कौन हैं सुरों की रानी Abida Parveen? जिनकी आवाज़ करती थी सरहदें पार, अब भारत में हुईं बैन

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत और पकिस्तान में इतना ज्यादा तनाव बढ़ गया है कि इसका खामियाजा दोनों देशों के कलाकारों को भी भुगतना पड़ रहा है. भारत में पाक इंडस्ट्री के सिंगर समेत कई एक्टर्स के इंस्टा अकाउंट बैन कर दिए गए हैं जिसमें से एक हैं सूफी सिंगर आबिदा परवीन भी.;

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Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 5 May 2025 6:07 PM IST

हाल ही में भारत ने पाकिस्तानी सूफी सिंगर आबिदा परवीन के इंस्टाग्राम अकाउंट को देश में ब्लॉक कर दिया, जिसके बाद उनके फैंस में निराशा की लहर दौड़ गई. यह कार्रवाई उन कई पाकिस्तानी हस्तियों की लिस्ट में नई कड़ी है, जिनके सोशल मीडिया अकाउंट्स को भारत में बैन किया गया है, जिसमें एक्ट्रेस माहिरा खान, हनिया आमिर, गायक अली जफर, फवाद खान, आतिफ असलम और क्रिकेटर बाबर आजम जैसे नाम शामिल हैं. 

यह डिजिटल प्रतिबंध 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और जवाबी कार्रवाई के तौर पर कई कदम उठाए, जिसमें 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर बैन लगाना शामिल था. इन चैनलों पर भारत, उसकी सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ, सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील कंटेंट और गलत सूचना फैलाने का आरोप था. गृह मंत्रालय की सिफारिशों के आधार पर यह कार्रवाई की गई.

कौन हैं आबिदा परवीन

आबिदा परवीन एक मशहूर पाकिस्तानी सूफी सिंगर हैं, जिन्हें 'सूफी संगीत की रानी' कहा जाता है. उनका जन्म 20 फरवरी 1954 को लरकाना, सिंध (पाकिस्तान) में हुआ था. वो सूफी कवियों जैसे अमीर खुसरो, बुल्ले शाह और शाह हुसैन की रचनाएं गाती हैं। इसके अलावा, वो काफ़ी, ग़ज़ल और लोक गीत भी गाती हैं. उनकी आवाज़ में एक खास तरह की भावना और आध्यात्मिक गहराई होती है, जो सुनने वालों के दिल को छू जाती है. उनका संगीत लोगों को सुकून और शांति का अहसास कराता. 

इन गानों को दी आवाज 

आबिदा परवीन ने 1970 के दशक में गाना शुरू किया था और धीरे-धीरे पूरी दुनिया में मशहूर हो गईं. उनके कुछ जाने-पहचाने गाने हैं – 'या रब्बा', 'झूम रे', 'तेरे इश्क़ नचाया', और 'लाल मेरी', जैसे गाने जो लोगों के दिलों को छूते हैं. उनके शानदार काम के लिए उन्हें पाकिस्तान के बड़े-बड़े अवार्ड मिले हैं, जैसे 'निशान-ए-इम्तियाज़' और 'सितारा-ए-इम्तियाज़' से उन्हें सम्मानित किया जा चुका है. वो सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि भारत और दुनिया भर में सूफी संगीत को पसंद करने वाले लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं. उनकी आवाज़ और गाने का अंदाज़ बहुत खास और दिल से जुड़ा हुआ माना जाता है.

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