज़ा भी फ्री में जारी होंगे.
यह कदम पर्यटन, व्यापार और “पीपल-टू-पीपल कनेक्ट” को बढ़ाएगा. पीएम मोदी ने कहा कि, 'भारत दुनिया की स्किल्ड कैपिटल के रूप में उभर रहा है.'इंडिया-रूस बिज़नेस फ़ोरम में पीएम मोदी ने कहा- 'भारत दुनिया की स्किल्ड कैपिटल बनकर उभर रहा है… आइए, मेक इन इंडिया करें, भारत के साथ साझेदारी करें'
मुख्य बिंदू
रूस की आर्थिक जरूरतों के लिए भारतीय स्किल्ड वर्कफोर्स तैयार
दवाओं, वैक्सीन, कैंसर थैरेपी, API चेन पर साथ काम करने का प्रस्ताव
टेक्सटाइल, सिरेमिक, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्टिलाइज़र और EV सेक्टर में व्यापक अवसर
रक्षा, स्पेस और सिविल-न्यूक्लियर सेक्टर में निजी कंपनियों के लिए नए दरवाजे
मोदी ने कहा कि 'भारत रूस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए पूरी तरह तैयार है… आइए, पूरी दुनिया के लिए मिलकर निर्माण करें, कनेक्टिविटी पर जोर—INSTC और चेन्नई-व्लादिवोस्तोक कॉरिडोर पर तेजी. PM मोदी ने बताया कि दोनों देश- INSTC (International North-South Transport Corridor)
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारतीय नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा- 'प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत एक स्वतंत्र और संप्रभु नीति अपना रहा है और उत्कृष्ट परिणाम हासिल कर रहा है.” उन्होंने यह भी कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में एक है. Make in India ने भारत को “technologically sovereign” बनाया. तीन वर्षों में भारत-रूस व्यापार 80% बढ़ा.पुतिन ने कहा कि 'रूसी व्यवसाय भारत से खरीद बढ़ाने के लिए तैयार हैं… रूस सभी पहलों को समर्थन देगा.'
पुतिन का भारत दौरा न केवल राजनीति और सुरक्षा सहयोग बल्कि सांस्कृतिक, आर्थिक और मानवीय मुद्दों पर भी बड़ी प्रगति का प्रतीक रहा. मोदी द्वारा भेंट किए गए पारंपरिक उपहारों से लेकर व्यापार, वीज़ा और भारतीयों की सुरक्षित वापसी तक-दोनों देशों के संबंध एक नए चरण में प्रवेश कर चुके हैं.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का दो दिवसीय भारत दौरा कई अहम समझौतों के साथ संपन्न हुआ और मॉस्को लौटते ही दोनों देशों के रिश्तों में एक नई रफ्तार जुड़ गई. इस यात्रा के दौरान कुल 19 बड़े समझौते हुए, जिनका सीधा असर आने वाले वर्षों में ऊर्जा, रक्षा, अंतरिक्ष और व्यापार पर देखने को मिलेगा. सबसे बड़ा फैसला ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ा है. रूस ने साफ कहा है कि वह भारत को कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनिंग पेट्रोकेमिकल और न्यूक्लियर सेक्टर में सप्लाई जारी रखेगा.
पश्चिमी दबावों के बावजूद यह साझेदारी पहले से और मजबूत होने जा रही है. खासकर छोटे न्यूक्लियर रिएक्टरों की तकनीक में रूस का सहयोग भारत को 2047 तक 100 गीगावाट न्यूक्लियर बिजली बनाने के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ा सकता है. व्यापार को लेकर भी बड़ा ऐलान हुआ कि दोनों देश सालाना व्यापार को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर तक ले जाएंगे. फिलहाल भारत रूस से खरीद तो काफी करता है, लेकिन उसे सामान कम बेच पाता है, इसलिए अब यह घाटा कम करने पर फोकस होगा.
रूस ने यह भी घोषणा की है कि वह भारतीय कामगारों के लिए बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर खोलेगा और 10 लाख तक भारतीयों को नौकरी देने के लिए तैयार है. रक्षा क्षेत्र में "मेक इन इंडिया" के तहत हथियारों का सह-विकास और उत्पादन भी तेज होगा. स्पेस, आतंकवाद-रोध और रुपये-रूबल व्यापार के विस्तार के साथ-साथ इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर पर भी सहमति बनी है, जिससे भारत–रूस व्यापार का समय 35 दिनों से घटकर 20 दिनों तक रह जाएगा.