कहानी चार्ल्स शोभराज की, जिसपर बनी है नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज Black Warrant
नेटफ्लिक्स इंडिया के मुताबिक जेल थ्रिलर 'ब्लैक वारंट' सीरीज़ नौसिखिए जेलर सुनील गुप्ता के नजरिए से तिहाड़ जेल की खोज करती है. यह सीरीज कॉन्फ्लुएंस मीडिया के कोलैबोरेशन से एक आंदोलन प्रोडक्शन, अप्लॉज़ एंटरटेनमेंट द्वारा प्रेजेंट की गई है. लीड रोल में ज़हान कपूर के साथ, इसकी स्टार कास्ट में राहुल भट्ट, परमवीर सिंह चीमा, अनुराग ठाकुर और सिद्धांत गुप्ता प्रमुख भूमिकाओं में हैं.;
नेटफ्लिक्स इंडिया ने शुक्रवार को जेल थ्रिलर 'ब्लैक वारंट' रिलीज़ किया. जर्नालिस्ट सुनेत्रा चौधरी की समान टाइटल वाली नॉन-फिक्शन किताब पर बेस्ड, यह तिहाड़ जेल के फॉर्मर सुपरिन्टेन्डेन्ट सुनील गुप्ता पर केंद्रित है. जबरदस्त हिट 'सेक्रेड गेम्स' के प्रोड्यूसर विक्रमादित्य मोटवानी ने नेटफ्लिक्स पर अपनी तरह के पहले जेल ड्रामा और लंबी-चौड़ी कहानी के साथ डिजिटल स्क्रीन पर अपनी वापसी की.
नेटफ्लिक्स इंडिया के मुताबिक, सीरीज़ नौसिखिए जेलर सुनील गुप्ता के नजरिए से तिहाड़ जेल की खोज करती है. दिसंबर 2024 में एक प्रेस नोट में, नेटफ्लिक्स इंडिया ने कहा था, 'जैसा कि सुनील नैतिक दुविधाओं और सत्ता संघर्ष से जूझ रहा है, नाटक जेल जीवन की कच्ची और अनफ़िल्टर्ड रियलिटी को उजागर करती है.' यह सीरीज कॉन्फ्लुएंस मीडिया के कोलैबोरेशन से एक आंदोलन प्रोडक्शन, अप्लॉज़ एंटरटेनमेंट द्वारा प्रेजेंट की गई है. लीड रोल में ज़हान कपूर के साथ, इसकी स्टार कास्ट में राहुल भट्ट, परमवीर सिंह चीमा, अनुराग ठाकुर और सिद्धांत गुप्ता प्रमुख भूमिकाओं में हैं.
ट्यूरिस्ट को बनाता था निशाना
इस सीरीज में बिकनी किलर चार्ल्स शोभराज के बारें में दिखाया गया है. चार्ल्स शोभराज का नाम 1970 और 1980 के दशक में कई हत्याओं, धोखाधड़ी और लूटपाट के मामलों से जुड़ा हुआ है. वह अपने अट्रैक्टिव पर्सनालिटी और चार्मिंग गेस्चर के कारण अपने शिकारों को फंसाने में माहिर था. वह अक्सर ट्यूरिस्ट को निशाना बनाता था, खासतौर से उन लोगों को जो 'हिप्पी ट्रेल' पर यात्रा कर रहे थे. इस सीरीज को दर्शकों को बेहद पॉजिटिव रिव्यू मिल रहा है.
बेहरहमी से करता था महिलाओं की हत्या
बता दें कि चार्ल्स इतना दिखने में इतना स्मार्ट था कि लड़कियां उसे देखते ही फिदा हो जाती थी. फर्राटेदार अंग्रेजी में बात करने वाला चार्ल्स गोवा में अकेले घूमने और विदेश से आने वाली लड़कियों से दोस्ती कर लेता था. दोस्ती के बाद वह उन्हें रात में डिनर पर बुलाता और उनके नशीला पदार्थ पिलाकर उनके साथ दुष्कर्म को वारदात देता था. उसकी हदें यहीं नहीं रुकीं, वह उन्हें लूटता भी था. अगर लड़की इसका विरोध करती तो वह उसकी बेरहमी से हत्या कर देता. उसने ऐसी करीब 21 खौफनाक वारदातों को अंजाम दिया था. उसने ज्यादातर थाईलैंड, अमेरिका, नेपाल, यूरोप और भारत की लड़कियों को मौत के घाट उतारा.
जेल से भाग गया था चार्ल्स
सुनील गुप्ता बताते हैं कि रविवार की शाम करीब साढ़े पांच बजे मैं सिनेमा घर में फिल्म देख रहा था, इसी दौरान फिल्म बंद कर दी गयी और ब्रेकिंग हुआ कि शातिर अपराधी चार्ल्स शोभराज जेल से भाग गया है. यह सुनकर मैं हैरान रह गया और तुरंत जेल के लिए रवाना हो गया. जब मैं जेल में गया तो देखा कि गेट पर पुलिसकर्मी लेटे हुए थे और उनके हथियार भी नीचे पड़े थे. उस समय सबसे आश्चर्य की बात यह थी कि चार्ल्स शोभराज सहित केवल 13 अपराधी ही जेल से भागे थे. जेल में बंद अन्य अपराधी भागे नहीं. उन सभी अपराधियों का मानना था कि हम सजा काटने के बाद ही जेल से बाहर निकलेंगे.
कभी नहीं अपनाया था पिता ने
शातिर अपराधी चार्ल्स शोभराज की मां वियतनामी और पिता भारतीय थे. उनकी मां अलग रहने लगीं, क्योंकि उन दोनों की कभी शादी नहीं हुई थी, जिसके कारण चार्ल्स के भारतीय पिता ने उन्हें कभी नहीं अपनाया. ऐसे में उनके सामने एक समय ऐसा भी आया जब वह किसी भी देश के नागरिक नहीं थे. चार्ल्स शोभराज का जन्म 1944 में वियतनाम के साइगॉन में हुआ था. उस समय इस शहर पर जापानियों का कब्ज़ा था. शोभराज की मां ने वियतनाम में तैनात एक फ्रांसीसी सैनिक से शादी की और पेरिस चली गईं. फ्रांसीसी सैनिकों ने चार्ल्स को गोद ले लिया, जिससे उन्हें फ्रांसीसी नागरिकता मिल गई. चार्ल्स का पूरा नाम हत्चंद भाओनानी गुरुमुख चार्ल्स शोभराज है.