Roi Roi Binale X Review : पहला हाफ स्लो दूसरा रोलरकोस्टर, ब्लाइंड म्यूजिशियन बनकर Zubeen Garg ने लास्ट फिल्म से जीता दिल
'रोई रोई बिनाले' जुबीन गर्ग का सपनों का प्रोजेक्ट था, जिसकी योजना वे 19 साल से बना रहे थे. यह उनकी आखिरी फिल्म है, जिसमें वे खुद नजर आए. उन्होंने इसे 19 सितंबर 2025 को सिंगापुर में अपनी मौत से ठीक पहले पूरा किया.;
रोई रोई बिनाले (Roi Roi Binale) सिर्फ एक सिनेमा नहीं, बल्कि एक इमोशनल ट्रिब्यूट है जुबीन गर्ग को. 31 अक्टूबर 2025 को रिलीज हुई यह फिल्म, जो जुबीन ने खुद लिखी, कंपोज की और प्रोड्यूस की, असम के सिनेमा इतिहास में मील का पत्थर साबित हो रही है. यह एक म्यूजिकल लव स्टोरी है, जिसमें जुबीन एक ब्लाइंड म्यूजिशियन की भूमिका में हैं एक ऐसा किरदार जो उनकी अपनी artistic journey को रिफ्लेक्ट करता है. फिल्म का बैकग्राउंड आतंकवाद से उबरते इलाके का है, जहां प्यार, म्यूजिक और जिंदगी की कई सुंदरता है.
फिल्म की कहानी धीमी गति से शुरू होती है, लेकिन जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, यह भावनाओं की गहराई में उतर जाती है. जुबीन का किरदार एक ब्लाइंड कलाकार का है, जो साउंड, इमैजिनेशन और प्यार के जरिए दुनिया को महसूस करता है. स्क्रिप्ट में सिंबॉलिक एलिमेंट्स हैं. पहला हाफ थोड़ा धीमा लग सकता है, लेकिन दूसरा हाफ इमोशनल रोलरकोस्टर है, जो क्लाइमैक्स में एक भारी लेकिन सुंदर अंत तक ले जाता है. यह कमर्शियल ड्रामा कम, पोएटिक जर्नी ज्यादा है. जुबीन की मौत के बाद यह स्टोरी और भी रिलेवेंट हो जाती है, क्योंकि यह उनकी अपनी जिंदगी की तरह लगती है संगीत से भरी, लेकिन दर्द से लिपटी.
फूट-फूटकर रोए दर्शक
आज सुबह ठीक 4 बजकर 25 मिनट पर इतिहास रचते हुए असम के सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई जुबिन गर्ग की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘रोई रोई बिनाले’. यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि भावनाओं का सैलाब बनकर दर्शकों के दिलों को छू रही है. फिल्म के प्रदर्शन के दौरान कई दर्शक अपनी भावनाएं रोक नहीं पाए और थिएटर के अंदर ही फूट-फूटकर रो पड़े. राजेश भुयान के निर्देशन में बनी यह फिल्म जुबिन गर्ग की आख़िरी और सबसे खास प्रस्तुति है एक अंधे कलाकार की कहानी, जो प्रेम और उम्मीद के ज़रिए टूटे समाज में नई रोशनी लाता है. जुबिन ने इस फिल्म की कहानी खुद लिखी, 11 गीतों की रचना और संगीत निर्देशन भी स्वयं किया, और अपनी ही आवाज़ में उन्हें रिकॉर्ड किया. असम के 94 सिनेमाघरों में रोज़ 456 शो, सिर्फ गुवाहाटी में 157 शो, और देशभर के शहरों…दिल्ली-NCR, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, कोलकाता और कोच्चि में भी दर्शकों का अपार उत्साह देखने को मिल रहा है.
परफॉर्मेंस
जुबीन गर्ग यह उनकी आखिरी परफॉर्मेंस है, और वह दिल जीत लेते हैं. ब्लाइंड म्यूजिशियन के रोल में उनकी आंखें बोलती हैं. सपोर्टिव एक्टर में उनके साथ मौसुमी अलीफा शामिल हैं उनकी केमिस्ट्री जुबीन के साथ हार्ट टचिंग है. उनके अलावा (जॉय कश्यप, अचुरज्या बोरपात्रा): वे बैकस्टोरी को मजबूत बनाते हैं, खासकर आतंकवाद के ट्रॉमा वाले सीन में.
एक्स यूजर्स रिएक्शन
नंदन प्रतिम शर्मा बोरदोलोई लिखते हैं, 'आज सुबह 4:25 बजे से, ज़ुबीन गर्ग की आखिरी फ़िल्म "रोई रोई बिनाले" असम में 500 से ज़्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज़ हुई. सिनेमाघरों ने उनके लिए एक सीट रिजर्व्ड रखी थी. एक महान व्यक्ति को एक मौन श्रद्धांजलि यह दर्शाता है कि एक राष्ट्र एक व्यक्ति से कितनी गहराई से प्रेम कर सकता है. असम के लोगों ने अपने दिल से इसे साबित किया.'
दूसरे ने लिखा, 'ज़ुबीन गर्ग ने अपने जीवनकाल में असम के हर घर को एक व्यक्तिगत पत्र लिखकर अपनी फिल्म 'रोई रोई बिनाले' देखने का इंवेटशन देने की योजना बनाई थी. यह पहली बार है जब किसी असमिया फिल्म के लिए ह्यूमन टच कैंपिंग की योजना बनाई गई है. ज़ुबीन गर्ग ने ही यह सोचा था. अपने फैंस को पत्र लिखने से बेहतर और क्या विचार हो सकता है?. उनके निधन के बाद, यह पत्र अब एक प्राइसलेस गिफ्ट बन गया है. मुझे यकीन है कि हर कोई इसकी एक कॉपी अपने पास रखना चाहेगा. ज़ुबीन गर्ग ने पूरी फिल्म इंडस्ट्री को बदल दिया. मुझे उम्मीद है कि यह इंडस्ट्री ज़ुबीन के सपनों के मुताबिक अपने शिखर पर पहुंचेगी.'
वहीं आधे से ज्यादा फैंस थिएटर से बाहर निकलने के बाद रोते नजर आए. ज़ुबीन के 'रोई रोई बिनाले' देखने के सफ़र को याद करते हुए उनके प्रशंसकों की आंखों में आंसू आ गए. यह फिल्म उन्हें ऐसा लगा जैसे अलविदा कह ही नहीं पाए। #ज़ुबीनगर्ग #ज़ुबीन_गर्ग #असम.'
एक अन्य ने थिएटर के अंदर से कुछ वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'असम में फैंस ने दिवंगत सिंगर ज़ुबीन गर्ग को उनकी आखिरी फिल्म 'रोई रोई बिनाले' की स्क्रीनिंग के दौरान भावभीनी श्रद्धांजलि दी. गुवाहाटी के अनुराधा सिनेमा में, जहां पहला शो, पहली लाइन, पहली सीट गर्ग को डेडिकेटेड थी, फैंस ने स्क्रीनिंग शुरू होने से पहले तालियां बजाईं और 'ज़ुबीन्दा अमर रहे!' (ज़ुबीन्दा अमर रहे) के नारे लगाए.
पूरे असम में छाई 'रोई रोई बिनाले'
'रोई रोई बिनाले' जुबीन गर्ग का सपनों का प्रोजेक्ट था, जिसकी योजना वे 19 साल से बना रहे थे. यह उनकी आखिरी फिल्म है, जिसमें वे खुद नजर आए. उन्होंने इसे 19 सितंबर 2025 को सिंगापुर में अपनी मौत से ठीक पहले पूरा किया. असम में हजारों फैन बारिश की परवाह किए बिना सुबह 4 बजे से सिनेमाघरों के बाहर लाइन लगाकर पहले शो का इंतजार कर रहे हैं. राज्य में हर शो हाउसफुल है और पहले हफ्ते के सारे टिकट पहले ही बिक चुके हैं. असम के सारे सिनेमाघरों में सिर्फ यह फिल्म चल रही है कोई दूसरी फिल्म नहीं. यह फिल्म भारत के 30 से ज्यादा शहरों में रिलीज हो चुकी है और लगभग 800 शो हो चुके हैं. उम्मीद है कि यह 100 करोड़ से कम कमाई करेगी जो असमिया सिनेमा के लिए बहुत बड़ी बात होगी.