स्कूल की लड़की के रेप मामले में हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: नाबालिग आरोपी पर वयस्क की तरह कार्रवाई
बॉम्बे हाई कोर्ट ने नाबालिग लड़की के साथ एक आरोपी की ओर से दोस्तों संग मिलकर यौन उत्पीड़न करने को जघन्य अपराध माना है. एक 14 साल की लड़की के साथ 11वीं कक्षा का एक लड़का और उसके दोस्तों ने मिलकर कई महीनों तक यौन शोषण किया. उन्होंने लड़की को धमकाया और उसे डराया. कोर्ट ने कहा कि इस तरह के अपराधों के लिए सख्त सजा होनी चाहिए.;
हमारे समाज में बच्चों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है. हाल ही में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक ऐसे ही मामले में एक फैसला सुनाया है जो हमें सोचने पर मजबूर करता है. इस मामले में एक नाबालिग लड़की के साथ कई लड़कों ने मिलकर बार-बार यौन शोषण किया. कोर्ट ने इस अपराध को बेहद गंभीर माना है. अदालत ने किशोर न्याय बोर्ड के उस फैसले को चालू रखा, जिसमें नाबालिग को 2017- 2018 के बीच 14 साल की लड़की का यौन शोषण करने के लिए वयस्क के तौर पर मुकदमा चलाने का आदेश हुआ था.
जस्टिस जीए सनप की पीठ ने कहा की आरोपी ने बहुत बार पीड़िता का यौन शोषण किया है. ऐसा करना उसकी मानसिक स्थिति को दिखाता है. यह घटना महाराष्ट्र के यवतमाल जिले की है. एक 14 साल की लड़की के साथ 11वीं कक्षा का एक लड़का और उसके दोस्तों ने मिलकर कई महीनों तक यौन शोषण किया.
न्यायमूर्ति सनप ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति सनप ने कहा, "उसने खुद तो शोषण किया और साथ में पीड़िता को दूसरों के हाथों में सौंप दिया. यह जघन्य अपराध है.' अभियोजन पक्ष की ओर से बताया गया कि पीड़िता 8वीं कक्षा में पढ़ती थी. आरोपी 11वीं का स्टूडेंट था. उसके दोस्तों में कुछ नाबालिग और वयस्क भी शामिल थे. वे पीड़िता को चॉकलेट में नशीला पदार्थ मिलाकर देते रहे और 10 महीने तक उसका यौन शोषण किया. मुख्य आरोपी नाबालिग था और वह पीड़िता के भाई का दोस्त भी था."
न्याय की लड़ाई
पीड़िता के पिता को किसी ने बताया तो पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन, किशोर न्याय बोर्ड ने चार आरोपियों को जमानत दे दी. पीड़िता के पिता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की कि आरोपियों के खिलाफ वयस्कों की तरह मुकदमा चलाया जाए.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने पीड़िता के पिता की याचिका को स्वीकार कर लिया. कोर्ट ने कहा कि आरोपियों ने एक अजीब तरीके से इस अपराध को अंजाम दिया. उन्होंने लड़की को धमकाया और उसे डराया. कोर्ट ने कहा कि इस तरह के अपराधों के लिए सख्त सजा होनी चाहिए.े