Asha Parekh से डरते थे Rajesh Khanna, यह थी काका के डर की वजह
पॉपुलर ऑन स्क्रीन जोड़ियों में से एक आशा पारेख और राजेश को एक साथ कई फिल्मों में देखा गया. दोनों ने 1967 में फिल्म 'बहारों के सपने' में काम किया था और इसके बाद दोनों कई सफल फिल्मों में साथ नजर आए. लेकिन एक शो के दौरान आशा ने कहा था कि काका उनसे डरते थे. सिर्फ इतना ही नहीं दिग्गज एक्ट्रेस ने यह भी बताया कि सफलता के बाद राजेश बदल गए थे.;
आशा पारेख (Asha Parekh) और राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में साथ नजर आए. दोनों को 'कटी पतंग', 'आन मिलो सजना', धर्म और कानून' और 'भरोसे के सपने' जैसी खास फिल्मों में देखा जा चुका है. लेकिन क्या दोनों के फैंस यह बात जानते हैं कि राजेश जिन्हें दुनिया प्यार से काका कहती है वह अपने शुरुआती दिनों में आशा पारेख से डरते थें. अक्सर सुना गया है कि काका फिल्म के सेट पर देरी पहुंचते थें. लेकिन इस मामले में आशा पारेख को अन्य सेलेब्स की तरह काका से कोई शिकायत नहीं हुई क्योंकि उनका कहना है कि उन्हें पता होता था कि सेट पर राजेश कब तक आएंगे.
इंडियन आइडल शो में आशा ने बताया था कि उन्होंने राजेश के साथ पहली बार 1967 में फिल्म 'बहारों के सपने' में काम किया था और उस समय राजेश उनसे डरते थे. आशा ने बताया कि राजेश उन शुरुआती दिनों में इंट्रोवर्ट थे और किसी से बात नहीं करते थे. लेकिन जल्द ही जब उन्होंने साथ में 2-3 फिल्में कीं तो उन्होंने उनके सामने खुलना शुरू कर दिया.
यह थी डर की वजह
आशा ने काका के डरने की वजह बताते हुए कहा था कि राजेश ने उन दिनों अपना करियर शुरू किया था, इसलिए वह मुझसे थोड़ा झिझकते थे. एक दिन उन्होंने मेरी तरफ देखा और अपना चेहरा फेर लिया तो मुझे बहुत बुरा लगा. मैंने कहा- नो डेट्स, इसके बाद उन्हें डांटा गया. फिर उन्होंने मुझे फोन किया और कहा कि मेरा ऐसा मतलब नहीं था. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए था क्योंकि वह मुझसे डरते थे.'
हम इसे मैनेज कर लेते थे
एक अन्य बातचीत में आशा ने याद किया कि राजेश का सेट पर देर से आना उन्हें परेशान नहीं करता था क्योंकि उन्होंने एक-दूसरे के साथ एक सिस्टम बना लिया था. उनकी समय की पाबंदी के बारे में आशा ने बताया, 'एक बार उन्होंने मुझसे पूछा कि तुम इतनी जल्दी क्यों आती हो?' मैंने कहा क्योंकि यहां 2 बजे की शिफ्ट है इसलिए मुझे 2 बजे यहां पहुंचना होता है. इसके बाद उन्होंने मुझसे कहा तुम इतनी जल्दी मत आया करो मैं 4 बजे आ आऊंगा इसलिए तुम भी 4 बजे आ जाना तो, मैंने कहा मैं भी 4 बजे आ जाउंगी. इस तरह हम इसे मैनेज कर लेते थे. 2-3 फिल्मों में काम करने के बाद हम दोस्त बन गए इसलिए मेरे लिए उनके साथ काम करना बहुत मुश्किल नहीं था.'
उनका रवैया बदल गया था
जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके साथ काम करना मुश्किल था, तो आशा ने इंडिया टुडे से शेयर किया, 'जब वह सुपरस्टार बन गए तो उनके लिए थोड़ा मुश्किल था. लेकिन उनकी पहली फ़िल्मों में से एक मेरे साथ थी जो 'बहारों के सपने' थी उस समय वह बहुत शांत व्यक्ति थे. वह मेरे घर भी आते थे. वह बहुत ही शांत और इंट्रोवर्ट थे.' आशा ने कहा कि सफल होने के बाद उनका रवैया बदल गया. वह पूरी तरह से अलग तरह के व्यक्ति बन गए क्योंकि वह हर समय लड़कियों से घिरे रहते थे.'