प्रेमानंद महाराज को अपनी किडनी देना चाहते हैं Raj Kundra, हैरान रह गई Shilpa Shetty; जवाब सुन चौंक जाएंगे आप
प्रेमानंद महाराज का दरबार आज के समय उन स्थानों में से एक है जहां लोग अपनी परेशानियां उनके आगे रखने जाते हैं. फिर चाहे वह छोटा सा छोटा आम इंसान हो या बड़े से बड़ा स्टार. महाराज जी के दरबार में अपनी हाजरी लगाने पहुंचे शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा. जहां राज ने महाराज जी को अपनी किडनी तक देने के लिए बात कह दी.;
शिल्पा शेट्टी, जिन्हें उनके ठुमकों और एनर्जी से भरपूर डांस मूव्स के लिए 'ठुमका क्वीन' भी कहा जाता है, सोशल मीडिया पर हमेशा चर्चा में रहती हैं. वह अक्सर अपने पोस्ट में यह दिखाती हैं कि उन्हें ईश्वर पर गहरा विश्वास है. इसी कड़ी में, हाल ही में शिल्पा अपने पति राज कुंद्रा के साथ वृंदावन पहुंचीं, जहां उन्होंने संत प्रेमानंद महाराज से आशीर्वाद लिया. मुलाकात का माहौल पूरी तरह शांत, आध्यात्मिक और पॉजिटिव एनर्जी से भरा हुआ था.
शिल्पा और राज ने संत के सामने हाथ जोड़कर उनकी बातें सुनीं और अपने मन की बातें भी शेयर की. प्रेमानंद महाराज को पहले से ही बॉलीवुड और अन्य क्षेत्रों के कई बड़े सितारे मानते हैं, और अब इस सूची में शिल्पा-राज का नाम भी शामिल हो गया है. मुलाकात के दौरान शिल्पा शेट्टी ने संत से पूछा- राधा जप कैसे करना चाहिए?. इस पर प्रेमानंद महाराज ने समझाया कि 'राधा नाम जप' जीवन के सभी दुख और कष्ट दूर करने का एक साधन है. उन्होंने कहा, 'अगर आप संतों के बताए मार्ग पर चलेंगे तो जीवन का बेड़ा आसानी से पार हो जाएगा.'
राज कुंद्रा ने दान करनी चाही अपनी किडनी
बातचीत के दौरान महाराज जी ने अपने स्वास्थ्य के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि उनकी दोनों किडनियां पिछले 10 सालों से खराब हैं और वह इसी हालत में जीवन जी रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ईश्वर का बुलावा कभी भी आ सकता है, लेकिन अब उन्हें इस बात से कोई डर नहीं है. यह सुनते ही राज कुंद्रा ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा, 'मैं पिछले दो साल से आपको फॉलो कर रहा हूं. मेरे पास कोई सवाल नहीं है, क्योंकि जब भी मेरे मन में कोई डर या सवाल आता है, आपके वीडियो अगले ही दिन जवाब दे देते हैं. आप सबके लिए प्रेरणा हैं. अगर मैं आपके किसी काम आ पाऊं, तो मेरी एक किडनी आपके नाम.' राज की यह बात सुनकर वहां मौजूद लोग हैरान रह गए. खुद शिल्पा भी कुछ पल के लिए हैरान रह गईं. हालांकि, प्रेमानंद महाराज ने इस पेशकश को प्यार और सम्मान से जोड़ते हुए कहा, 'नहीं… मेरे लिए इतना ही बहुत है कि आप खुश रहें. जब तक ईश्वर का बुलावा नहीं आएगा, तब तक मैं किडनी की वजह से दुनिया नहीं छोड़ूंगा. लेकिन आपका यह सद्भाव मैं हृदय से स्वीकार करता हूं.'
कौन हैं प्रेमानन्द महाराज?
प्रेमानन्द महाराज का असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है जो, उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के सरसौल ब्लॉक के एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे. मात्र 13 साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़ा और वाराणसी (काशी) में सन्यास का मार्ग चुन लिया. उन्हें ब्रह्मचारी दीक्षा मिली और बाद में उन्होंने संन्यास धारण कर लिया. वे राधा-वल्लभ संप्रदाय के सिद्धांतों के अनुसार चलते हैं, जो प्रेम और भक्ति पर आधारित मार्ग है. उन्होंने बताया है कि भक्ति के लिए गहन ज्ञान की आवश्यकता नहीं- 'नाम जप' और सादगी से जीवन की दिशा बदल सकती है. अक्सर प्रेमानंद महाराज के पास उनके अनुयायी और बड़े-बड़े सेलेब्रेटीज आते हैं.