'विदेशी चश्मा होगा तो भारतीयता नहीं दिखेगी', राज्यसभा में विपक्ष पर जमकर बरसे शाह; पढ़ें 10 बड़ी बातें
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में संविधान पर चर्चा करते हुए सदन को संबोधित किया. इस दौरान विपक्ष पर निशाना साधने से लेकर संविधान में संशोधन पर सदन में चर्चा की. शाह ने कहा कि मैं सरदार पटेल का धन्यवाद करना चाहता हूं.;
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में संविधान पर चर्चा करते हुए सदन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने सरदार पटेल का धन्यवाद किया. शाह ने कहा कि आज संविधान को 75 साल का समय पूरा हो चुका है. मैं सरदार पटेल का धन्यवाद करना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि उनके अथक परिश्रम के कारण ही आज देश मजबूती के साथ खड़ा है.
शाह ने इस दौरान इशारों ही इशारों में विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जो लोग ये समझते और कहते भी हैं कि आर्थिक रूप से हम कभी मजबूत नहीं हो पाएंगे. देश की जनता और हमारे संविधान ने उन्हें बेहद ही खूबसूरती से उत्तर दिया है. इसलिए दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर हम सम्मान के साथ खड़े हैं.
1. पूरी दुनिया रोशनी के साथ भारत की ओर देखेगी
अमित शाह ने कहा कि आज हम लोग एक ऐसे मुकाम पर खड़े हैं, जब स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरविंद की भविष्यवाणी सच होती दिखाई देती है. उन्होंने कहा कि जब भारत माता अपनी देदीप्यमान ओजस्वी स्वरूप में खड़ी होंगी, वो समय दुनिया की आंखें चकाचौंध की रोशनी से भारत की ओर देखेगी.
2. चश्मा विदेशी होगा तो भारतीयता नहीं दिखाई देगी
शाह अपने संबोधन में बोले कि हमने सभी से अच्छी चीजें ली है,लेकिन इसके साथ-साथ अपनी परंपराओं को भी बरकरार रखा है, हमने उन्हें छोड़ा नहीं. ये कोई न समझे कि हमारा संविधान दुनिया के संविधान की नकल है. उन्होंने कहा कि ये जरूरी स्वीकार किया जा सकता है कि हमने हर संविधान का अभ्यास किया है. क्योंकि हमारे यहां ऋग्वेद में कहा गया है, हर कोने से हमें अच्छाई प्राप्त हो, सुविचार प्राप्त हो, और सुविचार को स्वीकारने के लिए मेरा मन खुला हो. पढ़ने का चश्मा अगर विदेशी है, तो संविधान में भारतीयता कभी दिखाई नहीं देगी.
3. संविधान बुरा बन सकता है
शाह बोले संविधान की रचना करने के बाद डॉ अंबेडकर ने कहा था कि कोई संविधान चाहे कितना अच्छा हो जाए.लेकिन वो बुरा बन सकता है. शाह ने ऐसा कहने के पीछे समझाया कि ऐसा तभी हो सकता है जिनपर इसे चलाने की जिम्मेदारी है वो अच्छे न हो. इसी तरह से अगर संविधान बुरा भी है तो वो अच्छा साबित हो सकता है. अगर चलाने वाले की भूमिका और सोच सकात्मक हो.
4. बदले जाए देश, कानून और समाज
शाह ने कहा कि संविधान में ऐसा परिवर्तन न हो ऐसा कभी नहीं कहा गया. समय के साथ बदलाव होना बहुत जरूरी है. फिर देश हो, कानून हो या फिर समाज. समय के साथ बदले जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि क्योंकी परिवर्तन ही जीवन का मंत्र है और यही मंत्र सच भी है. सभी ने इस मंत्र को स्वीकारा है. इसलिए आर्टिकल 368 में संविधान संशोधन के लिए प्रोविजन किया गया था.
5. संविधान बदलने पर क्या बोले शाह
हर बार विपक्ष सत्ता पक्ष पर संविधान बदलने का आरोप लगाती आई है. वहीं इस बीच राज्यसभा को संबोधित करने के दौरान शाह ने कहा कि कुछ नेताओं अभी उम्र 54 साल की हुई है. ऐसे नेता खुद को युवा कहते हैं इतना ही नहीं ये दावा करते हैं कि संविधान बदल देंगे. लेकिन मैं उनसे एक बात कहना चाहता हूं कि संविधान के प्रावधानों को बदलने का प्रोविजन आर्टिकल 368 के अंदर संविधान में ही है.
6. अनेक तानाशाहों के अहंकार को किया चूर-चूर
अमित शाह ने बताया कि हमारे आसपास कई ऐसे देश स्वतंत्र हुए जिन्होंने नई शुरूआत की लेकिन लोकतंत्र सफल नहीं हुआ. ऐसे ही भारत को लेकर भी कुछ लोगों का मानना है कि इस देश में लोकतंत्र सफल नहीं होगा. पर आप देखिए आज 75 साल हो गए हमारा लोकतंत्र आज पाताल तक गहरा पहुंचा है, और अनेक तानाशाहों के अहंका को चूर-चूर करने का काम लोकतांत्रिक तरीके से इस देश की जनता ने किया है.
7. हारते हैं तो EVM में निकालते हैं दोष
अकसर चुनाव में हार के बाद विपक्ष हार विपक्ष का ठीकर ईवीएम पर फोड़ते है. इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ये लोग हारने के बाद ईवीएम लेकर घूमते हैं, और कहते हैं कि ईवीएम ने हरा दिया. इन्होंने 24 बार सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी, लेकिन अदालत ने भी इनकी उस अर्जी को नकार दिया. चुनाव आयोग ने तीन दिन ईवीएम 10 से 5 बजे तक रखा, कोई हैक करके बताए. कोई नहीं गया. हारते हैं तो EVM में दोष निकालते हैं
8. संविधान विश्वास और श्रद्धा है
इस बार के चुनाव में विपक्ष ने संविधान लेकर सत्ता पक्ष पर निशाना साधा था. इस पर अमित शाह ने राज्यसभा में विपक्ष पर बड़ा हमला बोला और कहा कि इस बार के चुनाव में अजीबो गरीब नजारे हुए. इतने साल के चुनावों में जो कभी नहीं हुआ वो इस बार हुआ. जनसभाओं में कुछ लोग संविधान लहराते नजर आए. लेकिन संविधान लहराकर लोगों को बहकाने के लिए नहीं है. संविधान विश्वास और श्रद्धा है.
9. कांग्रेस वोटबैंक की राजनीति करती है
उन्होंने कहा कि हम लोग वोटबैंक की राजनीति नहीं करते, लेकिन कांग्रेस ऐसा करती है. इसी तरह से इन्होंने मुस्लिम बहनों के साथ कई दिनों तक अन्याय करने का काम किया. हमारी पार्टी ने ट्रिपल तलाक खत्म किया और मुस्लिम माताओं और बहनों को उनका अधिकार दिया है.
10. अंबेडकर जी को देना पड़ा था इस्तीफा
शाह ने सवाल करते हुए कहा कि अंबेडकर जी को इस्तीफा क्यों देना पड़ा था? उन्होंने कई बार कहा था कि वह अनुसूचित जाति और जनजातियों के साथ हुए व्यवहार से खुश नहीं हैं. सरकार की विदेश नीति और Article 370 से असहमत हूं. उन्हें आश्वासन दे कर पूरा नहीं किया गया. उन्हें इस्तीफा देना पड़ाः