'Sector 36' Is Based On True Story : 'थर्ड डिग्री' के बावजूद नहीं बदला था सुरिंदर कोली के चेहरे का भाव, कबूल की थी इतनी हत्याएं
हाल ही आई नेटफ्लिक्स फिल्म 'सेक्टर 36' 18 साल पहले हुए कुख्यात निठारी हत्याओं पर आधारित है. फिल्म 'सेक्टर 36' इस दिल दहला देने वाले घटनाक्रम का वर्णन करने है. जिसमें विक्रांत मैसी और दीपक डोबरियाल लीड रोल में नजर आए हैं.;
नेटफ्लिक्स फिल्म 'सेक्टर 36' 2006 की कुख्यात निठारी हत्याओं पर आधारित है. फिल्म में विक्रांत मैसी और दीपक डोबरियाल लीड रोल में नजर आएं. जहां विक्रांत ने सुरिंदर कोली नाम के एक व्यक्ति की भूमिका निभाई है. जिसे दर्जन से अधिक लोगों की हत्या करने और उनके शव को खाने के लिए जाना जाता है. वहीं दीपक डोबरियाल ने फिल्म में मृतकों के परिवार को न्याय दिलाने वाले पुलिस अफसर की भूमिका निभाई है. अब इस कुख्यात मामले पर हाल ही में यूपी पुलिस के पूर्व डीएसपी गजेंद्र सिंह ने आजतक से बात की. जिनके अंडर में यह केस था.
उन्होंने आजतक के साथ बातचीत में सुरिंदर कोली के कबूलनाम के बारें में बताया कि कैसे सुरिंदर कोली इतना अड़ियल था. उन्होंने याद किया कि पूछताछ के दौरान कोली पर बहुत दवाब बनाया गया लेकिन वह बहुत अड़ियल था. सिंह ने कहा कि वह तभी टूट पाया जब उसका सामना एक रिक्शा चालक से हुआ जिसके पास कथित अपराधों से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत थे. बता दें कि कोली तब पकड़ में आया जब सिंह और उनकी अन्य टीम पायल नाम की लापता लड़की के बारें में जांच कर रही थी. जिसकी हत्या सुरिंदर कोली ने मोनिंदर पंढेर नाम के एक बिजनेस मैन के नोएडा बंगले में की थी. कोली, मोनिंदर नाम के एक बिजनेस मैन के नोएडा बंगले का नौकर था.
बंगले के बाहर भीड़ जमा हो गई थी
कोली के साथ अपनी बातचीत को याद करते हुए पुलिस अधिकारी गजेंद्र सिंह ने कहा, 'नोएडा में पूरी फोर्स के पास खाने का भी समय नहीं था… टास्क फोर्स में हम सात थे, पूछताछ टीम में हम तीन थे, और हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी ये थी कि कोली और पंढेर को कोई नुकसान न पहुंचे, क्योंकि बंगले के बाहर भीड़ जमा हो गई थी. हमें उनकी सुरक्षा करनी थी और उनसे पूछताछ करनी थी. कुछ दिनों तक तो उसने कुछ नहीं कहा, लेकिन जब हम रिक्शा वाले को उसके सामने लाए, तब उसने पायल के बारे में खुलकर बात की उसने उसे मारने की बात कबूल कर ली.
कंकाल और मानव हड्डियां बरामद की गई
कोली के कबूल नामे के बाद पुलिस उसे कहे अनुसार बंगले के पीछे वाले हिस्से में ले गई जहां उसे हत्या के बाद शव को दफनाया था. जहां से अनगिनत कंकाल और मानव हड्डियां बरामद की गई थी. सिर्फ इतना ही नहीं बंगले के बाहर नाले से भी कई हड्डियां और कंकाल पाया गया. इसके बाद पुलिस ने फिर कोली से पूछताछ करना जारी रखा. जिसके बाद उसने 16 हत्ताएं कबूल की कैसे उसने उन लोगों को बेहरमी से मारा था. पुलिस अधिकारी सिंह का कहना है कि उसे इन हत्याओं का जरा भी पछतावा नहीं था, न वह रो रहा था, न हंस रहा था उसके चेहरे पर किसी तरह का कोई भाव नहीं था. यहां तक की उसपर थर्ड डिग्री का भी इस्तेमाल किया गया लेकिन उसके चेहरे का भाव नहीं बदला.
'बेशर्मी से' उल्लंघन
2023 में, कोली और पंढेर दोनों को सबूतों के अभाव में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया था. अदालत ने जांचकर्ताओं को 'साक्ष्य एकत्र करने के बुनियादी मानदंडों' का 'बेशर्मी से' उल्लंघन करने के लिए फटकार लगाई था. वहीं पंढेर आज़ाद हो गया, लेकिन कोली अभी भी एक हत्या के सिलसिले में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहा है.