अमेरिकी कंपनी ने फिर दिया धोखा, तेजस MK 1A की डिलिवरी डेट फिर बढ़ी आगे, कब मिलेगा पहला फाइटर जेट?
तेजस Mk1A लड़ाकू विमान की डिलीवरी डेट अमेरिकी कंपनी GE Aerospace की वजह से आगे के लिए टल गई. F-404 इंजन सप्लाई में बाधाओं और सप्लाई-चेन समस्याओं के चलते पहला विमान अब भारतीय वायु सेना को 2026 तक मिलने की संभावना है. अमेरिकी कंपनी की वजह से एमके1ए की डिलिवरी में बहुत विलंब हो रहा है. जानिए देरी का कारण और नया शेड्यूल.;
भारतीय वायु सेना के सबसे अपेक्षित प्रोजेक्टों में से एक तेजस Mk1A की डिलीवरी फिर से टल गई है, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी कंपनी GE Aerospace द्वारा F-404 इंजन की आपूर्ति में देरी बताया जा रहा है. इस देरी ने HAL की उत्पादन योजना को बाधित किया है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक पहला विमान अब 2026 तक मिलने की संभावना है, जिससे भारतीय वायु सेना की क्षमता और सभी योजनाओं की समय-सीमा प्रभावित हो सकती हैं.
देरी का कारण इंजन सप्लाई ना होना है
तेजस Mk1A प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा अवरोध F-404-IN20 इंजन की डिलीवरी में देरी है. अमेरिकी कंपनी GE Aerospace को HAL के लिए इन इंजनों की सप्लाई करनी थी, लेकिन सप्लाई-चेन समस्याओं, उत्पादन में रुकावट और वैश्विक घटक वितरण संकट की वजह से इन इंजनों की संख्या अपेक्षित समय पर नहीं मिल पाई. जबकि HAL के पास तैयार एयरफ्रेम हैं, लेकिन इंजनों की कमी ने अखिरकार डिलीवरी शेड्यूल पर नहीं हो पाया है.
इंजन की डिलिवरी में देरी, धोखा क्यों?
डिफेंस मामलों से जुड़े कुछ आलोचकों का कहना है कि GE ने समय पर और अनुबंध के अनुरूप इंजन सप्लाई न करके देरी की वजह से भारत को ‘धोखा’ दिया है. हालांकि, आधिकारिक रूप से यह कोई जान बूझकर रणनीति नहीं बताया गया है. परन्तु लगातार देरी ने भारतीय रक्षा अनुसूची पर विपरीत प्रभाव डाला है, जिससे सरकार जुर्माने और कड़े फैसलों लेने पर विचार कर रही है.
आखिर डिलीवरी कब?
Mk1A ने अपनी पहली टेस्ट उड़ान 17 अक्टूबर 2025 को सफलतापूर्वक भरी थी. परन्तु पहली डिलीवरी अब तक नहीं हो पाई है. अनुमान है कि पहले विमान की डिलीवरी 2026 तक हो सकती है. जबकि 83 जेट तक की डिलीवरी 2029 तक पूरी होने की उम्मीद है.
HAL के संशोधित लक्ष्य के अनुसार वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक 5 Mk1A विमान और 3 HTT-40 ट्रेनर देने का लक्ष्य रखा गया है, जो पहले अपेक्षित संख्या से काफी कम है.
भारतीय वायु सेना पर क्या पड़ेगा?
देरी की वजह से भारतीय वायु सेना को नए और उन्नत प्लेटफॉर्म का इंतजार बढ़ गया है, जिससे पुराने विमानों के संचालन को लंबा करना पड़ सकता है. इससे वायु शक्ति संतुलन और रणनैतिक योजनाओं पर असर भी पड़ सकता है.
IAF चीफ एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने 3 अक्टूबर की अपनी ब्रीफिंग में फोर्स को तेजस Mk1A का बेसब्री से इंतजार है. HAL का कहना है कि दस एयरक्राफ्ट पहले ही बन चुके हैं और टेस्ट किए जा चुके हैं, जिसमें एक नासिक में असेंबल किया गया जेट इंजन के टाइम पर आने के बाद हैंडओवर के लिए तैयार है.
HAL को अब तक मिले 10 इंजन
HAL को दस F-414 इंजन मिल चुके हैं. इस बीच, Mk1A के लिए हथियारों के ट्रायल, जिसमें एस्ट्रा और ASRAAM मिसाइल फायरिंग शामिल हैं, पूरे हो चुके हैं.
2029 तक करना होगा इंतजार
अब IAF को 2029 तक सभी 83 कॉन्ट्रैक्टेड तेजस Mk1A फाइटर प्लेन मिलने की उम्मीद है, जो लगभग एक साल की देरी को दिखाता है। 25 सितंबर को 97 और Mk1A जेट के लिए एक अलग ऑर्डर साइन किया गया था, जिसकी डिलीवरी 2027-28 में शुरू होने और 2033-34 तक खत्म होने की उम्मीद है. ज्यादा एडवांस LCA Mk2 को 2027 में रोल आउट करने का शेड्यूल है.